मंगलवार, 30 जुलाई 2013

पैसा, पॉवर, क्राइम एंड पॉलिटिक्‍स का गहरा रिश्‍ता: ADR

नई दिल्ली। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के ताजा विश्लेषण में हजारों उम्मीदवारों को शामिल करके यह नतीजे निकाले गये हैं कि पैसे और ताकत से न सिर्फ इलेक्शन जीते जा सकते हैं, बल्कि राजनीति में अच्छी-खासी कमाई भी की जा सकती है। यह भी सामने आया है कि अपराधी छवि के उम्मीदवारों के मुकाबले साफ-सुथरे रेकॉर्ड वाले उम्मीदवारों के लिए चुनाव जीतना टेढ़ी खीर होता है। यह अध्ययन 10 सालों की स्टडी पर आधारित है।
इस विश्लेषण के मुताबिक, पिछले 10 सालों में चुनाव लड़ने वाले 62,847 उम्मीदवारों के पास औसतन 1.37 करोड़ की संपत्ति थी

IPL की चार्जशीट में दाऊद और छोटा शकील शामिल

नई दिल्‍ली। दिल्ली पुलिस ने आज आईपीएल 6 में स्पॉट फि‌क्सिंग मामले में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इस चार्जशीट में माफिया डॉन दाऊद इब्राहीम और छोटा शकील समेत 39 आरोपियों के नाम हैं। दिल्‍ली पुलिस के इस आरोप पत्र में राजस्‍थान रॉयल्स के पूर्व तेज गेंदबाज एस श्रीसंत, अंकित चौहान और अजीत चंदीला के भी नाम हैं। हालांकि 39 लोगों की इस सूची में 10 लोग फरार हैं।
चार्जशीट की मुखपृष्ठ पर दाऊद इब्राहीम की तस्वीर है। दाऊद के नीचे पूर्व तेज गेंदबाज श्रीसंत की भी फोटो लगाई गई है।
पुलिस ने अपनी चार्जशीट में रॉयल्स के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ समेत कुल 168 गवाहों के नाम शामिल किए हैं।

सोमवार, 29 जुलाई 2013

IAS दुर्गा मामले में झूठ बोल रहे हैं CM अखिलेश यादव

नई दिल्ली। 2009 बैच की तेज-तर्रार और ग्रेटर नोएडा में खनन माफिया की नकेल कसने वाली आईएएस अफसर दुर्गा नागपाल को सस्पेंड करने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सफाई दी है कि अधिकारी के एक कदम से सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया था. ये कदम था एक अवैध निर्माण को शुरुआती दौर में ढहाया जाना, जिसे सपाई अब एक संप्रदाय विशेष का प्रस्तावित धर्म स्थल बता रहे हैं. खतरा तो वाकई है अखिलेश जी मगर सांप्रदायिक तनाव का नहीं.
खतरा ये है कि अब आपके इस रवैये के बाद कितने काबिल और ईमानदार अधिकारी कितनी मेहनत से और कितने दिन तक काम कर पाएंगे. और रही आपके सरकारी सच या कहें कि डर की बात, तो उसके पीछे की कहानी ये है.कि....

मंत्री पद से लेकर राज्‍यसभा सीट तक सब बिकता है

चंडीगढ़। क्या कांग्रेस सरकार में मंत्री का पद बिकता है? यह सवाल इसलिए लाजिमी है क्योंकि हरियाणा के एक कद्दावर कांग्रेसी जाट नेता ने यह बयान दिया है कि पिछली बार उनका रेल मंत्री बनना तय था लेकिन अंतिम समय में निर्णय बदल दिया गया. उन्होंने कहा है कि मंत्री पद दान किये पैसों पर निर्भर है, जो 100 करोड़ तक होता है.
हरियाणा के कद्दावर जाट नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने दावा किया है कि रेल मंत्री की कुर्सी सिर्फ योग्यता पर नहीं बल्कि दान से मिलती है. चौधरी किस दान की ओर इशारा कर रहे थे, इस पर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
चौधरी ने कहा कि पिछली बार उनका रेल मंत्री बनना तय था लेकिन आखिरी मौके पर पत्ता साफ हो गया.
उन्होंने खास अंदाज में कहा कि गोल करने ही वाला था कि रेफरी ने सीटी बजा दी.

