सोमवार, 10 नवंबर 2014

फिर एक 'संत' की कानून-व्‍यवस्‍था को खुली चुनौती

हिसार/नई दिल्‍ली।
जूनियर इंजीनियर पद से बर्खास्‍तगी के बाद 'संत' बने रामपाल आज भी कोर्ट में पेश नहीं होंगे। उनकी ओर से कोर्ट को मेडिकल रिपोर्ट भिजवा दी गई है। उनके वकील अदालत को बता रहे हैं कि खराब सेहत की वजह से रामपाल कोर्ट आने की स्थिति में नहीं हैं। रामपाल के निजी गार्ड्स और समर्थकों ने पुलिस को रोकने के लिए रविवार से ही मोर्चाबंदी कर रखी है। जमीन विवाद और हत्‍या के एक मामले में बार-बार समन के बावजूद पेश नहीं होने पर कोर्ट ने रामपाल को 10 नवंबर को पेश करने का आदेश दिया था लेकिन पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए कोई पहल नहीं की। उनके समर्थकों की मोर्चाबंदी के मद्देनजर आश्रम से करीब 25 किलोमीटर दूर पुलिस ने अतिरिक्‍त कंपनियां एहतियातन तैयार रखी थीं लेकिन रामपाल की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कदम नहीं उठाए।
चंडीगढ़ में पूरी तैयारी
हिसार में बाबा के करीब 50 हजार समर्थक उनके डेरे को घेरा डालकर खड़े हैं। उधर, चंडीगढ़ पुलिस ने अपनी ओर से पूरी तैयारी कर रखी है। सोमवार सुबह 4 बजे से शहर के सारे एंट्री प्वाइंट, रेलवे स्टेशन और हाईकोर्ट में 5 हजार जवान तैनात किए गए हैं। अगर बाबा के समर्थक चंडीगढ़ पहुंचते हैं तो हाउसिंग बोर्ड के पास, रेलवे लाइट प्वाइंट और हाईकोर्ट की सड़क के पास से ट्रैफिक डायवर्ट किया जाएगा। चंडीगढ़ की तरफ से रेलवे स्टेशन की एंट्री ही बंद कर दी जाएगी। स्टेशन पर जीआरपी ने 150 महिला कांस्टेबल और 450 पुरुष कांस्टेबल तैनात किए गए हैं। जीआरपी के 50 अफसर भी तैनात हैं।
सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल ने रविवार को शासन और प्रशासन को अपनी ताकत का अहसास कराने में कोई कमी नहीं छोड़ी। बंदूकों से लैस उनके निजी कमांडो आश्रम की छतों के अलावा चंडीगढ़ हाईवे पर घूमते नजर आए। ये कमांडो आश्रम के आसपास एक किलोमीटर के दायरे में फैले हुए थे।
आश्रम ने सशस्त्र युवाओं को दिखाकर पुलिस प्रशासन को डराया, वहीं महिलाओं और बच्चों को टकराव रोकने के लिए ढाल भी बनाया। सैकड़ों महिलाएं अपने बच्चों को गोदी में लेकर आश्रम के मुख्य द्वार पर घंटों बैठी रहीं। रामपाल के अनुयायी बैनर लेकर करौंथा कांड की सीबीआई जांच के साथ कुछ जजों के नाम लिखकर उनके ऊपर कार्यवाही की मांग की कर रहे थे। इस दौरान हाईवे से गुजरने वाला हर शख्स आश्रम के बाहर की गतिविधियों को देखकर चुपके से गुजरता रहा। अगर किसी अनजान शख्स ने आश्रम के सामने रुक कर पड़ताल करने की कोशिश की तो उसे संत के अनुयायियों ने पकड़ लिया और पूछताछ करने के बाद ही छोड़ा। ऐसा दहशत भरा माहौल दोपहर दो बजे तक रहा। फिर महिलाओं को आश्रम के भीतर भेज दिया गया और छतों से कमांडो भी हटा लिए गए।
दोपहर बाद माहौल में बदलाव को लेकर जब आश्रम के प्रवक्ता राजकपूर से बात हुई तो उनका कहना था कि सुबह कुछ ऐसी जानकारी मिली थी, जिससे सुरक्षा प्रबंध बढ़ाए गए थे। वैसे भी साधक टकराने के लिए तैनात नहीं थे बल्कि अपने गुरुजी के लिए जान न्योछावर करने के लिए खड़े थे। गुरुजी अपने उपदेश में कहते भी हैं, मारने से अच्छा मरना है। उनका कहना था कि सुरक्षा में तैनात अनुयायियों को कम करने के पीछे एक वजह यह भी है कि अगर पुलिस कोई कार्यवाही के लिए हिसार से चलेगी तो उन्हें आधा घंटे से अधिक समय लगेगा और हमें तीन से चार मिनट लगेंगे।
रिश्तेदारों के पास ठहरे हैं अनुयायी
संत रामपाल के अनुयायी केवल आश्रम में ही मौजूद नहीं हैं, बल्कि आसपास के गांवों में अपने रिश्तेदारों के पास भी ठहरे हुए हैं। वे टेलीविजन और फोन के माध्यम से आश्रम की जानकारी ले रहे हैं। उन्हें पुलिस से टकराव की स्थिति में तत्काल आश्रम पहुंचने के निर्देश हैं।
मीडिया से बात न करने की हिदायत
रविवार को सत्संग का आखिरी दिन होने से आश्रम में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही थी। इस पर आश्रम के सामने माहौल को देखने के लिए 11 बजे के बाद मीडियाकर्मियों की आवाजाही शुरू हो गई। आश्रम प्रबंधन ने सभी श्रद्धालुओं और अपने कमांडोज को मीडिया से बातचीत नहीं करने की हिदायत दी ताकि आश्रम की जानकारी प्रशासन तक न पहुंच सके।
