शनिवार, 19 अप्रैल 2014

वॉल स्ट्रीट तक पहुंचने के लिए वाड्रा को दी भाजपा ने बधाई

नई दिल्ली। 
सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा पर बीजेपी का हमला आज भी जारी है. आज बीजेपी नेताओं अरुण जेटली और रविशंकर प्रसाद ने वाड्रा के कारोबार को वाड्रा मॉडल का नाम दे दिया. आपको बता दें कि शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में द वॉल स्ट्रीट ने खुलासा किया था कि दसवीं पास कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के पास 2012 में सवा तीन सौ करोड़ की जमीन जायदाद थी.
अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा है- राबर्ट वाड्रा को बधाई हो. द वॉल स्ट्रीट जनरल तक पहुंच गए. बिजनेस एनालिस्ट को वाड्रा बिजनेस मॉडल पर रिसर्च पेपर तैयार करना चाहिए. बिना पूंजी लगाए बिजनेस शुरू किया. राजनीतिक पूंजी से लोन और एडवांस आए. लोन से बाजार मूल्य से कम दाम में प्रापर्टी खरीदी.
ब्लॉग में आगे यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए जेटली ने लिखा है- सरकार के संरक्षण में बहुत सारे लोग ऐसे सौदे करना चाहेंगे. इससे गंभीर सवाल खड़े होंगे. इसलिए तो द वॉल स्ट्रीट ने ये किया.
अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट में ने अनुमान लगाया गया है कि साल 2012 तक रॉबर्ट वाड्रा ने 72 करोड़ रुपये की जमीन बेच कर मुनाफा कमाया था और अब भी करीब 253 करोड़ रुपये की जमीन के रॉबर्ट वाड्रा मालिक हैं. आपको बता दें कि ये सारे आंकड़े 2012 तक के हैं, उसके बाद से रॉबर्ट वाड्रा की कंपनियों के दस्तावेज सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं हैं.
साल 1997 में रॉबर्ट वाड्रा की शादी प्रियंका गांधी से हुई थी. साल 2004 में कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए ने सत्ता संभाली थी. उस वक्त तक रॉबर्ट वाड्रा एक छोटा से एक्सपोर्ट का बिजनेस चलाते थे. पर साल 2007 में रॉबर्ट वाड्रा ने रियल एस्टेट के बिजनेस में कदम रखा. करीब एक लाख की पूंजी के साथ शुरू हुआ बिजनेस सात साल में करोड़ों में पहुंच गया है तरक्की की ये कहानी कांग्रेस शासित राज्यों में लिखी गई.
द वॉल स्ट्रीट जनरल ने जिन सौदों का जिक्र किया है उसमें शामिल हैं-
साल 2008- स्काई लाइट ने गुड़गांव में साढ़े तीन एकड़ जमीन खरीदी करीब 7.5 करोड़ में खरीदी और ढाई महीने में लैंड यूज बदल कर डीएलएफ को ये जमीन 58 करोड़ में बेच दी. अखबार ने इस सौदे को लेकर अशोक खेमका के तबादले और दूसरी अनियमितताओं का जिक्र भी किया है.
साल 2008-09- स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी ने 31 करोड़ में दिल्ली में डीएलएफ के एक होटल में 50 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी थी जबकि साल 2012 में इसकी कीमत हो गई 198 करोड़.
साल 2010- जनवरी 2010 में वाड्रा ने 94 एकड़ जमीन 42 लाख में खरीदी. कुछ ही वक्त बाद केंद्र सरकार की तरफ से सोलर पार्क में निवेश करने पर टैक्स रियायत देने का ऐलान किया गया. एक साल में राजस्थान सरकार ने भी ऐसी ही रियायत दी. नतीजा हुआ जमीनें करीब दस गुना महंगी हो गईं.
साल 2009-12- राजस्थान में वाड्रा की कंपनियों ने तीन साल में 2000 एकड़ जमीन खरीदी. जिसमें करीब एक तिहाई 700 एकड़ जमीन बेच कर करीब 16 करोड़ कमा लिए. जो जमीन पर खर्च करने का तीन गुना था. कांग्रेस इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा का बचाव करती आ रही थी अब कांग्रेस का कहना है कि अगर कुछ गलत लगता है तो जांच होनी चाहिए.
द वॉल स्ट्रीट रिपोर्टर ने रॉबर्ट के प्रवक्ता से इस बारे में बात की तो उनके प्रवक्ता ने कहा कि ये वाड्रा को बदनाम करने की साजिश है. वाड्रा के प्रवक्ता ने कहा कि राजनीतिक कारणों से बदनाम करने की साजिश चल रही है. वाड्रा के पास जमीन खरीदने और बेचने का अधिकार है. उन्होंने किसी से अनुचित लाभ नहीं लिया. रॉबर्ट वाड्रा ने जो भी किया वो कानून के मुताबिक किया. इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना है.
-एजेंसी
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