पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) एस. वाई.
कुरैशी ने चुनाव सुधारों पर जोर देते हुए कहा है कि देश में चुनाव,
भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा स्रोत बन चुका है।
कुरैशी ने ब्रिटिश काउंसिल में एक व्याख्यान देते हुए कहा, ‘‘चुनाव इस समय देश में भ्रष्टाचार के सबसे बड़े स्रोत बन चुके हैं।’’
कुरैशी ने कहा, ‘‘राजनीतिक सत्ता ताकतवर है और प्रतिस्पर्धा कड़वी है। चुनाव में अपराधियों का हस्तक्षेप और बूथ कैप्चरिंग सबसे बड़ी चुनौती है।’’
कुरैशी के अनुसार राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों के बीच मिलीभगत तब शुरू होती है, जब कोई राजनीतिज्ञ मंत्री बन जाता है और चुनाव के दौरान खर्च रुपयों को हासिल करना शुरू करता है।
निर्वाचन आयोग के पूर्व प्रमुख कुरैशी ने बताया कि वर्तमान लोकसभा के 543 सदस्यों में से 162 सदस्यों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसमें पिछली लोकसभा की अपेक्षा वृद्धि ही हुई है, क्योंकि पूर्व की लोकसभा में 124 सदस्यों पर ही आपराधिक मामले दर्ज थे।
कुरैशी ने ब्रिटिश काउंसिल में एक व्याख्यान देते हुए कहा, ‘‘चुनाव इस समय देश में भ्रष्टाचार के सबसे बड़े स्रोत बन चुके हैं।’’
कुरैशी ने कहा, ‘‘राजनीतिक सत्ता ताकतवर है और प्रतिस्पर्धा कड़वी है। चुनाव में अपराधियों का हस्तक्षेप और बूथ कैप्चरिंग सबसे बड़ी चुनौती है।’’
कुरैशी के अनुसार राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों के बीच मिलीभगत तब शुरू होती है, जब कोई राजनीतिज्ञ मंत्री बन जाता है और चुनाव के दौरान खर्च रुपयों को हासिल करना शुरू करता है।
निर्वाचन आयोग के पूर्व प्रमुख कुरैशी ने बताया कि वर्तमान लोकसभा के 543 सदस्यों में से 162 सदस्यों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसमें पिछली लोकसभा की अपेक्षा वृद्धि ही हुई है, क्योंकि पूर्व की लोकसभा में 124 सदस्यों पर ही आपराधिक मामले दर्ज थे।