शनिवार, 27 जुलाई 2013

...लो अब PMO के फर्जी आदेशों पर तबादले और निलंबन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्तमंत्री पी. चिदंबरम और श्रम मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे के फर्जी आदेशों पर देश में कई जगह बड़े पदों पर तैनात अफसरों के तबादलों और सस्पेंशन का मामला सामने आया है। ये आदेश फर्जी हैं, इसका खुलासा तब हुआ जब लेबर ब्यूरो चंडीगढ़ के डॉयरेक्टर नॉर्थ दलजीत सिंह ने अपने सस्पेंशन ऑर्डर की जांच कराई। दलजीत सिंह आईईएस अफसर हैं। उन्होंने जब सस्पेंशन का कारण जानना चाहा तो पता चला कि उन्हें सस्पेंड किया ही नहीं गया है। किसी ने पीएमओ ऑफिस के लेटरहेड पर आदेश लिखकर श्रम मंत्रालय के चंडीगढ़ ऑफिस भेजा था।

मूर्ख हैं अमर्त्‍य सेन (मेरे निजी विचार)

मोदी कितने सांप्रदायिक हैं और कांग्रेस कितनी सेक्‍युलर, इस नतीजे पर पहुंचने की जगह बेहतर होता कि बतौर अर्थशास्‍त्री अमर्त्‍य सेन, देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा वित्‍तमंत्री पी. चिदंबरम को बताते कि खस्‍ताहाल अर्थव्‍यवस्‍था को कैसे सुधारें व रुपये के चवन्‍नी से भी दुहन्‍नी हो जाने को कैसे रोकें।
राजनीति में पड़ने की जगह ऐसा कुछ कहते जिससे महंगाई के कारण त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रही जनता को कुछ राहत मिलती और अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर हर रोज गिर रही भारत की साख को कहीं स्‍थिर किया जा सकता।

(लीजेण्‍ड न्‍यूज़ विशेष)

मंगलवार, 23 जुलाई 2013

देश पर इतना बड़ा अहसान ...'मौनमोहन' नहीं हैं मनमोहन...

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कई मसलों पर चुप्पी साधने को लेकर होने वाली आलोचना को गलत साबित करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से उनके भाषणों का ब्यौरा दिया गया है। पीएमओ की ओर से जानकारी दी गई है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले नौ सालों में 1300 भाषण दिए हैं।
पीएमओ के एक ट्वीट में लिखा गया है कि साल 2004 में प्रधानमंत्री पद संभालने से अब तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 1300 भाषण दे चुके हैं।
साथ ही ट्वीट के नीचे पीएमओ की वेबसाइट पर 24 जून 2004 से जुलाई 2013 तक के भाषणों का लिंक भी दिया गया है।

मिड-डे मील पर WHO ने दी थी चेतावनी

 नई दिल्ली। पिछले हफ्ते बिहार के सारन जिले में जिस कीटनाशक युक्त मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत हुई थी, उस कीटनाशक पर अधिकतकर देशों में प्रतिबंध लगा हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक इसमें बड़ी मात्रा में जहर होता है। डब्ल्यूएचओ ने वर्ष 2009 में ही मोनोक्रोटोफस नामक इस कीटनाशक पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। मामले की जांच कर रहे मजिस्ट्रेट ने भी कहा था कि भोजन में इसी पदार्थ के होने की वजह से बच्चों की मौत हुई थी।
संगठन ने यह चेतावनी भी दी थी की भारत में अंतर्राष्ट्रीय चेतावनियों के बावजूद इस्तेमाल होने के बाद कई कीटनाशक डिब्बों को नष्ट नहीं किया जाता, बल्कि इनका पुन: चक्रित (रिसाइकिल) कर पानी, खाने और अन्य पदार्थों में इस्तेमाल किया जाता है।

