नई दिल्ली।
देश के कई बैंक और कंपनियों को साइबर अटैक के एक बड़े खतरे का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि इन जगहों पर अभी भी विंडोज एक्स पी ऑपरेटिंग सिस्टम में काम हो रहा है। जबकि माइक्रोसॉफ्ट जल्द ही इस ऑपरेटिंग सिस्टम को किसी तरह का सपोर्ट नहीं देगा। माइक्रोसॉफ्ट का मानना है कि अप्रैल 2014 के बाद विंडोज एक्स पी इस्तेमाल करने से खतरा 6 गुना बढ़ जाएगा। माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक एक भी वायरस अटैक के चलते बैंक को 1 दिन में 1100 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। फिलहाल भारत में 34,000 बैंक ब्रांच विंडोज एक्स पी पर काम कर रहे हैं। देश का सबसे बड़े बैंक एसबीआई भी अब इस खतरे से निपटने की तैयारी कर रहा है।
भारत साइबर क्राइम से प्रभावित होने वाले 5 बड़े देशों में शामिल है। एक अनुमान के मुताबिक पिछले साल 4 करोड़ से ज्यादा लोग किसी न किसी तरह साइबर क्राइम से प्रभावित हुए हैं। आने वाले समय में ये खतरा और बढ़ सकता है।
जानकारों के मुताबिक कंपनियों को साइबर रिस्क से बचने के लिए न सिर्फ साइबर सिक्योरिटी पर खर्च बढ़ाना चाहिए बल्कि कंपनी पर आने वाली किसी दिक्कत के लिए इंश्योरेंस भी लेना चाहिए। एचडीएफसी एर्गो और टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनियां साइबर रिस्क के लिए इंश्योरेंस करती हैं।
-एजेंसी
देश के कई बैंक और कंपनियों को साइबर अटैक के एक बड़े खतरे का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि इन जगहों पर अभी भी विंडोज एक्स पी ऑपरेटिंग सिस्टम में काम हो रहा है। जबकि माइक्रोसॉफ्ट जल्द ही इस ऑपरेटिंग सिस्टम को किसी तरह का सपोर्ट नहीं देगा। माइक्रोसॉफ्ट का मानना है कि अप्रैल 2014 के बाद विंडोज एक्स पी इस्तेमाल करने से खतरा 6 गुना बढ़ जाएगा। माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक एक भी वायरस अटैक के चलते बैंक को 1 दिन में 1100 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। फिलहाल भारत में 34,000 बैंक ब्रांच विंडोज एक्स पी पर काम कर रहे हैं। देश का सबसे बड़े बैंक एसबीआई भी अब इस खतरे से निपटने की तैयारी कर रहा है।
भारत साइबर क्राइम से प्रभावित होने वाले 5 बड़े देशों में शामिल है। एक अनुमान के मुताबिक पिछले साल 4 करोड़ से ज्यादा लोग किसी न किसी तरह साइबर क्राइम से प्रभावित हुए हैं। आने वाले समय में ये खतरा और बढ़ सकता है।
जानकारों के मुताबिक कंपनियों को साइबर रिस्क से बचने के लिए न सिर्फ साइबर सिक्योरिटी पर खर्च बढ़ाना चाहिए बल्कि कंपनी पर आने वाली किसी दिक्कत के लिए इंश्योरेंस भी लेना चाहिए। एचडीएफसी एर्गो और टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनियां साइबर रिस्क के लिए इंश्योरेंस करती हैं।
-एजेंसी
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