गुरुवार, 16 अगस्त 2012

देश को संबोधन या चुनाव की तैयारी ?

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश को संबोधित करते हुए उन मुद्दों पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया जो सरकार के लिए बड़ी चुनौतियां बन गए हैं, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि उन्होंने इन चुनौतियों का समाधान देने के बजाय विपक्षी दलों के सिर ठीकरा फोड़ दिया.
दरअसल मनमोहन सिंह ने अपने बयान में कहा कि विभिन्न मुद्दों पर राजनीतिक सर्वसम्मति न बन पाने की वजह से आर्थिक विकास की गति पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आर्थिक विकास की गति नहीं बढ़ी, निवेश को बढ़ावा नहीं दिया गया और सरकारी राजकोष का ठीक से प्रबंधन नहीं किया गया तो उसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी बुरा असर पड़ेगा.
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