कर्नाटक सरकार ने मंत्रियों के लिए लीं 5 करोड़ की कारें

बेंगलूरू। कर्नाटक की कांग्रेस नीत सरकार ने अपने 30 मंत्रियों के लिए 5 करोड़ रुपए खर्च कर नई लग्जरी कारें खरीदी हैं। वहीं, पूर्ववती भाजपा सरकार द्वारा अपने मंत्रियों के लिए खरीदी गई नई कारें धूल खा रही हैं। कार्यभार संभालने के दो महीने के अंदर ही कांग्रेस सरकार में प्रत्येक मंत्री को 14 लाख रुपए की एसयूवी मिल गई है। नई गाड़ी लेने का कारण-मंत्री पूर्व भाजपा सरकार में मंत्री रहे मंत्रियों द्वारा इस्तेमाल की गई गाड़ियों कों मंत्री इस्तेमाल नहीं करना चाहते।

एक्साइज कमिश्नर के यहां मिले 5 करोड़

इंदौर। लोकायुक्त की विशेष स्थापना पुलिस ने आबकारी विभाग के एक सहायक आयुक्त के. सागर व इंदौर स्थित घरों पर एक साथ छापामार कार्यवाही करते हुए पांच करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति के प्रमाण एकत्रित किए हैं। स्थानीय लोकायुक्त एसपी बीरेंद्र सिंह के अनुसार यह कार्यवाही सागर के लोकायुक्त कार्यालय के निर्देश पर की गई। सागर में असिस्टेंट कमिश्नर एक्साइज जगदीश राठी के सागर व इंदौर स्थित दो घरों पर मंगलवार सुबह एक साथ छापामार कार्यवाही की गई। सागर में मारे गए छापे में तो कुछ विशेष हाथ नहीं लग सका था।

सोमवार, 22 जुलाई 2013

शकील और मसूद तो ''प्‍यादे'' हैं..

cover story
पहले तो कांग्रेसी नेता शकील अहमद ने कहा कि आतंकवादी संगठन इंडियन मुज़ाहिदीन का गठन 2002 में हुए गुजरात दंगों की देन है। अब दूसरे कांग्रेसी नेता रशीद मसूद ने कहा है कि गुजरात में मुसलमान खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं और जब उन्हें खतरा महसूस होता है तो वे आतंकवाद की ओर कदम बढ़ाते हैं.

गुजरात दंगों के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है और उनके पीछे क्या कारण रहे, इसका फिलहाल ज़िक्र करना बेमानी है क्योंकि प्रथम तो सारा मामला अब तक कोर्ट में विचाराधीन है, दूसरे विपक्ष उस पर लगातार बोलता रहता है लिहाजा किसी को कुछ कहने की जरूरत नहीं रह जाती।
हां, शकील अहमद और रशीद मसूद जैसे कांग्रेसी नेता कुछ सवाल अवश्य खड़े करते हैं।
सबसे पहला और महत्वपूर्ण सवाल तो यही खड़ा होता है कि जिस अंदाज में तथा जो कुछ ये दोनों कांग्रेसी कह रहे हैं, क्या उसी अंदाज में किसी दूसरे समुदाय का कोई गैर कांग्रेसी नेता यह सब कह सकता है ?

शनिवार, 20 जुलाई 2013

रमन सिंह और उनके 4 मंत्रियों पर कांग्रेस ने गिराया CD बम

नई दिल्ली। नवंबर में होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा धमाका हुआ है। कांग्रेस ने राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ओर उनके चार वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों पर एक बैंक घोटाले के मामले में एक-एक करोड़ रुपए घूस लेने का आरोप लगाया है। यह मामला 2006 में रायपुर के इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक का है, जिसमें 23 करोड़ रुपए का बैंक घोटाला हुआ था।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और प्रदेश के कार्यक्रम समन्वयक भूपेश बघेल ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इस घोटाले के मुख्य अरोपियों में से एक बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट की सीडी जारी की है।
बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट वीडियो में उन्हें मुख्यमंत्री रमन सिंह और कैबिनेट के चार वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल, राजेश मूणत, रामविचार नेताम के अलावा तत्कालीन डीजीपी ओ पी राठौड़ को एक-एक करोड़ रुपए देने की बात कहते देखा-सुना जा सकता है।

