शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2014

शौक बड़ी चीज: माल्या ने खरीदा 4 करोड़ का घोड़ा

नई दिल्ली। 
एक विज्ञापन टीवी पर अक्सर दिखाई दे जाता है कि 'शौक बड़ी चीज है'। लगता है कि विजय माल्या ने इस 'गुरुमंत्र' को आत्मसात कर लिया है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक उन्होंने एक घोड़ा खरीदा है जिसकी कीमत करीब चार करोड़ रुपये है। हालांकि कहा ये भी जा रहा है कि इसकी कीमत चार करोड़ से भी ज्यादा हो सकती है। इस घोड़े का नाम है एयर सपोर्ट।
उनकी एयरलाइन्स कंपनी डूबे तो डूबे लेकिन माल्या को क्या? कर्मचारियों को बेशक सैलेरी ना मिले, वो आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएं लेकिन भला शौक पर किसका बस चलता है।
21 साल की उम्र से घोड़ों की दौड़ का शौक पाले हुए हैं माल्या। खबर के मुताबिक माल्या की गिनती भारत के शीर्ष तीन, घोड़ा मालिकों और ब्रीडर्स में होती है। माल्या के अलावा पूनावाला परिवार और एमएएम रामास्वामी भी शीर्ष तीन में हैं।
1992 में माल्या ने एक 250 साल पुराना ऐतिहासिक स्टड फार्म खरीदा था जो 450 एकड़ में फैला हुआ है। माना जा रहा है कि इस घोड़े को वहीं रखा जाएगा और ब्रीडिंग के काम में लिया जाएगा।
एयर सपोर्ट नाम का ये घोड़ा अभी तक वर्जीनिया डर्बी समेत पांच रेस जीत चुका है।
कुछ वक्त ही बीता है जब माल्या ने बैंगलौर आईपीएल टीम के लिए युवराज सिंह को 14 करोड़ में खरीदा था। 

मोदी मोह के चलते जनरल पर कसा सीबीआई का शिकंजा

नई दिल्ली। 
पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत) वी के सिंह के उस आरोप के सत्यापन के लिए सीबीआई उनके द्वारा सौंपी गयी एक ऑडियो रिकॉर्डिंग की फॅारेंसिक जांच फिर से करायेगी जिसमें उन्होंने कहा था कि टाट्रा ट्रकों की आपूर्ति को मंजूर करने की एवज में थलसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें कथित तौर पर रिश्वत की पेशकश की थी।
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि एजेंसी उस सीडी की फॉरेंसिक जांच फिर से कराना चाहती है जिसमें वी के सिंह को 14 करोड़ रुपए की कथित रिश्वत की पेशकश के समय की बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग है। सूत्रों ने कहा कि पहले की गयी जांच में सीडी से कुछ भी सामने नहीं आ पाया था।
सीडी में रिकॉर्ड की गयी चीजें सुनना संभव नहीं हो सका। इसके बाद उसे फॉरेंसिक जांच के लिए केंद्रीय फॉरेंसिक एवं वैज्ञानिक प्रयोगशाला (सीएफएसएल) भेज दिया गया। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने फिर से फॉरेंसिक जांच कराने के लिए सीडी को सीएफएसएल भेज दिया है।’’ फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने तत्कालीन थल सेनाध्यक्ष द्वारा मुहैया कराए गए रिकॉर्डिंग उपकरण से डाटा हासिल करने की कोशिश की थी।
इस सीडी में वह बातचीत रिकॉर्ड की गयी थी जिसमें थलसेना के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) तेजिंदर सिंह ने वी के सिंह को 600 टाट्रा ट्रकों की आपूर्ति मंजूर करने की एवज में 14 करोड़ रुपए की कथित रिश्वत की पेशकश की थी पर पाया कि उपकरण का डाटा ‘‘करप्ट’’ है यानी उसे सुना नहीं जा सकता।

भारत में न्यायपालिका समेत हर स्तर पर व्यापक भ्रष्टाचार

वॉशिंगटन। 
अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में न्यायपालिका समेत सरकार के हर स्तर पर व्यापक भ्रष्टाचार है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी द्वारा जारी इस वाषिर्क रिपोर्ट (कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रेक्टिसेज) में कहा गया, "भ्रष्टाचार व्यापक स्तर पर है।" इस रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि आधिकारिक स्तर पर भ्रष्टाचार होने पर कानून आपराधिक दंड देता है लेकिन भारत सरकार ने कानून को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया और अधिकारी छूट का फायदा उठा कर भ्रष्ट कामों में लिप्त हो जाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार के हर स्तर पर भ्रष्टाचार मौजूद है। सीबीआई ने जनवरी से नवंबर माह के बीच में भ्रष्टाचार के 583 मामले दर्ज किए हैं।
इसमें कहा गया है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग को वर्ष 2012 में 7,224 मामले मिले। 5,528 मामले वर्ष 2012 के थे और बाकी 1,696 मामले 2011 से बचे थे। आयोग ने 5,720 मामलों पर कार्रवाई की सिफारिश की थी।
-एजेंसी
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...