मंगलवार, 2 सितंबर 2014

मथुरा में भी मौजूद हैं कई रंजीत उर्फ रकीबुल

नेशनल शूटर तारा शाहदेव से जुड़ा कथित लव जिहाद संबंधी मामला सामने आने के बाद रांची (झारखंड) पुलिस ने भले ही उसके पति रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान को गिरफ्तार कर लिया किंतु यदि इस दिशा में और आगे बढ़ा जाए तो देश का कोई राज्‍य, कोई जिला और कोई नगर ऐसा नहीं बचेगा जहां रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान जैसे लोग मौजूद न हों।
फिलहाल यदि हम बात करें विश्‍व प्रसिद्ध धार्मिक जिला और भगवान श्रीकृष्‍ण की पावन जन्‍मस्‍थली का गौरव प्राप्‍त मथुरा की तो यहां एक-दो नहीं, कई रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान मिल जायेंगे।
रंजीत सिंह कोहली को तो इस मुकाम तक पहुंचने के लिए न केवल अपना धर्म बदलना पड़ा बल्‍कि छद्म नामों और कामों का भी सहारा लेना पड़ा किंतु मथुरा में मौजूद रंजीत सिंहों को कभी ऐसा करने तक की जरूरत नहीं पड़ी। वह ताल ठोक कर अपने असली नाम और काम के बूते ही वह सब कर रहे हैं जो रंजीत सिंह कोहली कर रहा था।
एक एनजीओ संचालित करने वाले रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान की अब तक जितनी असलियत सामने आई है, उससे निष्‍कर्ष यह निकलता है कि वह शासन-प्रशासन व सत्‍ता का एक हाई प्रोफाइल दलाल था जिसे आज की भाषा में लाइजनर कहा जाने लगा है।
वह न्‍यायपालिका के कई उच्‍च अधिकारियों से संपर्कों के बल पर अपने यहां फाइलें मंगवाकर केसेज का निर्णय तय कराता था। वह जमानत दिलवाने से लेकर सजा से बचाने तक की ताकत रखता था और इसके लिए शराब, लड़कियां, पैसा, गाड़ियां तथा जिस अधिकारी की जो मांग होती थी, वह पूरी करता था। उसने इन सब कामों के लिए कई ऑफिस बना रखे थे और गाड़ियों का पूरा बेड़ा उसके पास था। उसके निजी ताल्‍लुकात जिन लोगों से थे, उनमें न्‍यायिक अधिकारियों के अलावा पुलिस व प्रशासन के आला अफसर तथा मंत्रिगणों की अच्‍छी-खासी फेहरिस्‍त थी। उसके घर की हर रात रंगीन होती थी और हर दिन महफिल सजती थी।
अब ज़रा अपने दिमाग पर जोर डालिये और फिर सोचिए कि जो कुछ रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान अपना धर्म परिवर्तन करके या नकाब पहनकर अब तक रांची में कर रहा था, क्‍या मथुरा में मौजूद रंजीत सिंह कोहली वही काम बिना धर्म परिवर्तन किए नहीं कर रहे।
क्‍या यहां ऐसे रंजीत सिंह कोहलियों की कमी है जो शराब, शबाब, पैसा और गाड़ियां उपलब्‍ध कराकर यही सब-कुछ नहीं करते।
गौरतलब है कि रंजीत सिंह कोहली के बारे में अब तक यह पता नहीं लग पाया है कि लव जिहादी है या नहीं, अलबत्‍ता इतना जरूर सामने आ चुका है कि उसने धर्म परिवर्तन किया था और वह शासन-सत्‍ता में बैठे लोगों से संबंधों तथा उन्‍हें मुहैया कराई जाने वाली सुविधाओं के बल पर लोगों के काम कराता था।
यही काम मथुरा के कई लोग कर रहे हैं और उनमें से कई की गिनती तो संभ्रांत व प्रतिष्‍ठित लोगों में होती है। उनके नाम पब्‍लिक के बीच बड़ी इज्‍ज़त के साथ लिए जाते हैं।
इन लोगों में से कोई मीडियाकर्मी है तो कोई मिठाई विक्रेता। कोई होटल स्‍वामी है तो कोई ओटोमोबाइल क्षेत्र का बड़ा कारोबारी। कोई बड़ा शिक्षा व्‍यवसाई है तो कोई रियल एस्‍टेट के क्षेत्र में बड़ा नाम रखता है। प्रत्‍यक्ष में इनमें से किसी का कोई भी काम हो लेकिन इनका असली काम वही है जो रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान कर रहा था।