मेडिकल कॉलेजों पर छापे में मिली करोड़ों की काली कमाई

गाजियाबाद। गाजियाबाद के संतोष मेडिकल और डेंटल कॉलेज में मारे गए आईटी छापे से पता चला है कि दाखिले के नाम पर करोड़ों की काली कमाई का धंधा जारी हैं. सरकारी सख्ती के बावजूद एडमिशन के लिए रकम ऐंठने का धंधा जारी है. इसी सिलसिले में आयकर विभाग के अधिकारियों ने गाजियाबाद, बंगलुरु और गुलबर्गा में कई शिक्षण संस्थानों पर छापे मारे.
गाजियाबाद के संतोष मेडिकल और डेंटल कॉलेज में मारे गए छापे में 100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा के कैपिटेशन फीस लेने के सबूत मिले हैं.
कर्नाटक में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों सहित कई संस्थान चलाने वाले हैदराबाद कर्नाटक एजुकेशन सोसाइटी के दफ्तर में भी छापा पड़ा है.
ये छापे सुप्रीम कोर्ट की ओर से मेडिकल कॉलेजों के लिए एकल प्रवेश परीक्षा पर रोक लगाने के बाद मारे गए हैं.

फूड सीक्‍यूरिटी बिल पर कांग्रेस-सपा में डील फाइनल

नई दिल्ली। खबरें मिल रही हैं कि खाद्य सुरक्षा बिल संसद में पास करवाने के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह के बीच डील फाइनल हो गई है। इस बिल का अब तक विरोध कर रही सपा ने यू-टर्न लेते हुए अब इसका समर्थन करने का फैसला किया है।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने इसके बदले में सीबीआई के मुलायम सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामसे में क्लोजर रिपोर्ट लगाने का भरोसा दिया है।
इन खबरों के बीच यह भी उल्लेखनीय है कि केंद्र ने एक दिन पहले ही उत्तर प्रदेश की आर्थिक सहायता बीस फीसदी बढ़ा दी है। मुलायम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी का कहना है कि कांग्रेस के एक बडे़ नेता ने उन्हें बताया है कि सीबीआई इस केस में अब क्लोजर रिपोर्ट फाइल करने जा रही है।

गुरुवार, 18 जुलाई 2013

''भक्‍तों'' से भयभीत ''भगवान''

(लीजेण्ड न्यूज़ विशेष)
कोई माने या ना माने लेकिन पूरी तरह सच है यह बात कि आज के इंसान से भगवान भी खौफ खाने लगा है।
भक्तों से भगवान के भयभीत होने का नजारा अगर देखना हो तो आज यानि 18 जुलाई से अगले चार-पांच दिनों तक किसी भी दिन मथुरा आकर देखा जा सकता है।
मथुरा से 21 किलोमीटर दूर अरावली पर्वत श्रृंखला के गिरि गोवर्धन की सप्तकोसीय परिक्रमा यूं तो वर्षभर जारी रहती है लेकिन गुरू पूर्णिमा के अवसर पर यहां आने वालों की तादाद लाखों में हो जाती है। शायद इसीलिए स्थानीय लोग इसे लक्खी मेला भी कहते हैं।
इस मेले के शांतिपूर्ण संपन्न हो जाने की प्रार्थना हर कोई करता है क्योंकि भीड़ का दबाव अप्रत्याशित घटना-दुर्घटनाओं को पल-पल आमंत्रित करता रहता है।
भक्तों की यही भीड़ भगवान को भी भयभीत किये रहती है।

बुधवार, 17 जुलाई 2013

इस घिनौने और वीभत्‍स चेहरे से आगे क्‍या...