सत्संग के बाद डटे रहे श्रद्धालु
बरवाला आश्रम में पिछले तीन दिनों से चल रहा सत्संग रविवार रात 10 बजे खत्म हो गया। पर इसके बाद भी श्रद्धालु आश्रम में ही डटे रहे। रात को काफी अनुयायी आश्रम से निकल गए। इसके बावजूद देर रात तक हजारों लोग आश्रम में मौजूद थे।
लिस का एक भी अधिकारी नहीं पहुंचा आश्रम
वैसे तो पुलिस प्रशासन ने संत रामपाल की गिरफ्तारी के लिए जिलेभर में पैरा मिलिट्री फोर्स सहित हरियाणा पुलिस की 35 कंपनियां तैनात की है लेकिन गिरफ्तारी से संबंधित बातचीत को लेकर एक भी पुलिसकर्मी रविवार को आश्रम नहीं पहुंचा। आश्रम के प्रवक्ता राजकपूर ने बताया कि कोई भी पुलिस अधिकारी आश्रम में नहीं आया है।
प्रवक्ता बोले : कोर्ट को लेकर दुविधा में
आश्रम के प्रवक्ता राजकपूर ने कहा कि गुरुजी के सामने अजीब समस्या पैदा हो गई है। अगर वह कोर्ट में जाते हैं तो अवमानना का नोटिस आ जाता है और पेश नहीं होते हैं तो गैर जमानती वारंट जारी कर दिया जाता है।
एसपी बोले:  हर हलचल पर नजर
रामपाल की गिरफ्तारी के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। हर हलचल पर नजर है। हाईकोर्ट के निर्देशों की पालना होगी।
- सतेंद्र गुप्ता, एसपी।
सतलोक आश्रम के बाहर हिसार-चंडीगढ़ हाईवे पर करीब एक किलोमीटर तक संत रामपाल के अनुयायियों का जमावड़ा रहा।
आश्रम के अंदर आने वाले भक्तों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है। आश्रम के मेन गेट पर भारी संख्या में संत के अनुयायी हर आदमी पर नजर रखे हुए हैं। वहीं, एसडीएम प्रशांत अटकान सहित अन्य स्थानीय आश्रम के मौजूदा हालात पर नजर रखे हैं।
सतलोक आश्रम और पुलिस-प्रशासन के बीच टकराव की आशंका के चलते आश्रम के नजदीक से सरकारी बसों को गुजरने नहीं दिया गया। फिर भी पूरे दिन संत के अनुयायियों का आना-जाना जारी रहा। आश्रम की बसें अनुयायियों को लाने और ले जाने में लगातार जुटी रहीं।
जिला प्रशासन ने सतलोक आश्रम के संचालक संत रामपाल की गिरफ्तारी के वारंट जारी होने के मामले में बरवाला पुलिस स्टेशन में दमकल विभाग की गाड़ियां, एंबुलेंस और क्रेन को तैनात किया गया है। गौरतलब है कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने तथाकथित संत रामपाल के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें 10 नवंबर को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है। उनके अनुयायियों ने संत को अस्वस्थ बताते हुए उनकी गिरफ्तारी का आदेश मानने से साफ मना कर दिया है। ऐसे में प्रशासन व अनुयायियों में टकराव की आशंका है।
संत पर अदालती काम में दखल देने का आरोप है। इसी मामले में उन्हें कई बार पेशी के आदेश हो चुके हैं मगर वह पेश नहीं हुए। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने लगातार तीसरी पेशी में हाजिर न होने के मामले में रोहतक के करौंथा गांव स्थित आश्रम के संत रामपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं क्योंकि वे तीसरी पेशी पर भी नहीं पहुंच सके।
सतलोक आश्रम के श्रद्धालुओं की संस्था राष्ट्रीय समाजसेवा कमेटी के अध्यक्ष राम कुमार ढाका के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किए थे लेकिन वे कोर्ट में पेश हो गए हैं। ढाका ने अदालत में शपथ-पत्र देकर हिसार अदालत के बाहर हंगामे की जिम्मेदारी ली थी और कहा था कि हंगामे से संत रामपाल को कोई लेना-देना नहीं है।
न्यायालय ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक तथा गृह सचिव को 10 नवंबर को अपनी मौजूदगी में आदेश की पालना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। संत रामपाल की आज न्यायालय में पेशी होनी थी और ऐहतियाती तौर पर पुलिस ने कड़े सुरक्षा के इंतजाम किए। करीब तीन हजार पुलिसकर्मी ड्‍यूटी पर तैनात किये गये। पेशी को देखते हुए प्रशासन ने धारा 144 लगा रखी है ताकि संत के समर्थक कोई बवाल न मचाएं। जीरकपुर, मोहाली और पंचकूला में चंडीगढ़ प्रवेश द्वारों पर नाके लगाए हुए थे।
-Legendnews
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