सोमवार, 16 जुलाई 2012

मथुरा निकाय चुनाव:जे नर्म के पैसे ने पैदा कर दिये अचानक इतने खेवनहार

जरा विचार कीजिये कि जिन्‍हें न तो कोई वेतन-भत्‍ता मिलता है, न कोई सुविधा प्राप्‍त होती है। निर्णय लेने का कोई अधिकार हासिल नहीं है। संविधान ने कोई विशेष दर्जा भी नहीं दे रखा तो फिर घर फूंक कर तमाशा देखने को यह इतने उतावले क्‍यों हैं ?
(लीजेण्‍ड न्‍यूज़ विशेष) 
यूपी में निकाय चुनाव यूं तो लगभग सम्‍पन्‍न हो चुके हैं पर विभिन्‍न कारणों से कुछ जनपदों में मतदान होना अभी बाकी है। इन जनपदों में मथुरा भी शामिल है।

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