(लीजेण्ड न्यूज़ विशेष)
क्या भारतीय राजनीति का इससे भी अधिक घिनौना, वीभत्स और क्षत-विक्षत चेहरा दिखाई देना बाकी है या गिरावट की इंतिहा के बाद कोई ऐसा सवेरा आने वाला है जो सही मायनों में स्वतंत्रता एवं लोकतंत्र का अहसास करायेगा?
कुछ ऐसी ही शंका और आशंकाओं के बीच देश का आम नागरिक आज उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है क्योंकि उसके पास उम्मीद रखने के अलावा कुछ बचा ही नहीं है।

उत्तराखंड की त्रासदी हजारों परिवारों को ऐसे जख्म दे गई जिनका भरा जाना आसान नहीं है लेकिन हमारे नेता आरोप-प्रत्यारोपों की राजनीति से ऊपर नहीं उठे। देवभूमि देखते-देखते श्मशानभूमि में तब्दील हो गई पर नेताओं को चिता ज्ञान नहीं हुआ।
भ्रष्टाचार ने देश को पूरी तरह खोखला करके रख दिया और जैसी भी तथा जितनी साख अब तक  सारी दुनिया में बनी थी, वह मिट्टी में मिला दी परंतु नेताओं के आचार-विचारों में रत्तीभर फर्क नजर नहीं आया। उनका सामंती व्यवहार भी जस का तस है।
रुपया रसातल में पहुंच गया और उसके उबरने की संभावना सरकार के अतिरिक्त किसी को नजर नहीं आ रही लेकिन सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी है।
चीन और पाकिस्तान ही नहीं, बांग्लादेश व नेपाल सरीखे छोटे-छोटे मुल्क जब-तब हमारे सामने आंखें तरेर देते हैं लेकिन सत्ता पर काबिज लोग उनका स्तुति गान करने के अलावा कुछ नहीं करते। जब इज्जत पर बन आती है तब मान-मर्यादा बचाने के लिए कुछ इस अंदाज में घुड़की देते हैं जो उन तक पहुंचते-पहुंचते मिमियाहट में बदल जाती है।

मंगलवार, 16 जुलाई 2013

नष्‍ट हो जायेंगे भारत के नेता!

भारत में आज तक होने वाले सभी शासकों की वंशावली का उल्लेख पुराणों के अंदर मिलता है। पुराणकार पुराणों की भविष्यवाणियों का अलग-अलग अर्थ निकालते हैं। यहां प्रस्तुत हैं भागवत पुराण में दर्ज भविष्यवाणी के अंश।
अपनी तुच्छ बुद्धि को ही शाश्वत समझकर कुछ मूर्ख ईश्वर की तथा धर्मग्रंथों की प्रामाणिकता मांगने का दुस्साहस करेंगे, इसका अर्थ होगा कि उनके पाप जोर मार रहे हैं।
ज्यों-ज्यों घोर कलयुग आता जाएगा त्यों-त्यों सौराष्ट्र, अवंति, अधीर, शूर, अर्बुद और मालव देश के ब्राह्मणगण संस्कारशून्य हो जाएंगे तथा राजा लोग भी शूद्रतुल्य हो जाएंगे।

मालिक की सिफारिशों से तोता पूरी तरह सहमत

नई दिल्ली। सीबीआई को स्वायत्त करने संबंधी केंद्र सरकार की सिफारिशों पर जांच एजेंसी ने मंगलवार को सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। हलफनामे के मुताबिक सीबीआई केंद्र सरकार की ज्यादातर सिफारिशों पर राजी हो गई है। सीबीआई को स्वायत्तता प्रदान करने को लेकर केंद्र सरकार ने सिफारिशें की थीं, जिन पर जांच एजेंसी ने सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। जांच एजेंसी को स्वायत्त करने के लिए केंद्र ने जो सिफारिशें की हैं, उन ज्यादातर सिफारिशों पर जांच एजेंसी राजी बताई जा रही है।
हलफनामे के मुताबिक जांच एजेंसी की ओर से सीबीआई निदेशक को सीधे केंद्रीय गृहमंत्री से बात करने का अधिकार देने की मांग की गई है। इसके अलावा जांच एजेंसी ने सीबीआई निदेशक का कार्यकाल कम से कम तीन साल करने की मांग की है।
-एजेंसी

