भारत में आज तक होने वाले सभी शासकों
की वंशावली का उल्लेख पुराणों के अंदर मिलता है। पुराणकार पुराणों की
भविष्यवाणियों का अलग-अलग अर्थ निकालते हैं। यहां प्रस्तुत हैं भागवत पुराण
में दर्ज भविष्यवाणी के अंश।
अपनी तुच्छ बुद्धि को ही शाश्वत समझकर कुछ मूर्ख ईश्वर की तथा धर्मग्रंथों की प्रामाणिकता मांगने का दुस्साहस करेंगे, इसका अर्थ होगा कि उनके पाप जोर मार रहे हैं।
ज्यों-ज्यों घोर कलयुग आता जाएगा त्यों-त्यों सौराष्ट्र, अवंति, अधीर, शूर, अर्बुद और मालव देश के ब्राह्मणगण संस्कारशून्य हो जाएंगे तथा राजा लोग भी शूद्रतुल्य हो जाएंगे।
अपनी तुच्छ बुद्धि को ही शाश्वत समझकर कुछ मूर्ख ईश्वर की तथा धर्मग्रंथों की प्रामाणिकता मांगने का दुस्साहस करेंगे, इसका अर्थ होगा कि उनके पाप जोर मार रहे हैं।
ज्यों-ज्यों घोर कलयुग आता जाएगा त्यों-त्यों सौराष्ट्र, अवंति, अधीर, शूर, अर्बुद और मालव देश के ब्राह्मणगण संस्कारशून्य हो जाएंगे तथा राजा लोग भी शूद्रतुल्य हो जाएंगे।