122 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के
मामले में थाना हरीपर्वत पुलिस ने गलगोटिया विश्वविद्यालय के निदेशक ध्रुव
गलगोटिया और पद्मिनी गलगोटिया को गुड़गांव से गिरफ्तार कर लिया।
पद्मिनी, शंकुतला एजुकेशनल सोसाइटी के चेयरमैन सुनील गलगोटिया की पत्नी हैं। उनके खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था।
बता दें कि संजय प्लेस स्थित एसई इन्वेस्टमेंट कंपनी के असिस्टेंट मैनेजर गिर्राज किशोर शर्मा ने एक महीने पहले थाना हरीपर्वत में मुकद्दमा दर्ज कराया था।
शर्मा की शिकायत थी कि नोएडा की शकुंतला एजुकेशनल एवं वेलफेयर सोसाइटी ने कंपनी से सन 2010 से 2012 के बीच में 80 लाख रुपये के 10 लोन स्वीकृत कराए। इनमें संस्था से जुड़े गलगोटिया विश्वविद्यालय के नाम से भी लोन शामिल था।
स्वीकृत लोन का पैसा संस्था को 24 किस्तों में ब्याज के साथ अदा करना था लेकिन कुछ किश्तों के भुगतान के बाद अदायगी बंद कर दी गई। इसके बाद इन्वेस्टमेंट कंपनी ने संस्था को नोटिस जारी किया।
कंपनी को ब्याज समेत करीब 122 करोड़ रुपये का बकाया अदा करना है। मुकद्दमे में एजुकेशनल सोसाइटी के चेयरमैन सुनील गलगोटिया, डायरेक्टर पद्मिनी गलगोटिया, ध्रुव गलगोटिया और श्रीमती जुगनू गलगोटिया को नामजद किया गया।
ऋण अदायगी बंद करने के बाद शकुंतला एजुकेशन सोसाइटी ने दिल्ली हाईकोर्ट में आरविटेशन दाखिल किया, जिसमें सोसाइटी को भारी घाटे में दिखाया गया। साथ ही गलगोटिया विश्वविद्यालय को अलग संस्थान बताया गया।
जांच कर रही थाना हरीपर्वत पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर सीजेएम खलीकुज्जमा की अदालत में गैर जमानती वारंट जारी करने का प्रार्थना पत्र दिया गया था।
अदालत ने चारों आरोपियों को वारंट जारी किए थे। इसके बाद सुनील गलगोटिया ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्थगनादेश ले लिया था, बाकी लोगों को स्थगनादेश नहीं मिल सका था।
सोमवार को थाना हरीपर्वत पुलिस की टीम ने डायरेक्टर ध्रुव गलगोटिया और उनकी मां पद्मिनी गलगोटिया को गुड़गांव से गिरफ्तार कर लिया। टीम दोपहर तक दोनों को आगरा लेकर आएगी।
-Legendnews
पद्मिनी, शंकुतला एजुकेशनल सोसाइटी के चेयरमैन सुनील गलगोटिया की पत्नी हैं। उनके खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था।
बता दें कि संजय प्लेस स्थित एसई इन्वेस्टमेंट कंपनी के असिस्टेंट मैनेजर गिर्राज किशोर शर्मा ने एक महीने पहले थाना हरीपर्वत में मुकद्दमा दर्ज कराया था।
शर्मा की शिकायत थी कि नोएडा की शकुंतला एजुकेशनल एवं वेलफेयर सोसाइटी ने कंपनी से सन 2010 से 2012 के बीच में 80 लाख रुपये के 10 लोन स्वीकृत कराए। इनमें संस्था से जुड़े गलगोटिया विश्वविद्यालय के नाम से भी लोन शामिल था।
स्वीकृत लोन का पैसा संस्था को 24 किस्तों में ब्याज के साथ अदा करना था लेकिन कुछ किश्तों के भुगतान के बाद अदायगी बंद कर दी गई। इसके बाद इन्वेस्टमेंट कंपनी ने संस्था को नोटिस जारी किया।
कंपनी को ब्याज समेत करीब 122 करोड़ रुपये का बकाया अदा करना है। मुकद्दमे में एजुकेशनल सोसाइटी के चेयरमैन सुनील गलगोटिया, डायरेक्टर पद्मिनी गलगोटिया, ध्रुव गलगोटिया और श्रीमती जुगनू गलगोटिया को नामजद किया गया।
ऋण अदायगी बंद करने के बाद शकुंतला एजुकेशन सोसाइटी ने दिल्ली हाईकोर्ट में आरविटेशन दाखिल किया, जिसमें सोसाइटी को भारी घाटे में दिखाया गया। साथ ही गलगोटिया विश्वविद्यालय को अलग संस्थान बताया गया।
जांच कर रही थाना हरीपर्वत पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर सीजेएम खलीकुज्जमा की अदालत में गैर जमानती वारंट जारी करने का प्रार्थना पत्र दिया गया था।
अदालत ने चारों आरोपियों को वारंट जारी किए थे। इसके बाद सुनील गलगोटिया ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्थगनादेश ले लिया था, बाकी लोगों को स्थगनादेश नहीं मिल सका था।
सोमवार को थाना हरीपर्वत पुलिस की टीम ने डायरेक्टर ध्रुव गलगोटिया और उनकी मां पद्मिनी गलगोटिया को गुड़गांव से गिरफ्तार कर लिया। टीम दोपहर तक दोनों को आगरा लेकर आएगी।
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