गुरुवार, 11 जुलाई 2013

यूपी में अब करोड़ों का किताब घोटाला

लखनऊ। ग्रेटर नोएडा के गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में पुस्तकों की मनमानी खरीदारी और मानकों को ताक पर रखकर की गयी नियुक्तियों में भारी घोटाला उजागर हुआ है. लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन.के. महरोत्रा ने बुधवार की शाम एक और सनसनीखेज रिपोर्ट उत्तरप्रदेश सरकार को सौंपी है जिसमें ग्रेटर नोएडा के गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के कई संकायों में छात्रों के न होते हुए भी लगभग दो करोड़ 32 लाख रुपये की पुस्तकों की मनमानी खरीदारी और मानकों को ताक पर रखकर की गयी नियुक्तियों में भारी घोटाला उजागर हुआ है.

लल्‍लनजी V/S पप्‍पूजी

(लीजेण्ड न्यूज़ विशेष)
टीवी सीरियल लापतागंज का एक किरदार है लल्लनजी। लल्लनजी एक सरकारी मुलाजिम हैं और उनका तकिया कलाम है- हमसे तो किसी ने कहा ही नहीं।
काम कैसा भी हो, लल्लनजी से जब तक कोई कहता नहीं है तब तक वह कुछ नहीं करते। यहां तक कि खाना-पीना, उठना-बैठना भी उनका किसी के कहे बिना नहीं होता।

इसी प्रकार का एक दूसरा टीवी सीरियल था हम आपके हैं इन-लॉज। यह सीरियल हालांकि अपनी उम्र पूरी किये बिना ही दम तोड़ गया लेकिन उसका भी एक किरदार लापतागंज के लल्लनजी से प्रभावित था।
पप्पूजी नाम के इस किरदार का तकिया कलाम था- मैं नाराज हूं। वह कभी भी किसी बात पर वक्त-बेवक्त नाराज हो जाया करता था। घर जमाई के इस किरदार की खासियत यह थी कि वह ज्यादा देर तक किसी से नाराज नहीं रह पाता था। ये बात और है कि कुछ दिनों में ही दर्शक उससे नाराज हो गए ।
आप चाहें तो इसे इत्तिफाक मान सकते हैं कि हमारी राजनीति में भी ठीक इसी प्रकार के चरित्र हैं, हालांकि

सोमवार, 8 जुलाई 2013

आतंकियों के भरोसे है मथुरा-वृंदावन की सुरक्षा

मथुरा  (लीजेण्ड न्यूज़ विशेष) क्या मथुरा-वृंदावन के सभी प्रमुख मंदिरों की सुरक्षा आतंकवादियों के रहमो-करम पर निर्भर है?
क्या मथुरा-वृंदावन सहित जनपद के सभी धार्मिक स्थान तभी तक महफूज हैं, जब तक आतंकवादी अपनी खास रणनीति के तहत यहां किसी वारदात को अंजाम देना नहीं चाहते?
 
