बुधवार, 26 अक्तूबर 2016

जय गुरुदेव के उत्‍तराधिकारी पंकज बाबा के पिता चरन सिंह यादव ने की दूसरी शादी

मथुरा। जिन दिनों बाबा जय गुरुदेव का ड्राइवर पंकज यादव किसी तरह बाबा की विरासत का उत्‍तराधिकारी बनने की कोशिश में था, लगभग उन्‍हीं दिनों ड्राइवर पंकज का पिता और बाबा का अनुयायी चरण सिंह यादव बाबा की ही एक शिष्‍या के साथ दोबारा घर बसाने में लगा था।
बेटा जहां बाबा जय गुरुदेव की सैकड़ों करोड़ की संपत्‍ति पर काबिज होने के लिए गृहस्‍थाश्रम से दूर रहने का निर्णय ले चुका था वहीं बाप, बाबा के आश्रम में रहते हुए फिर से गृहस्‍थी बसाने जा रहा था किंतु इसकी भनक शायद किसी को नहीं थी।
बाबा जयगुरूदेव ट्रस्‍ट के पदाधिकारी चरण सिंह यादव की दूसरी शादी का खुलासा अब जाकर हुआ है जबकि उनका पुत्र और कभी बाबा का ड्राइवर रहा पंकज यादव ”पंकज बाबा” के रूप में बाबा जयगुरूदेव का उत्‍तराधिकारी बन चुका है।
पंकज बाबा के पिता चरण सिंह यादव की शादी का सर्टीफिकेट बताता है कि उन्‍होंने 30 अप्रैल 2009 को गाजियाबाद के डिप्‍टी रजिस्‍ट्रार (रिजस्‍ट्रार ऑफ मैरिज 4th) के यहां पार्वती मील नामक महिला के साथ शादी की थी जो राजस्‍थान के जिला सीकर में पलारी गांव की निवासी है और पेशे से आर्कीटेक्‍ट बताई जाती है।
पंकज बाबा के पिता चरन सिंह यादव को इस उम्र में आकर फिर से शादी करने की क्‍या जरूरत पड़ गई, यह तो वही बता सकते हैं किंतु इतना जरूर कहा जा सकता है कि जो समय बेटे की शादी करने का था, उस समय तो बाबा जय गुरुदेव के सैकड़ों करोड़ का वारिस बनाने की खातिर चरन सिंह यादव ने बेटे पंकज को बाबा बना दिया और खुद ने दूसरी शादी कर ली। charansing
बाबा जय गुरुदेव का स्‍वर्गवास हालांकि मई सन् 2012 में हुआ था जबकि चरन सिंह ने दूसरी शादी 2009 में ही कर ली थी लेकिन तब तक बाबा सहित किसी को चरन सिंह द्वारा दूसरी शादी किए जाने का कोई इल्‍म नहीं था।
आज भी यूं तो चरन सिंह या जय गुरुदेव धर्म प्रचारक संस्‍था से जुड़ा कोई व्‍यक्‍ति चरन सिंह की दूसरी शादी को लेकर कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं होता किंतु अब जबकि चरन सिंह का मैरिज सर्टीफिकेट सामने आ चुका है तो किसी के बोलने या ना बोलने से कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता।
वैसे देखा जाए तो किसी व्‍यक्‍ति द्वारा पहली पत्‍नी के न होने अथवा तलाकशुदा होने की सूरत में दूसरी शादी कर लेना कोई गुनाह नहीं है किंतु यहां इस शादी पर सवाल खड़े होने की वजह चरन सिंह का पंकज बाबा का पिता होना तथा जय गुरुदेव धर्म प्रचारक संस्‍था से जुड़ा होना है।
चूंकि चरन सिंह खुद जय गुरुदेव के अनुयायी हैं और आज का पंकज बाबा, जय गुरुदेव की मृत्‍यु से ठीक पहले तक उनका ड्राइवर हुआ करता था इसलिए इस शादी को लेकर सवाल उठने लाजिमी हैं।
मथुरा में सरकारी उद्यान विभाग के जवाहर बाग कांड का सरगना रामवृक्ष यादव भी बाबा जयगुरुदेव का अनुयायी था और उसके साथ रहने वाले चंदन बोस सरीखे अपराधी भी कभी जय गुरुदेव के ही अनुयायी रहे थे।
एसपी सिटी मथुरा मुकुल द्विवेदी तथा एसओ फरह संतोष यादव के खून से अपने हाथ रंगने वाले रामवृक्ष यादव के तमाम गुर्गों ने जवाहर बाग को कब्‍जाने में बाबा जय गुरुदेव के नाम का भरपूर इस्‍तेमाल किया क्‍योंकि बाबा जय गुरुदेव ने भी अपनी अकूत संपत्‍ति ऐसे ही हासिल की थी जिसका सच अब धीरे-धीरे सामने आने लगा है। मथुरा में नेशनल हाईवे नंबर 2 पर अरबों रुपए की जमीन बाबा जय गुरुदेव ने खरीदी नहीं है बल्‍कि अधिकांश पर कब्‍जा किया है। यही कारण है कि आज बाबा जय गुरुदेव की समाधि पर भी विवाद खड़ा हो गया है और कोर्ट ने उसके निर्माण पर रोक लगा दी है।
कुल मिलाकर कहने का आशय यह है कि बात चाहे बाबा जय गुरुदेव के वर्तमान उत्‍तराधिकारी पंकज बाबा की हो या उसके पिता चरन सिंह यादव अथवा जवाहर बाग कांड के सरगना रामवृक्ष यादव की, इन सबका चरित्र एवं गतिविधियां किसी न किसी स्‍तर पर संदिग्‍ध हैं। यदि इनकी गतिविधियों की जांच की जाए और बाबा के पूरे साम्राज्‍य व अकूत धन संपदा के स्‍त्रोत का पता लगाया जाए तो एक ऐसे संगठित गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है जिसने धर्म की आड़ में अधर्म का ऐसा खेल खेला जिसकी मिसाल आसानी से मिलना मुश्‍किल है। पंकज बाबा के पिता चरन सिंह यादव द्वारा 2009 में ही दूसरी शादी कर लेना और उसे अब तक छिपाए रखने के पीछे भी कोई ऐसा मकसद जरूर है जिसके बहुत महत्‍वपूर्ण मायने होंगे। आज नहीं तो कल ये मायने सामने जरूर आयेंगे और तब हो सकता है एक नया विवाद भी उठ खड़ा हो।
-लीजेंड न्‍यूज़

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