शनिवार, 15 सितंबर 2012

वाह मनमोहन! मांस निर्यात पर सब्सिडी और कपास पाबंद

विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार अभियान में डटे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संप्रग सरकार द्वारा कथित तौर पर बूचड़खानों और मांस निर्यात में सब्सिडी देने का मामला उठाया।
मोदी ने यहां कहा कि केंद्र एक तरफ कपास के निर्यात पर प्रतिबंध लगाता है जिससे प्रदेश के किसानों को बेहद नुकसान होता है और दूसरी तरफ वह मांस निर्यात में सब्सिडी देता है।
उन्होंने कहा कि गुजरात के लोगों को गुमराह करने की बजाय

नोएडा एक्सटेंशन नाम की कोई जगह नहीं

सिर्फ बिल्डर्स के दिमाग की उपज है
NOIDA EXTENSION
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के रिकार्ड में नोएडा एक्सटेंशन नाम की कोई जगह ही नहीं है. नोएडा एक्सटेंशन तो बिल्डर्स के दिमाग की उपज है.
यही नहीं, बिल्डर्स ने नोएडा एक्सटेंशन के नाम से अपने फ्लैट ऊंचे दामों पर बेच डाले हैं. जिस जमीन पर नोएडा एक्सटेंशन को बिल्डर्स बसा रहे हैं, उसका नोएडा प्राधिकरण से भी कुछ लेना देना नहीं है.
नोएडा एक्सटेंशन के करीब दो दर्जन बिल्डर्स को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ही ग्रुप हाउसिंग प्लॉट आवंटित किए हैं.
नोएडा एक्सटेंशन ने प्राधिकरण को काफी टेंशन दी है। प्राधिकरण के सीईओ रमा रमण का कहना है कि नोएडा एक्सटेंशन का नाम ‘ग्रेटर नोएडा वेस्ट’ होगा.
अब नोएडा एक्सटेंशन को ‘ग्रेटर नोएडा वेस्ट’ के नाम से ही जाना जाएगा.
इसके लिए प्राधिकरण एक प्रस्ताव बोर्ड में लेकर जाएगा. बोर्ड से प्रस्ताव पास होने के बाद प्राधिकरण के रिकॉर्ड में यह नाम दर्ज हो जाएगा.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दो साल पहले नोएडा व ग्रेटर नोएडा की सीमा पर ग्रुप हाउसिंग स्कीम लांच कर करीब दो दर्जन छोटे-बड़े बिल्डर्स को जमीन आवंटित की थी.
नोएडा, दिल्ली और एनसीआर के लोग ग्रेटर नोएडा में मकान खरीदने से कतराते हैं. वह नोएडा की प्रॉपर्टी को ग्रेटर नोएडा से काफी सुरक्षित और फायदे का सौदा मानते हैं लिहाजा बिल्डर्स ने इसका फायदा उठाया और नोएडा एक्सटेंशन का नाम दे दिया.
नोएडा शब्द जुड़ते ही खरीदार भ्रमित हो गए और उन्होंने जमकर फ्लैट बुक कराए जबकि हकीकत में इस क्षेत्र से नोएडा प्राधिकरण का कुछ भी लेना-देना नहीं है.
ग्रेनो प्राधिकरण ने जमीन आवंटित की है, सारी सुविधाएं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दे रहा है लेकिन बिल्डर्स नोएडा के नाम को भुना रहे हैं.
नोएडा एक्सटेंशन ने ग्रेनो प्राधिकरण के अफसरों को टेंशन भी बहुत दिया है. कभी किसानों का आंदोलन तो कभी कोर्ट के झमेले, या फिर एनसीआर प्लान बोर्ड से मास्टर प्लान 2021 की मंजूरी का मामला.
इस टेंशन से मुक्ति पाने के बाद ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ रमा रमण नोएडा एक्सटेंशन नाम सुनने को तैयार नहीं हैं.
उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि नोएडा एक्सटेंशन नाम की कोई जगह नहीं है, इस जगह का नाम ग्रेटर नोएडा वेस्ट होगा. प्राधिकरण अपने रिकॉर्ड में ग्रेटर नोएडा वेस्ट ही दर्ज करेगा.
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