शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

नीरा राडिया के ‘नयति’ ने ‘लीजेंड न्‍यूज़’ को दिया था लीगल नोटिस, जब करारा जवाब मिला तो चुप्‍पी साध ली

वैसे तो कॉरपोरेट लॉबिस्‍ट नीरा राडिया द्वारा समाजसेवा की आड़ लेकर कृष्‍ण नगरी मथुरा में  खोला गया ‘नयति’ सुपर स्पेशलिटी नामक हॉस्पिटल अपने शुरूआती दिनों से ही विवादित रहा है, किंतु इन दिनों उसकी चर्चा उस घटना के कारण हो रही है जिसका सीधा संबंध सत्ताधारी दल भाजपा के मथुरा महानगर अध्‍यक्ष विनोद अग्रवाल से है।
नीरा राडिया और राजेश चतुर्वेदी के ‘नयति’ हॉस्‍पिटल में विनोद अग्रवाल के साथ हुई इस घटना के लिए कौन जिम्‍मेदार है, इसका नतीजा निकालने से पहले उन परिस्‍थितियों पर गौर किया जाना जरूरी हो जाता है जिन परिस्‍थितियों में कोई भी व्‍यक्‍ति हॉस्‍पिटल जाता है अथवा उसे जाना पड़ता है।
इसके अलावा किसी भी निष्‍कर्ष तक पहुंचने के लिए यह जानना भी अति आवश्‍यक है कि कारण जो हों परंतु ‘नयति’ लगातार विवादों में क्‍यों रहता है ?
दरअसल, इसके पीछे हॉस्‍पिटल संचालकों की हर किसी को दबाब में रखने की मानसिकता है। फिर चाहे वह किसी मरीज के परिजन हों या तीमारदार, अथवा उन्‍हें देखने के लिए हॉस्‍पिटल पहुंचने वाले नाते-रिश्‍तेदार, दोस्‍त और परिचित।
‘नयति’ के संचालकों की दबाव बनाकर अपने पक्ष में करने की नीति का ही हिस्‍सा है मीडिया से जुड़े लोगों को भी साम-दाम-दंड और भेद के जरिए अपने अनुकूल लिखने को मजबूर करना।
नयति ने यही हथकंडा वर्ष 2018 में ‘लीजेंड न्‍यूज़’ पर तब अपनाया जब Legendnews.in द्वारा 23 जून 2016 को ”नीरा राडिया के ”नयति” की ”नीयत” में ही खोट लगता है” शीर्षक से एक खबर प्रकाशित की गई।
पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्‍लिक कीजिए-
https://bhrashtindia.blogspot.com/2016/06/blog-post_23.html
Legendnews.in पर यह खबर प्रकाशित होने के पूरे दो वर्ष बाद यानी 01 जुलाई 2018 को नीरा राडिया के ‘नयति’ की ओर से उसकी लॉ फर्म ARCINDO Law Advotactes & Solicitors द्वारा यह लीगल नोटिस भेजा गया-



मथुरा में नीरा राडिया के प्रभाव का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि तमाम स्‍थानीय अधिवक्‍ता ”नयति” के इस लीगल नोटिस का जवाब तक देने को तैयार नहीं थे।
आखिर युवा और तेज-तर्रार वकील प्रशांत सरीन ने Legendnews.in में प्रकाशित समाचार को बारीकी से पढ़कर जब ARCINDO Law Advotactes & Solicitors काउंटर जवाब दिया तो जैसे सांप सूंघ गया, क्‍योंकि ‘नयति’ का नोटिस न सिर्फ तथ्‍यों से परे था बल्‍कि इस मंशा के साथ भेजा गया था कि लीजेंड न्‍यूज़ उसका खंडन करके ‘नयति’ की प्रशंसा में समाचार प्रकाशित करने लगे जैसा कि कई तथाकथित बड़े अखबार कर भी रहे हैं।
इस पूरे घटनाक्रम का एक रोचक पहलू यह रहा कि लीजेंड न्‍यूज़ की ओर से एडवोकेट प्रशांत सरीन द्वारा ‘नयति’ की लॉ फर्म को नोटिस का जवाब देते ही नीरा राडिया के अनेक शुभचिंतक संपर्क साधने में जुट गए जिससे मामला ”रफा-दफा” किया जा सके।
आखिर किसी तरह बात बनती न देख भविष्‍य में शिकायतें ठीक करने का आश्‍वासन देकर काम चला लिया।






बहरहाल, कलेंडर में तारीखें बदलती रहीं किंतु ‘नयति’ की ‘नीयत’ में बदलाव होता दिखाई नहीं दे रहा। आज भी कोई महीना तो क्‍या, कोई सप्‍ताह भी शायद ही ऐसा बीतता हो जब ‘नयति’ से जुड़े विवाद सामने न आते हों। ये विवाद बदसलूकी से लेकर लंबा-चौड़ा बिल बनाने सहित अन्‍य कई तरह के होते है।आश्‍चर्य की बात यह है कि विवाद किसी किस्‍म का हो और किसी स्‍तर से हो लेकिन गलती हमेशा दूसरे पक्ष की होती है। ‘नयति’ हमेशा उसी तरह पाक-साफ होता है जिस तरह उसकी संचालक नीरा राडिया ‘पाक-साफ’ हैं।
-Legend News
http://legendnews.in/nayati-of-neera-radia-gave-a-legal-notice-to-legend-news-when-the-reply-was-given-it-was-silent/
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