भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के प्रतिष्ठित संस्थान राष्ट्रीय फैशन टेक्नॉलोजी संस्थान (निफ्ट) में इन दिनों तहलका मचा हुआ है। संस्थान की 7 छात्राओं और 4 प्रोफेसरों ने निफ्ट के ज्वाइंट डायरेक्टर बसंत कोठारी पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। संस्थान में मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया जिसके बाद लड़कियों ने महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई। मामला महिला आयोग और मीडिया के संज्ञान में आने के बाद आनन-फानन में विभागीय जांच शुरू की गई और बसंत कोठारी का तबादला जोधपुर कर दिया गया। वहीं संस्था की कमेटी ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। कमेटी अपनी रिपोर्ट 11 दिसंबर को पेश करेगी। संस्थान के प्रशासन की गंभीरता का अंदाजा इस बात से ही लगा सकते हैं कि अब तक मामले में एफआईआर भी दर्ज नहीं कराई गई है।
पीडित छात्राओं ने बसंत कोठारी पर अभद्र व्यवहार, अश्लील हरकतें करने और यौन उत्पीड़न के साथ-साथ मामले को दबाने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया है। दूसरी ओर बसंत कोठारी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और उसे एक साजिश बताया है। मामले की हकीकत क्या है यह तो जांच रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा लेकिन यह स्पष्ट है कि ऐसे गंभीर मामलों में अभी भी संस्थान सख्ती से कदम उठा पाने में सक्षम नहीं है।
-एजेंसी
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के प्रतिष्ठित संस्थान राष्ट्रीय फैशन टेक्नॉलोजी संस्थान (निफ्ट) में इन दिनों तहलका मचा हुआ है। संस्थान की 7 छात्राओं और 4 प्रोफेसरों ने निफ्ट के ज्वाइंट डायरेक्टर बसंत कोठारी पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। संस्थान में मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया जिसके बाद लड़कियों ने महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई। मामला महिला आयोग और मीडिया के संज्ञान में आने के बाद आनन-फानन में विभागीय जांच शुरू की गई और बसंत कोठारी का तबादला जोधपुर कर दिया गया। वहीं संस्था की कमेटी ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। कमेटी अपनी रिपोर्ट 11 दिसंबर को पेश करेगी। संस्थान के प्रशासन की गंभीरता का अंदाजा इस बात से ही लगा सकते हैं कि अब तक मामले में एफआईआर भी दर्ज नहीं कराई गई है।
पीडित छात्राओं ने बसंत कोठारी पर अभद्र व्यवहार, अश्लील हरकतें करने और यौन उत्पीड़न के साथ-साथ मामले को दबाने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया है। दूसरी ओर बसंत कोठारी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और उसे एक साजिश बताया है। मामले की हकीकत क्या है यह तो जांच रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा लेकिन यह स्पष्ट है कि ऐसे गंभीर मामलों में अभी भी संस्थान सख्ती से कदम उठा पाने में सक्षम नहीं है।
-एजेंसी