शुक्रवार, 15 नवंबर 2013

सेना के महत्वपूर्ण दस्तावेजों सहित 5 दिन से मेजर लापता

लखनऊ 
सेना के महत्वपूर्ण दस्तावेज लेकर बरेली से लखनऊ जा रहे एक मेजर काठगोदाम एक्सप्रेस से लापता हो गए। काफी तलाशने पर उसका कोई सुराग नहीं लगा है। घटना के बाद से खलबली मची है। मेजर को तलाशने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। खुफिया एजेंसियां भी हाई अलर्ट पर हैं। संबंधित स्टेशन की जीआरपी और आरपीएफ से भी मदद मांगी गई है।
 मामला सेना से जुड़ा होने के कारण उसे बेहद गोपनीय रखा गया है। 17 राजस्थान रायफल में तैनात मेजर आनंद टंडन 10 नवंबर को काठगोदाम से काठगोदाम-हावड़ा एक्सप्रेस से लखनऊ रवाना हुए थे। उनके पास सेना से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज भी थे। उन्हें 11 नवंबर को लखनऊ पहुंचना था, लेकिन वह निर्धारित समय पर नहीं पहुंचे। मेजर के लखनऊ न पहुंचने पर सेना के आला अफसरों ने उनके मोबाइल फोन पर संपर्क साधा। उनका मोबाइल भी बंद है। सेना पूरी शिद्दत से मेजर को तलाशने में जुटी है।
बरेली जंक्शन पर भी आरपीएफ व जीआरपी को संदेश भेजा गया है। आरपीएफ थाना प्रभारी एसएस गब्र्याल के अनुसार, काठगोदाम-हावड़ा एक्सप्रेस से आनंद टंडन नाम मेजर के लापता होने का मैसेज मिला है। वहीं जंक्शन के अंतर्गत आने वाले सभी आरपीएफ थानों को सूचित कर दिया गया है। फिलहाल मेजर का फोटो और निवास का पता सार्वजनिक नहीं किया गया है।
-एजेंसी

भारत में साइबर अटैक का बड़ा खतरा

नई दिल्ली। 
देश के कई बैंक और कंपनियों को साइबर अटैक के एक बड़े खतरे का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि इन जगहों पर अभी भी विंडोज एक्स पी ऑपरेटिंग सिस्टम में काम हो रहा है। जबकि माइक्रोसॉफ्ट जल्द ही इस ऑपरेटिंग सिस्टम को किसी तरह का सपोर्ट नहीं देगा। माइक्रोसॉफ्ट का मानना है कि अप्रैल 2014 के बाद विंडोज एक्स पी इस्तेमाल करने से खतरा 6 गुना बढ़ जाएगा। माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक एक भी वायरस अटैक के चलते बैंक को 1 दिन में 1100 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। फिलहाल भारत में 34,000 बैंक ब्रांच विंडोज एक्स पी पर काम कर रहे हैं। देश का सबसे बड़े बैंक एसबीआई भी अब इस खतरे से निपटने की तैयारी कर रहा है।
भारत साइबर क्राइम से प्रभावित होने वाले 5 बड़े देशों में शामिल है। एक अनुमान के मुताबिक पिछले साल 4 करोड़ से ज्यादा लोग किसी न किसी तरह साइबर क्राइम से प्रभावित हुए हैं। आने वाले समय में ये खतरा और बढ़ सकता है।
जानकारों के मुताबिक कंपनियों को साइबर रिस्क से बचने के लिए न सिर्फ साइबर सिक्योरिटी पर खर्च बढ़ाना चाहिए बल्कि कंपनी पर आने वाली किसी दिक्कत के लिए इंश्योरेंस भी लेना चाहिए। एचडीएफसी एर्गो और टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनियां साइबर रिस्क के लिए इंश्योरेंस करती हैं।
-एजेंसी
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...