शुक्रवार, 19 अक्तूबर 2018

Shiel Hyundai में बड़ा घपला: Hyundai मथुरा की एकमात्र डीलरशिप खतरे में

Shiel Hyundai के नाम से मथुरा में Hyundai कारों के एकमात्र डीलर आगरा निवासी राजीव रतन और ऋषि रतन ने कंपनी की आंखों में धूल झोंकते हुए डीलरशिप का सौदा किसी दूसरे को कर दिया है जबकि नियमानुसार ऐसा करना पूरी तरह अवैध बताया जाता है।
यही नहीं, Shiel Hyundai ने अपने स्‍तर से डीलरशिप का सौदा करने की जानकारी उन बैंकों को भी देना जरूरी नहीं समझा जिनमें Shiel Hyundai के एकाउंट हैं और Shiel Hyundai ने वहां से काफी आर्थिक सुविधाएं ले रखी हैं।
बताया जाता है कि इस कारनामे को अंजाम देने के लिए Shiel Hyundai ने अपने कर्मचारियों तक को यह कहकर गुमराह किया है कि उन्‍होंने डीलरशिप का सौदा करने की इजाजत कंपनी से ले ली है।
गौरतलब है कि मूल रूप से दक्षिण कोरिया की कार निर्माता कंपनी Hyundai का भारत के कार बाजार में बड़ा दबदबा है और इसलिए मारुति के बाद Hyundai की ही सर्वाधिक कारें सड़क पर देखी जा सकती हैं।
क्‍या कंपनी ऐसी कोई इजाजत देती है ?
इस बारे में जानकारी की तो पता लगा कि कोई भी मल्‍टीनेशनल कंपनी या बड़ी कंपनी डीलर को ये अधिकार नहीं देती कि वह अपने स्‍तर से डीलरशिप किसी अन्‍य के नाम ट्रांसफर कर दे अथवा उसमें किसी को पार्टनर बना ले।
दिल्‍ली में ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन (फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन) के पदाधिकारी जितेन्‍द्र नंदा ने बताया कि डीलर द्वारा किया गया कोई भी ऐसा कृत्‍य कंपनी की शर्तों का उल्‍लंघन है और कंपनी इसके लिए न केवल डीलरशिप टर्मिनेट करती है बल्‍कि आपराधिक केस भी दायर करा सकती है।
उन्‍होंने बताया कि डीलर अगर अपनी डीलरशिप छोड़ना चाहता है तो ज्‍यादा से ज्‍यादा इतना कर सकता है कि इस क्षेत्र के किसी अनुभवी व्‍यक्‍ति का नाम कंपनी को रिकमेंड कर दे किंतु अंतिम निर्णय कंपनी का ही होता है।
कंपनी यदि अपनी सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उस व्‍यक्‍ति को उपयुक्‍त समझती है तो पहले वाली डीलरशिप को समाप्‍त कर नए सिरे से डीलरशिप अलॉट करेगी, न कि पुरानी डीलरशिप के साथ उसका कोई संबंध रखने की इजाजत देगी।
यूं भी Hyundai जैसी विश्‍व प्रसिद्ध कार निर्माता कंपनी की डीलरशिप पाने को हमेशा कई-कई लोग लाइन में लगे रहते हैं और कंपनी भी हर बार डीलरशिप के लिए पहले से उच्‍च मानदंड निर्धारित करती है। ऐसे में इस बात का सवाल ही खड़ा नहीं होता कि Hyundai अपने किसी डीलर को डीलरशिप ट्रांसफर करने अथवा उसमें पार्टनरशिप करने की इजाजत दे।
Shiel Hyundai से इस बारे में उनका पक्ष जानने की काफी कोशिश की गई किंतु उनकी ओर से कोई कुछ बताने को तैयार नहीं हुआ। Shiel Hyundai पर मौजूद स्‍टाफ ने बताया कि राजीव रतन और ऋषि रतन दोनों बाहर हैं। हालांकि उन्‍हें फोन पर सूचित कर दिया गया है।
विश्‍वस्‍त सूत्रों से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार Shiel Hyundai द्वारा किए जा रहे इस कारनामे में ऑटोमोबाइल क्षेत्र से ही जुड़े और दूसरी कार कंपनियों के उन डीलर्स का हाथ है जिनके नीचे फिलहाल किसी कारणवश राजीव रतन और ऋषि रतन दबे हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक मथुरा जैसी बड़ी आबादी वाले विश्‍व विख्‍यात धार्मिक जिले में Hyundai की एकमात्र डीलरशिप का सौदा करने की वजह राजीव रतन और ऋषी रतन के सामने अचानक आर्थिक तंगी खड़ी हो जाना है।
अब सवाल यह उठता है कि अच्‍छी-खासी संख्‍या में हर महीने Hyundai कारों के विक्रेता राजीव रतन और ऋषि रतन के सामने अचानक आर्थिक तंगी आ कैसे गई? 
