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रविवार, 22 नवंबर 2020
बड़ा सवाल: ऊर्जा मंत्री की अधिकारियों पर ‘चल’ नहीं रही, या वो पब्लिक को ‘चला’ रहे हैं?
बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शामिल प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और योगी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा की अब अधिकारियों पर ‘चल’ नहीं रही या वो ऐसा दिखाकर पब्लिक को ‘चला’ रहे हैं?यह सवाल 17 नवंबर को ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ के आगरा संस्करण में छपी उस खबर के बाद पूछा जा रहा है जिसके अनुसार ऊर्जा मंत्री श्रीकांत ने वृंदावन कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बरती जा रही ढील पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है और इस संबंध में उनसे अनुरोध किया है कि वह अधिकारियों को निर्देशित करें।
अखबार के पृष्ठ 3 पर छपी इस खबर के मुताबिक 16 फरवरी 2021 से 28 मार्च 2021 तक 41 दिन वृंदावन में यमुना किनारे चलने वाले इस कुंभ मेले की अब तक कोई भौतिक प्रगति नहीं है जिस कारण साधु-संतों सहित स्थानीय जनमानस निराश व आक्रोशित है।
खबर के अनुसार ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में लिखा है कि जिला प्रशासन, ब्रज तीर्थ विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी तथा अन्य एजेंसियों को परस्पर समन्वय स्थापित कर कुंभ मेले को भव्य बनाने और समय से कार्य पूर्ण कराने के लिए आदेशित किया जाए।
17 नवंबर को छपी इस खबर के बाद ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में ही आज यानी 19 नवंबर के दिन एक और खबर छपी है जिसके मुताबिक ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ एवं कुंभ मेला अधिकारी तथा मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष नागेन्द्र प्रताप यादव ने बीते कल (बुधवार) को मेला स्थल का निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने जल निगम एवं नगर निगम के अधिकारियों को कुंभ मेला शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाएं पूरी करने के निर्देश देते हुए मेला क्षेत्र में सीवर का पानी फिर से भर दिए जाने पर नाराजगी जताई।
इसके अलावा मेला अधिकारी नागेन्द्र प्रताप यादव ने संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर यमुना के दोनों ओर अतिक्रमण हटवाने तथा पार्किंग के लिए जमीन का चयन करने को भी कहा है।
नागेन्द्र प्रताप ने यह निरीक्षण कार्य ऊर्जा मंत्री द्वारा सीएम योगी को पत्र लिखने के बाद ही क्यों किया, यह तो वही जानते होंगे अलबत्ता नेता नगरी में चर्चाएं अच्छी-खासी हैं।
गौरतलब है कि नागेन्द्र प्रताप यादव एक ओर जहां मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और ब्रज तीर्थ विकास प्ररिषद के सीईओ हैं वहीं दूसरी ओर ‘उज्जवल ब्रज’ नामक संस्था से भी जुड़े हैं जो ब्रज के विकास हेतु पंजीकृत कराई गई है।
कुल मिलाकर पहले से तीन-तीन बड़ी जिम्मेदारियां निभाते चले आ रहे नागेन्द्र प्रताप पर वृंदावन कुंभ मेला अधिकारी की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी है।
बहरहाल, ऊर्जा मंत्री और योगी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा का कुंभ मेले की तैयारियों में ढील बरतने पर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ सीधे मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र लिखना बहुत कुछ कहता है, वो भी तब जबकि 2022 में यूपी विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं।
मथुरा की जिस विधानसभा सीट से कांग्रेस के लगातार 15 साल विधायक रहे प्रदीप माथुर को हराकर श्रीकांत शर्मा सन् 2017 में भाजपा की टिकट पर विधायक निर्वावित हुए हैं, वह मथुरा-वृंदावन विधानसभा सीट ही है।