आश्‍चर्य की बात यह है कि इनके प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष कामों की शौहरत पूरे जिले की जनता के साथ-साथ प्रदेश और राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली सहित कई दूसरे राज्‍यों तक फैली है लेकिन क्‍या मजाल कि कभी इनकी कोई जांच भी किसी ने की हो।
आज भले ही रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान के ताल्‍लुकातों की वजह से कोई हाईकोर्ट का रजिस्‍ट्रार निलंबित हो गया हो, किसी मंत्री को अपनी सफाई में प्रेस कांफ्रेंस बुलानी पड़ी हो, कई माननीय न्‍यायाधीशों से पूछताछ की जा रही हो और कई उप पुलिस अधीक्षकों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया गया हो परंतु इससे सबक कोई नहीं लेता।
मथुरा में सक्रिय रंजीत सिंह कोहलियों की लाइफ स्‍टाइल पर गौर फरमायेंगे तो स्‍पष्‍ट हो जायेगा कि उनके क्रिया-कलापों तथा रंजीत सिंह के क्रिया-कलापों में आश्‍चर्यजनक रूप से कितनी समानता है।
मथुरा के रंजीत सिहों की भी रातें रंगीन होती हैं। उनके भी यहां हर दिन महफिल सजती हैं। इन रातों को रंगीन करने और महफिलों को गुलजार करने वाला कोई न कोई शासन-सत्‍ता का बड़ा नाम या पुलिस-प्रशासन का बड़ा अधिकारी ही होता है।
इनके ऊंचों ताल्‍लुकातों को बाकायदा अच्‍छा-खासा मीडिया कवरेज मिलता है और उस पर चर्चाएं होती हैं। उनकी तथाकथित तरक्‍की के कसीदे पढ़े जाते हैं।
क्‍या मजाल कि मथुरा में पोस्‍टिंग पर आने वाला किसी भी विभाग का कोई बड़ा अधिकारी या किसी भी दल का कोई बड़ा नेता, इनकी चौखट चूमे बिना वापस चला जाए। फर्क सिर्फ इतना है कि कोई इस काम को ढोल बजाकर यानि प्रचार-प्रसार करके अंजाम दे रहा है तो कोई गोपनीय तरीके से, अलबत्‍ता लाइजनिंग का खेल जारी है।
मजे की बात एक और है कि लाइजनर्स के हाथों की कठपुतली बनने वाले अधिकारी, नेता, मंत्री और माननीय का तमगा प्राप्‍त दूसरे लोग तब तक कुछ सोचने व समझने को तैयार नहीं होते जब तक किसी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान का भांडा नहीं फूट जाता। वह सब-कुछ जानते व समझते हुए उनके यहां बेखौफ आते-जाते हैं और उनके साथ फोटो भी खिंचवाते हैं जिससे उनका मकसद पूरा हो सके।
पुलिस भी ऐसे लोगों पर तभी शिकंजा कसती है जब अपनी जान बचाने की नौबत आ जाए और राजनीतिक दबाव इस कदर बढ़ जाए कि कार्यवाही करने के अलावा कोई रास्‍ता ही न बचे अन्‍यथा वह खुद ऐसे तत्‍वों की ताबेदारी करने में पीछे नहीं रहती।
बहरहाल, आज नहीं तो कल.....कल नहीं तो कभी और..रंजीत सिंह कोहलियों का नंबर आता जरूर है। आज वह बेशक ताकतवर दिखाई देते हों और ऐसा महसूस कराते हों कि शासन-सत्‍ता एवं पुलिस-प्रशासन के उच्‍च अधिकारी उनके इर्द-गिर्द घूमते हैं लेकिन भविष्‍य में इसी तरह मिमियाते व गिड़गिड़ाते नजर आते हैं जैसे हर रंजीत सिंह कोहली को गिड़गिड़ाना पड़ता है। फिर चाहे वह झारखंड की राजधानी रांची में बैठकर लाइजनिंग कर रहा हो अथवा कृष्‍ण की जन्‍मभूमि मथुरा में बैठकर। कभी न कभी कोई तारा शाहदेव ऐसे तत्‍वों के पाप का घड़ा फोड़ने का ज़रिया बन ही जाती है।
- Legend News EXCLUSIVE
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