सोमवार, 27 जनवरी 2014

...तो भाई द्वारा बहन को दिया गया तोहफा है विवादित जमीन

नई दिल्‍ली। 
कांग्रेस उपाध्यक्ष और अगला पीएम बनने की रेस में शामिल राहुल गांधी ने हरियाणा में अपनी वह जमीन बहन प्रियंका गांधी को तोहफे में दे दी थी, जो उनके जीजा रॉबर्ट वॉड्रा के प्लॉट के ठीक बराबर में है। यह मामला करीब छह साल पुराना है। राहुल ने हरियाणा में पलवल जिले के हसनपुर गांव में 3 मार्च 2008 को छह एकड़ जमीन खरीदी थी, जिसके लिए 26.47 लाख रुपए अदा किए गए।
इसी दिन रॉबर्ट वॉड्रा ने हसनपुर में खेती की जमीन खरीदी थी। यह करीब नौ एकड़ थी और इसके लिए उन्होंने 36.90 लाख रुपए चुकाए। 2012 में राहुल ने यह प्रियंका को तोहफे में दे दी।
तोहफे की इस बात का खुलासा ऐसे वक्‍त हुआ है, जब इसी साल हरियाणा में खरीदी गई वॉड्रा की प्रॉपर्टी विवादों में घिर गई थी। यह विवाद रियल एस्टेट की दिग्गज कंपनी डीएलएफ के साथ एक डील को लेकर खड़ा हुआ था।
राहुल गांधी ने 26 जुलाई 2012 को यह जमीन अपनी बहन को तोहफे में दी थी और तीन महीने बाद अक्टूबर में हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने वॉड्रा के कुछ अन्य प्लॉट का म्यूटेशन रद्द कर दिया।
हुड्डा की अगुवाई वाली हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने वॉड्रा और डीएलएफ के बीच हुई डील को 'निजी ट्रांजेक्‍शन' करार दिया था।
यह दिलचस्प है कि हसनपुर की जमीन के लिए एक ही पावर ऑफ अटॉर्नी धारक महेश सिंह नागर के जरिए राहुल गांधी और रॉबर्ट वॉड्रा के लिए दो अलग-अलग सेल डीड तैयार की गई थीं।
12 अगस्‍त 2012 में लोकसभा सचिवालय को सौंपे एक दस्तावेज में राहुल गांधी ने कहा, "मैंने 51 कनाल की खेती की जमीन अपनी बहन ‌प्रियंका गांधी वॉड्रा को दी और इसके लिए पैसे का कोई लेन-देन नहीं हुआ।"
इसमें आगे लिखा है, "क्योंकि यह भाई की तरफ से एक बहन को दिया गया तोहफा है इसलिए कृषि जमीन के ट्रांसफर को लेकर किसी तरह की रकम पर कोई गौर नहीं किया गया।"
सचिवालय में 2013 में दिए गए एक और डिक्‍लेरेशन के मुताबिक राहुल ने गुड़गांव की सिग्नेचर टावर्स-2 में दो कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदीं। अक्टूबर 2010 में 1.44 करोड़ रुपए और 5.36 करोड़ रुपए में इनकी बुकिंग की गई थी।
उन्होंने कुल अब तक दो किस्त जमा कराई हैं। हालांकि, इसमें प्रॉपर्टी का साइज नहीं बताया है। राहुल ने गुड़गांव की प्रॉपर्टी खरीदने से पहले दिल्ली के साकेत स्थित मेट्रोपोलेटिन मॉल अपनी दो दुकान 5.28 करोड़ रुपए में बेच दी। उन्होंने 2006 में ये दुकान खरीदी थीं।
राहुल लोकसभा के उन 20 सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने 15वीं लोकसभा के दौरान इस तरह का हलफनामा देने के बाद अपनी संपत्ति और देनदारी को अपडेट किया। पहले शपथपत्र में उन्होंने हसनपुर की जमीन की जानकारी दी थी।
-एजेंसी

शिकागो की महर्षि यूनिवर्सिटी से 163 वैदिक पंडित लापता

शिकागो। 
उत्तर भारत के गांवों से वैदिक पंडित के रूप में प्रशिक्षित किए जाने के लिए लाए गए कम से कम 163 किशोर अमेरिका में पिछले एक वर्ष से लापता हैं। इन किशोरों को महर्षि महेश योगी द्वारा स्थापित दो संस्थानों द्वारा प्रशिक्षित किया जाना था। शिकागो से प्रकाशित होने वाली साप्ताहिक पत्रिका "हाइ इंडिया" के ताजा अंक में प्रकाशित एक रपट के मुताबिक, 1,050 भारतीय किशोरों को आयोवा के फायरफील्ड स्थित महर्षि वैदिक सिटी और महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट लाया गया था, जिनमें से करीब 163 का पिछले एक वर्ष से अता-पता नहीं है। लापता किशोरों में कुछ की उम्र मात्र 19 वर्ष है।
वैदिक सिटी और यूनिवर्सिटी, दोनों संस्थानों को महर्षि महेश योगी के परिवार के लोग चलाते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इन संस्थाओं का प्रबंधन करने वालों ने लापता लोगों की तलाश करने की भी जहमत नहीं उठाई है।
यहां तक कि भारतीय मूल के आध्यात्मिक गुरू द्वारा स्थापित अनगिनत शिक्षण केंद्रों में से एक ग्लोबल काउंट्री ऑफ वर्ल्‍ड पीस (जीसीडब्ल्यूपी) को भी "विश्व शांति पेशेवर" कहे जाने वाले इन वैदिक अध्येताओं की दुर्दशा या लापता होने के बारे में कुछ भी नहीं पता है। शिक्षण केंद्र के अधिकारियों ने बताया, ""या तो आव्रजन उद्देश्य के लिए या फिर अपने अमरीकी सपनों को पूरा करने के लिए वे यहां से निकल भागे।""
-एजेंसी
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