कस्बा गोवर्धन के मूल निवासी श्रीकांत शर्मा का इस तरह मथुरा न सिर्फ गृह जनपद है बल्कि निर्वाचन क्षेत्र भी है। ऐसे में श्रीकांत शर्मा का स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र समझ से परे है।
लोगों का मत है कि इस पत्र के दो मतलब निकलते हैं। जिसमें पहला तो ये कि श्रीकांत शर्मा का योगीराज में कद घट रहा है इसलिए प्रशासनिक अधिकारियों पर उनकी पकड़ ढीली पड़ रही है और वह श्रीकांत शर्मा की बात को तरजीह नहीं दे रहे।
इसके अलावा एक दूसरा मतलब यह भी निकलता है कि ऊर्जा मंत्री की खुद कुंभ मेले की तैयारियों में कोई रुचि नहीं है इसलिए वो पत्र लिखकर स्थानीय नागरिकों एवं साधु-संतों की नाराजगी से पल्ला झाड़ रहे हैं और उन्हें ‘चलता’ कर रहे हैं। हालांकि इसमें पहले वाली बात ज्यादा दमदार लगती है क्योंकि अधिकारी कई मौकों पर उनसे भारी पड़ते दिखाई दिए हैं।
यूं भी काफी समय बाद मथुरा में कोई जिलाधिकारी इतने लंबे समय तक तैनात रहा है, जिस कारण उनकी सत्ता के गलियारों में मजबूत पकड़ के खासे चर्चे हैं।
बताया जाता है कि जिलाधिकारी आसानी से किसी को भाव नहीं देते, फिर चाहे सत्ताधारी दल का कोई नेता हो, मंत्री हो या फिर मीडियाकर्मी ही क्यों न हों।
जहां तक प्रश्न ब्रज तीर्थ विकास परिषद से जुड़े प्रमुख अधिकारियों नागेन्द्र प्रताप और शैलजाकांत मिश्र का है तो उनकी कार्यप्रणाली को लेकर ऊर्जा मंत्री ने भले ही पहली बार सार्वजनिक तौर पर नाराजगी व्यक्त की हो किंतु आम जनता तथा विभिन्न समाजसेवी संगठनों सहित जागरूक लोगों में पहले से काफी नाराजगी है, बावजूद इसके हर बार उनका पलड़ा भारी साबित हुआ है।
यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि आईपीएस अधिकारी शैलजाकांत मिश्र और प्रशासनिक अधिकारी नागेन्द्र प्रताप यादव का मथुरा से बहुत गहरा लगाव लगातार बना हुआ है।
नागेन्द्र प्रताप यादव जहां मथुरा में ही एसडीएम और एडीएम भी रहे हैं वहीं शैलजाकांत मिश्र करीब तीन दशक पहले बतौर पुलिस अधीक्षक यहां तैनाती रही। इसी दौरान वह ‘देवरिया बाबा’ के नाम से मशहूर संत ‘देवरहा बाबा’ के संपर्क में आए और फिर उनका निरंतर सानिध्य प्राप्त करने के लिए मथुरा-वृंदावन के होकर रह गए। उनकी तैनाती कहीं भी रही हो परंतु मथुरा आना उनका कम नहीं हुआ। फिलहाल ब्रज तीर्थ विकास परिषद के मुखिया की हैसियत से वो यहां सेवारत हैं।
शैलजाकांत मिश्र का दावा है कि देवरहा बाबा ने उन्हें मथुरा में तैनाती के दौरान ही ऐसा आशीर्वाद दिया था जिसके कारण उन्हें ब्रज तीर्थ विकास परिषद के मुखिया की हैसियत से दोबारा यहां सेवा करने का मौका मिल रहा है। ये बात और है कि लोग उनकी सेवा को संदिग्ध मानते हैं और सेवा की आड़ में मेवा हासिल करने का आरोप भी लगाते हैं।
जो भी हो, किंतु इसमें दो राय नहीं कि जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र से लेकर ब्रज तीर्थ विकास परिषद के मुखिया शैलजाकांत मिश्र तक और तीन-तीन सरकारी जिम्मेदारियां निभा रहे नागेन्द्र प्रताप यादव सहित कई अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की सत्ता के गलियारों में कहीं तो कोई ऐसी पकड़ है जिसके बूते वह श्रीकांत शर्मा जैसे कद्दावर मंत्री व भाजपा नेता की बात को दरकिनार करने का माद्दा रखते हैं।
यदि ऐसा नहीं है और श्रीकांत शर्मा आम जनता और साधु-संतों को गुमराह करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र लिखकर कोई खेल कर रहे हैं तो तय जानिए कि आगामी चुनाव उनके लिए इतना आसान नहीं होगा क्योंकि उन्हें लेकर भी जनता को बहुत शिकायतें हैं।
ये भी कह सकते हैं कि उनका अपना मतदाता हो या पार्टी का कार्यकर्ता, कम से कम उनसे खुश तो नहीं है। बेहतर होगा कि ऊर्जा मंत्री उनके अंदर निहित ऊर्जा को कम आंकने की भूल न करें अन्यथा चुनावों में उसका करंट मुश्किल में डाल सकता है।
-सुरेन्द्र चतुर्वेदी
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