इसके बारे में उनसे ही जुडे हुए लोग यह बताते हैं कि इसका प्रथम कारण तो पारिवारिक विवाद रहा और दूसरा कारण रहा Shiel Hyundai के पैसे को दूसरे कार्यों में लगा देना। अब ये कार्य कैसे थे और उनमें Shiel Hyundai का पैसा क्‍यों लगाया गया, इस पर भी कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं है।
हां, ये लोग दबी जुबान से इतना जरूर बताते हैं कि जिन लोगों ने एक अच्‍छी-खासी डीलरशिप का सौदा कराया है, उनका मकसद राजीव और ऋषि रतन से किसी भी तरह अपना पैसा निकाल लेना है ताकि सांप मर जाए और लाठी भी न टूटे।
रही बात डीलरशिप के सौदे का अधिकार रखने या न रखने की, तो उसके बाद लेने व देने वाले भुगतते रहेंगे। इससे उनके ऊपर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है।
Shiel Hyundai के शोरूम का नक्‍शा भी विवादों में 
दूसरी ओर इस बीच यह जानकारी भी मिल रही है कि नेशनल हाईवे नंबर-2 पर नवादा क्षेत्र में जहां Shiel Hyundai का शोरूम बना है, वह Residential area है। किसी भी Residential area में कानूनन कार के किसी शोरूम का निर्माण नहीं कराया जा सकता।
मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण ने भी इसकी पुष्‍टि करते हुए बताया कि कब और किन परिस्‍थितियों में नवादा के Residential area में कार के शोरूम बना लिए गए, कहना मुश्‍किल है।
विकास प्राधिकरण से इस बारे में एक चौंकाने वाली जानकारी यह मिली कि जिस प्‍लॉट पर Shiel Hyundai का शोरूम आज खड़ा है, उस पर तो रेस्‍टोरेंट के लिए नक्‍शा पास किया गया था।
प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस बारे में जांच के उपरांत कार्यवाही करने का भरोसा दिया है।
गौरतलब है कि राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली से ताजनगरी आगरा को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे नंबर दो पर स्‍थानीय डेवलपमेंट अथॉरिटी की सांठगांठ से Residential area में ऐसे और भी कई शोरूम स्‍थापित हो चुके हैं जो नियम विरुद्ध हैं किंतु आजतक उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई।
सच तो यह है कि अथॉरिटी से पास नक्‍शे के इतर मामूली सा भी फेरबदल दिखाई देने पर पहुंच जाने वाले विप्रा अधिकारी ऐसे शोरूम्‍स को लेकर अब तक आंखें व कान बंद किए बैठे रहे।
यही कारण है कि राजीव और ऋषि रतन ने Hyundai की अपनी डीलरशिप का सौदा शोरूम सहित किया है क्‍योंकि वह उसकी असलियत जानते हैं, और उन्‍हें मालूम है कि रेस्‍टोरेंट में पास शोरूम कभी भी उनके गले की हड्डी बन सकता है।
बहरहाल, करोड़ों रुपए के इस खेल से फिलहाल तो Hyundai कंपनी के साथ-साथ बैंकें और एजेंसी पर कार्यरत स्‍टाफ भी अनभिज्ञ है। कंपनी और बैंकों को तो जब सच्‍चाई पता लगेगी तब वो देख लेंगे किंतु स्‍टाफ को अपना भविष्‍य अंधकारमय दिखाई देने लगा है।
-सुरेन्‍द्र चतुर्वेदी
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