डस्टर ईनाम की घोषणा भी फर्जी, भाग्यशाली विजेता भी ग्रुप से जुड़े लोगों के ही परिजन
आगरा से प्रकाशित लगभग सभी प्रमुख दैनिक अखबारों में ”भ्रामक जैकेट विज्ञापन” देकर लोगों को ठगने की कोशिश करने वाले रीयल एस्टेट ग्रुप जे. एस. इन्फ्रा होम्स पर जिला प्रशासन ने भी अपनी निगाहें केंद्रित कर दी हैं। प्रशासन ने जे. एस. इन्फ्रा होम्स के विज्ञापनों पर संज्ञान लिया है और आवश्यक जांच तथा विचार-विमर्श के बाद शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है।
इधर जे. एस. इन्फ्रा होम्स के विज्ञापनों तथा उनकी मंशा के बारे में आज जब ”लीजेण्ड न्यूज़” ने और छानबीन की तो बड़े ही चौंकाने वाले तथ्य प्रकाश में आये।
उदाहरण के लिए विज्ञापन के तहत ”12 फ्लैट…12 डस्टर” की जिस ईनामी स्कीम में पांच फ्लैट बुक कराने वाले पांच भाग्यशाली विजेताओं का नाम दिया गया है, वह कोई और नहीं जे. एस. इन्फ्रा होम्स के ग्रुप से जुड़े हुए लोगों के परिजन ही हैं। यही कारण है कि कल यानी 26 अप्रैल की शाम इन लोगों को डस्टर वितरण करने जैसा कोई कार्यक्रम हुआ ही नहीं जबकि शाम साढ़े सात बजे होटल शीतल रीजेंसी में इस कार्यक्रम को करने का हवाला विज्ञापन के अंदर दिया गया था।
दरअसल, इस आशय का प्रचार लोगों को प्रलोभन देकर फंसाने के लिए किया गया। हालांकि फिलहाल यह ज्ञात नहीं हो सका है कि ग्रुप से जुड़े लोग कितने लोगों को फांसने में सफल रहे और आगे कितने लोगों को फांसे जाने का टारगेट है।
हां, यह जरूर पता लगा है कि विज्ञापन में जिन फ्लैट्स की बात की गई है वह भी उनके अपने नहीं हैं।
ग्रुप से ही जुड़े सूत्रों की मानें तो इसके लिए वृंदावन स्थित जिस प्रोजेक्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है जो किसी पूर्व पटवारी तथा उसके भाई का है।
प्रोजेक्ट के मालिकानों से तो इस संबंध में बात नहीं हो पाई किंतु बताया जाता है कि यहां स्थित फ्लैट की कीमत 31 लाख से शुरू है जिन्हें जे. एस. इन्फ्रा होम्स इस शर्त पर 15 लाख में बुक कर रहा है कि पूरा पेमेंट उनकी शर्तों के मुताबिक तय समय सीमा व सुविधा के अनुसार देना होगा।
गौरतलब है कि 15 लाख में फ्लैट बुक करके जिस तरह की (एसयूवी) गाड़ी डस्टर देने का लालच दिया जा रहा है उसकी कम से कम कीमत साढ़े आठ लाख रुपए है। ऐसे में फ्लैट की कीमत क्या रह जायेगी, यह अपने आप में सोचने का विषय है।
जाहिर है कि इसके साथ यह सवाल भी स्वत: खड़ा हो जाता है कि जिस फ्लैट को उसके असली मालिक 31 लाख में बेच रहे हैं, उसे जे. एस. इन्फ्रा होम्स कैसे 15 लाख में बेच सकता है, वह भी डस्टर गाड़ी ईनाम में देकर।
लीजेण्ड न्यूज़ द्वारा कल इस बारे में खबर प्रकाशित किये जाने के बाद जब कुछ लोगों ने जे. एस. इन्फ्रा होम्स के लिए काम कर रहे लोगों से पूछताछ की तो उन्होंने उन्हें यह कहकर गुमराह करने का प्रयास किया कि हम नंबर दो के पैसे को नंबर एक में करने के लिए यह खेल, खेल रहे हैं।