इन प्रश्नों के जवाब तलाशने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि जब-जब देश के किसी हिस्से में आतंकवादी वारदात होती है, तब-तब जिन प्रमुख धार्मिक जनपदों को हाईअलर्ट पर लिया जाता है उनमें मथुरा-वृंदावन भी शामिल रहता है।
रहे भी क्यों नहीं,

शुक्रवार, 5 जुलाई 2013

जन्‍मभूमि व ईदगाह की सुरक्षा ताक पर

(लीजेण्ड न्यूज़ विशेष)
मीना मस्जिद से बजी खतरे की घंटी. मथुरा के जिन दो प्रमुख धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर पिछले 20 वर्षों से करोड़ों रुपया खर्च किया जा रहा है और जिनके कारण हर समय देश की इंटेलीजेंस एजेंसियों के प्रमुख अधिकारियों की पेशानी पर बल पड़े रहते हैं, उनकी सुरक्षा को वही तार-तार करने पर आमादा हैं जिन्हें सरकार ने बड़े भरोसे के साथ यहां तैनात किया हुआ है।

यही नहीं, इन अधिकारियों की नासमझी के कारण शहर की शांत फिज़ा भी खराब होने का अंदेशा है।

बुधवार, 3 जुलाई 2013

डराता भी है बांके बिहारी का वृंदावन

(लीजेण्ड न्यूज़ विशेष)
घर-घर में पूज्यनीय तुलसी के पौधे का एक नाम वृंदा भी है और उसकी बहुतायत के कारण मथुरा से मात्र 10 किलोमीटर दूर स्थित श्रीकृष्ण की एक क्रीड़ास्थली को वृंदावन कहते हैं। अर्थात तुलसी वन, तुलसी का वन।
इसके अलावा भी वृंदावन की अनेक खासियतें हैं। तमाम पहचान हैं। जैसे बांके बिहारी, तटिय स्थान, इस्कॉन, निधि वन, कुंज गलियां, यमुना का तट, नामचीन साधु-संतों के आश्रम, मठ, आदि-आदि।

वृंदावन की इन तमाम विशेषताओं से लोग परिचित हैं और इसलिए यहां हर समय भीड़ का दबाव बना रहता है। लेकिन वृंदावन में बहुत कुछ ऐसा भी है जिससे यहां आने वाले दर्शनार्थी और पर्यटक तब तक अनजान रहते हैं, जब तक कि उनका उससे वास्ता नहीं पड़ता।
वृंदावन के इस दूसरे रूप का साक्षात्कार करने वाले या तो उसे अपना लेते हैं या फिर खुद उसका हिस्सा बन जाते हैं।
कुछ सामर्थ्यवान बाहरी लोगों और कुछ वृंदावनवासियों के बीच कायम हो चुकी इसी जुगलबंदी का परिणाम है कि आज वृंदावन एक ऐसे वीभत्स रूप में डेवलप हो रहा है जिसे जान लेने व समझ लेने वाला आम आदमी इतना भयभीत हो जाता है कि फिर सोचने-समझने की शक्ति ही खो बैठता है।
वृंदावन के इस दूसरे रूप में छिपे हैं सत्ता के गलियारों तक अपनी अच्छी-खासी पकड़ रखने वाले भूमाफिया, पुलिस प्रशासन की नाक के बाल बन चुके धर्म के ठेकेदार, नशीले पदार्थों के तस्कर, क्रिकेट के बुकी, एमसीएक्स के धंधेबाज और हर किस्म के लाइजनर।

मंगलवार, 2 जुलाई 2013

वाह यूपी: लालबत्ती लगी कार से कुत्ता जाता है टहलने

लखनऊ । हो सकता है आपको यकीन न हो लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक लाल बत्ती लगी कार से कुत्ता शाम को टहलने जाता है। सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव को भेजे पत्र में कहा है कि एक भारी भरकम कुत्ता हर शाम राम मनोहर लोहिया पार्क में सफेद रंग के सरकारी एम्बेसडर कार पर पीछे की सीट पर बैठ कर आता है। इस वीआईपी कुत्ते को साथ आया नौकर वहीं पार्क में घुमाता है।
ठाकुर ने इसे लाल/नीली बत्ती के प्रयोग से संबंधित शासनादेश का सीधा उल्लंघन बताते हुए इस संबंध में कार्रवाई किये जाने की मांग की है। साथ ही अन्य लोगों द्वारा इस प्रकार का दुरुपयोग रोकने के संबंध में आदेश जारी करने की भी मांग की है।
-एजेंसी
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