शनिवार, 4 जनवरी 2014

इस कदर घबराए हुए थे... कि पहले की थी मॉक कॉफ्रेंस

नई दिल्ली। 
बतौर प्रधानमंत्री दस साल के कार्यकाल में तीसरी बार मीडिया से रूबरू होने से पहले पीएम मनमोहन सिंह को रिहर्सल करवाई गई थी। यूपीए-2 के कार्यकाल में उनकी दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के तैयारी के लिए मनमोहन ने सचिवालय के अधिकारियों के साथ रिहर्सल की थी। रिहर्सल के दौरान सचिवालय के अधिकारियों ने मनमोहन से सौ सवाल पूछे और उन्होंने जवाब दिया। पीएम मनमोहन अपने आपको रिहर्सल के माध्यम से मीडिया से रूबरू होने के लिए तैयार करके आए थे।
पहले हुई मॉक कॉन्फ्रेंस
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए पूरी तैयारी करवाई गई थी। उन्होंने सचिवालय के साथ मॉक प्रेस कॉन्फ्रेंस करवाई थी। सचिवालय के अधिकारियों ने मॉक कॉन्फ्रेंस में पीएम से वे सवाल पूछे जो मीडिया पूछ सकती है। पीआईबी और डीएवीपी के 80 से ज्यादा अधिकारियों को मॉक कॉन्फ्रेंस की जिम्मेदारी गई थी। पीएम की प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिम्मेदारी सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी को मिली हुई थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के प्रबंधन का काम तिवारी ही देख रहे थे।
-एजेंसी

दिल्‍ली मेट्रो पर 10 तक हो सकता है 26/11 जैसा हमला

नई दिल्‍ली। 
अब तक आतंकवादियों की नज़रों से बची दिल्ली मेट्रो पर आतंकी साया मंडराने लगा है. दिल्ली मेट्रो पर आतंकवादी 26/11 जैसा हमला कर सकते हैं. मिलिट्री इंटेलिजेंस के सूत्रों के मुताबिक नए साल में दस दिन के भीतर आतंकवादी दिल्ली मेट्रो को अपना निशाना बना सकते हैं. मिलिट्री इंटेलिजेंस ने मेट्रो सिक्योरिटी को अलर्ट भेजकर कहा है कि कुछ आतंकी संगठन 10 जनवरी तक मेट्रो में 26/11 जैसे आतंकी हमले को अंजाम दे सकते हैं.
सीआईएसएफ को मिली खुफिया जानकारी के अनुसार मेट्रो में आतंकी हमले का अलर्ट 31 दिसंबर को मिला था.
चेतावनी के अनुसार 2014 में 10 जनवरी तक आतंकवादी कभी भी दिल्‍ली मेट्रो को अपना निशाना बना सकते हैं.
आतंकवादियों की इस धमकी के बाद दिल्‍ली मेट्रो की सुरक्षा पहले से और अधिक बढ़ा दी गई है.
एनसीआर में 140 स्टेशन पर पांच हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात हैं.
इसके बाद हर मेट्रो स्‍टेशन में आने वाले यात्रियों पर कड़ी नज़र रखी जा रही है. मेट्रो ट्रेन और स्टेशन पर संदिग्ध मुसाफिरों से पूछताछ और सामान की गहन तलाशी का अभियान चलाया जा रहा है.
-एजेंसी

टू-व्‍हीलर्स पर रखकर ही करोड़ों के सेब बेच लिए वीरभद्र ने

नई दिल्‍ली। 
रिश्वत लेने के आरोपों से घिरे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की परेशानियां और बढ़ने वाली हैं। उनके खिलाफ जांच में यह बात सामने आई है कि अपने बगान के करोड़ों रुपये के सेब की उन्होंने टू-वीलर्स और तेल टैंकर से ढुलाई करवा ली। यह ठीक वैसा ही हास्यास्पद मामला है, जिस तरह से बिहार में चारा घोटाले की जांच में यह बात सामने आई थी कि सांड़ों को स्कूटर से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया था।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक बार फिर वीरभद्र सिंह के उस दावे की जांच में तेजी ला दी है, जिसमें उन्होंने 3 सालों में बागवानी से होने वाली आय 6.56 करोड़ रुपये दिखाई थी। एक इंग्लिश न्यूज़ पेपर ने लिखा है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वीरभद्र सिंह और इंश्योरेंस एजेंट आनंद चौहान को अलग-अलग नोटिस भेजे हैं। नोटिस में वीरभद्र सिंह की बागवानी से हुई आय के बारे में सवाल उठाए गए हैं।
कहा जाता है कि आनंद चौहान ही मुख्यमंत्री के श्रीखंड वाले बागानों की देखरेख करता था। जून 2008 में वीरभद्र और आनंद चौहान ने एक एमओयू साइन किया था। इस एमओयू के तहत चौहान को वीरभद्र के बागान की देखभाल करनी थी। यह भी तय किया गया था कि चौहान को बागान से होने वाली आमदनी वीरभद्र और उनके परिवार की तरफ से एलआईसी या म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करनी होगी।
चौहान ने क्लेम किया है कि उसने वीरभद्र सिंह के बागान के सेब यूनिवर्सल ऐपल असोसिएट के चुन्नीलाल को बेचे हैं। चुन्नीलाल नाम के शख्स ने टैक्स अथॉरिटीज़ को उन 18 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर दिए हैं, जिनकी मदद से वीरभद्र के बागानों से सेब ढोए गए थे। जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इन नंबरों की जांच की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। मालूम हुआ कि इनमें से दो नंबर- HP 06 0768 और HP 06 1123 तो स्कूटर के हैं। एक अन्य नंबर HP 63 4975 तेल टैंकर का है। एक नंबर तो ऐसा है जो किसी को अलॉट ही नहीं हुआ। इनमें से कुछ नंबर ऐसे 'ट्रिपर' वीकल्स के हैं, जो यूज नहीं किए गए।
ऐसे में एक ऑफिशल ने आरोप लगाया, 'इन नंबरों को देखकर साफ लगता है कि चुन्नीलाल को कोई सेब नहीं बेचे गए। इसका मतलब है कि वीरभद्र सिंह ने बागवानी से जो आमदनी दिखाई है, वह झूठी है।'
इसी हफ्ते की शुरुआत में राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर वीरभद्र सिंह पर रिश्वत लेने और केंद्रीय इस्पात मंत्री रहते हुए एक स्टील कंपनी से पैसे लेने का आरोप लगाया था। 2 मार्च, 2012 को वीरभद्र सिंह ने 3 फाइनैंशल इयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न्स फाइल किए थे। उन्होंने बताया था कि बगवानी के जरिए उन्हें 2009-10 में 2.12 करोड़, 2010-11 में 2.80 करोड़ और 2011-12 में 1.55 करोड़ की आमदनी हुई है। उन्होंने क्लेम किया था कि 105 बीघा में फैले सेब के बागान से उन्हें आमदनी हुई है इसलिए वह इनकम टैक्स रिटर्न्स में रिविज़न करना चाहते हैं।
अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने साल 2010-11 में हुई वीरभद्र सिंह की आमदनी का आंकलन करने का काम दोबारा शुरू कर दिया है। हालांकि वीरभद्र सिंह के करीबियों का कहना है कि उनकी जानकारी में ऐसी कोई बात नहीं आई है।
-एजेंसी
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