यदि उनकी इस बात को सच मान लिया जाए तो स्पष्ट हो जाता है कि जे. एस. इन्फ्रा होम्स से जुड़े लोगों की नीयत नेक नहीं है और न उनका इरादा ठीक है। इतना नंबर दो का पैसा कहां से आया और उसमें कौन-कौन शामिल है, इसका पता लगना जरूरी है।
आज इस बारे में होटल शीतल रीजेंसी के मालिक अमित जैन ने भी साफ किया कि हमारा जे. एस. इन्फ्रा होम्स या उससे जुड़े किसी व्यक्ति से कोई वास्ता नहीं है। वह प्राकृतिक आपदा के मारे किसान परिवारों को एक लाख एक रुपए की आर्थिक मदद देने के लिए होटल परिसर का इस्तेमाल करने जैसा प्रचार किस आधार पर कर रहे हैं, इस बावत में उनसे पूछताछ करूंगा।
अमित जैन ने भी स्वीकार किया कि शासन-प्रशासन के संज्ञान में लाये बिना ऐसे किसी आयोजन का किया जाना कानून-व्यवस्था के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है और उससे हालात बिगड़ने की पूरी आशंका है।
इधर एडीएम फाइनेंस तथा पुलिस के आला अधिकारियों ने भी जे. एस. इन्फ्रा होम्स के बारे में आवश्यक जांच पड़ताल कर प्रभावी कार्यवाही किये जाने की बात कही है जिससे भविष्य में फिर कोई इस तरह का प्रयास करने की हिमाकत न कर सके।
अब देखना यह है कि इतना सब कुछ पता लगने तथा शासन व प्रशासन स्तर पर जानकारी हो जाने के बावजूद जे. एस. इन्फ्रा होम्स कितने लोगों को अपने जाल में फंसा पाता है और कितने लोग उसके जाल में फंसते हैं क्योंकि जे. एस. इन्फ्रा होम्स का कारनामा अंतत: पुलिस प्रशासन के लिए ही सिरदर्द साबित होगा। जो लोग आज उसके भ्रामक विज्ञापनों के जाल में फंसकर अपना पैसा लुटा देंगे कल वही पुलिस-प्रशासन पर एफआईआर दर्ज करके पैसा बरामद करने के लिए दबाव बनायेंगे।
-लीजेण्ड न्यूज़ विशेष
आगरा से प्रकाशित लगभग सभी प्रमुख दैनिक अखबारों में ”भ्रामक जैकेट विज्ञापन” देकर लोगों को ठगने की कोशिश करने वाले रीयल एस्टेट ग्रुप जे. एस. इन्फ्रा होम्स पर जिला प्रशासन ने भी अपनी निगाहें केंद्रित कर दी हैं। प्रशासन ने जे. एस. इन्फ्रा होम्स के विज्ञापनों पर संज्ञान लिया है और आवश्यक जांच तथा विचार-विमर्श के बाद शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है।
इधर जे. एस. इन्फ्रा होम्स के विज्ञापनों तथा उनकी मंशा के बारे में आज जब ”लीजेण्ड न्यूज़” ने और छानबीन की तो बड़े ही चौंकाने वाले तथ्य प्रकाश में आये।
उदाहरण के लिए विज्ञापन के तहत ”12 फ्लैट…12 डस्टर” की जिस ईनामी स्कीम में पांच फ्लैट बुक कराने वाले पांच भाग्यशाली विजेताओं का नाम दिया गया है, वह कोई और नहीं जे. एस. इन्फ्रा होम्स के ग्रुप से जुड़े हुए लोगों के परिजन ही हैं। यही कारण है कि कल यानी 26 अप्रैल की शाम इन लोगों को डस्टर वितरण करने जैसा कोई कार्यक्रम हुआ ही नहीं जबकि शाम साढ़े सात बजे होटल शीतल रीजेंसी में इस कार्यक्रम को करने का हवाला विज्ञापन के अंदर दिया गया था।
दरअसल, इस आशय का प्रचार लोगों को प्रलोभन देकर फंसाने के लिए किया गया। हालांकि फिलहाल यह ज्ञात नहीं हो सका है कि ग्रुप से जुड़े लोग कितने लोगों को फांसने में सफल रहे और आगे कितने लोगों को फांसे जाने का टारगेट है।
हां, यह जरूर पता लगा है कि विज्ञापन में जिन फ्लैट्स की बात की गई है वह भी उनके अपने नहीं हैं।
ग्रुप से ही जुड़े सूत्रों की मानें तो इसके लिए वृंदावन स्थित जिस प्रोजेक्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है जो किसी पूर्व पटवारी तथा उसके भाई का है।
प्रोजेक्ट के मालिकानों से तो इस संबंध में बात नहीं हो पाई किंतु बताया जाता है कि यहां स्थित फ्लैट की कीमत 31 लाख से शुरू है जिन्हें जे. एस. इन्फ्रा होम्स इस शर्त पर 15 लाख में बुक कर रहा है कि पूरा पेमेंट उनकी शर्तों के मुताबिक तय समय सीमा व सुविधा के अनुसार देना होगा।
गौरतलब है कि 15 लाख में फ्लैट बुक करके जिस तरह की (एसयूवी) गाड़ी डस्टर देने का लालच दिया जा रहा है उसकी कम से कम कीमत साढ़े आठ लाख रुपए है। ऐसे में फ्लैट की कीमत क्या रह जायेगी, यह अपने आप में सोचने का विषय है।
जाहिर है कि इसके साथ यह सवाल भी स्वत: खड़ा हो जाता है कि जिस फ्लैट को उसके असली मालिक 31 लाख में बेच रहे हैं, उसे जे. एस. इन्फ्रा होम्स कैसे 15 लाख में बेच सकता है, वह भी डस्टर गाड़ी ईनाम में देकर।
लीजेण्ड न्यूज़ द्वारा कल इस बारे में खबर प्रकाशित किये जाने के बाद जब कुछ लोगों ने जे. एस. इन्फ्रा होम्स के लिए काम कर रहे लोगों से पूछताछ की तो उन्होंने उन्हें यह कहकर गुमराह करने का प्रयास किया कि हम नंबर दो के पैसे को नंबर एक में करने के लिए यह खेल, खेल रहे हैं।
यदि उनकी इस बात को सच मान लिया जाए तो स्पष्ट हो जाता है कि जे. एस. इन्फ्रा होम्स से जुड़े लोगों की नीयत नेक नहीं है और न उनका इरादा ठीक है। इतना नंबर दो का पैसा कहां से आया और उसमें कौन-कौन शामिल है, इसका पता लगना जरूरी है।
आज इस बारे में होटल शीतल रीजेंसी के मालिक अमित जैन ने भी साफ किया कि हमारा जे. एस. इन्फ्रा होम्स या उससे जुड़े किसी व्यक्ति से कोई वास्ता नहीं है। वह प्राकृतिक आपदा के मारे किसान परिवारों को एक लाख एक रुपए की आर्थिक मदद देने के लिए होटल परिसर का इस्तेमाल करने जैसा प्रचार किस आधार पर कर रहे हैं, इस बावत में उनसे पूछताछ करूंगा।
अमित जैन ने भी स्वीकार किया कि शासन-प्रशासन के संज्ञान में लाये बिना ऐसे किसी आयोजन का किया जाना कानून-व्यवस्था के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है और उससे हालात बिगड़ने की पूरी आशंका है।
इधर एडीएम फाइनेंस तथा पुलिस के आला अधिकारियों ने भी जे. एस. इन्फ्रा होम्स के बारे में आवश्यक जांच पड़ताल कर प्रभावी कार्यवाही किये जाने की बात कही है जिससे भविष्य में फिर कोई इस तरह का प्रयास करने की हिमाकत न कर सके।
अब देखना यह है कि इतना सब कुछ पता लगने तथा शासन व प्रशासन स्तर पर जानकारी हो जाने के बावजूद जे. एस. इन्फ्रा होम्स कितने लोगों को अपने जाल में फंसा पाता है और कितने लोग उसके जाल में फंसते हैं क्योंकि जे. एस. इन्फ्रा होम्स का कारनामा अंतत: पुलिस प्रशासन के लिए ही सिरदर्द साबित होगा। जो लोग आज उसके भ्रामक विज्ञापनों के जाल में फंसकर अपना पैसा लुटा देंगे कल वही पुलिस-प्रशासन पर एफआईआर दर्ज करके पैसा बरामद करने के लिए दबाव बनायेंगे।
-लीजेण्ड न्यूज़ विशेष