रविवार, 20 मार्च 2016

16 करोड़ रुपए हड़प लिए जाने पर Kalpataru ग्रुप के फील्‍ड अफसर ने कंपनी कैंपस में फांसी लगाई

मथुरा। आखिर वही हुआ जिसकी कि आशंका थी, Kalpataru ग्रुप के चुरमुरा ऑफिस कैंपस में आज एक फील्‍ड अफसर ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने फिलहाल मृतक के शव को पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
उल्‍लेखनीय है कि कल्‍पतरू ग्रुप के चेयरमैन जयकृष्‍ण राणा ने चिटफंड के जरिए लोगों को रुपए दोगुने करने का लालच देकर देशभर से सैंकड़ों करोड़ रुपए जुटाए थे किंतु अब न जयकृष्‍ण राणा का कोई पता है और न निवेशकों के पैसे का।
पॉलिसी मैच्‍योर हो जाने के बावजूद निवेशकों का पैसा न लौटाए जाने से परेशान हरियाणा के रेवाड़ी का निवासी 50 वर्षीय फील्‍ड अफसर अभय सिंह पिछले कई दिनों से कल्‍पतरू ग्रुप के चुरमुरा (फरह) स्‍थित ऑफिस पर डेरा डाले पड़ा था।
कल्‍पतरू ग्रुप के ही सूत्रों से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार अभय सिंह के माध्‍यम से कंपनी में हरियाणा के सैंकड़ों लोगों ने करीब 16 करोड़ रुपए का निवेश विभिन्‍न पांजी स्‍कीम के तहत निर्धारित समय के लिए किया था।
बताया जाता है कि अवधि पूरी हो जाने पर जब निवेशकों ने अभय सिंह से अपना पैसा वापस मांगना शुरू किया तो अभय सिंह ने कंपनी से निवेशकों का पैसा लौटाने को कहा।
सूत्रों के मुताबिक काफी समय तक तो कल्‍पतरू ग्रुप का सर्वेसर्वा जयकृष्‍ण राणा और उसके गुर्गे मिलकर अभय सिंह को आज-कल में पैसा वापस दिलाने का बहाना बनाकर टालमटोल करते रहे किंतु फिर उन्‍होंने अभय सिंह से मिलना और यहां तक कि फोन पर बात करना भी बंद कर दिया।
हारकर और परेशान होकर अभय सिंह आखिर में मथुरा जनपद के थाना फरह अंतर्गत गांव चुरमुरा ऑफिस पर जम गया किंतु इस बीच जयकृष्‍ण राणा और उसके गुर्गों ने चुरमुरा ऑफिस पर आना ही पूरी तरह बंद कर दिया था।
ज्ञात रहे कि मथुरा-आगरा के बीच नेशनल हाईवे नंबर-2 के किनारे स्‍थित गांव चुरमुरा में ही कल्‍पतरू ग्रुप के चेयरमैन जयकृष्‍ण राणा ने सैंकड़ों एकड़ भूमि पर अपना साम्राज्‍य फैला रखा है और यहीं से वह अपनी करीब एक दर्जन कंपनियों का संचालन करता है।
दूसरी ओर अभय सिंह ने जिन लोगों से कंपनी में पैसे का निवेश कराया था, वह लोग एक ओर जहां अभय सिंह के रेवाड़ी स्‍थित घर पर चक्‍कर लगाने लगे वहीं दूसरी ओर अभय सिंह के वहां न मिलने पर उसके बीबी-बच्‍चों से भी अभय सिंह के बावत पूछताछ करने लगे।
चारों तरफ से पैसे की वापसी के लिए दबाव पड़ने और कल्‍पतरू ग्रुप के चेयरमैन जयकृष्‍ण राणा व उसके गुर्गों के भूमिगत हो जाने से परेशान अभय सिंह ने आज सुबह अंतत: अपनी जान दे दी।
इस संबंध में पूछे जाने पर पुलिस क्षेत्राधिकारी कुंवर अनुपम सिंह ने बताया कि कल्‍पतरू ग्रुप के ऑफिस कैंपस में एक व्‍यक्‍ति द्वारा फांसी लगाकर जान दे देने की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उसके शव को पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेज दिया है किंतु अभी तक पुलिस को मृतक के किसी परिजन द्वारा तहरीर नहीं दी गई है। तहरीर देते ही उसके मुताबिक एफआईआर दर्ज करके कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
उल्‍लेखनीय है कि किसी भी व्‍यक्‍ति को आत्‍महत्‍या के लिए बाध्‍य कर देना एक संगीन अपराध है और इसके लिए आईपीसी में धारा 306 के तहत अपराध पंजीकृत किया जाता है।
पुलिस को अब तक तहरीर न दिए जाने की वजह अभय सिंह के परिजनों का समाचार लिखे जाने तक चुरमुरा न पहुंच पाना बताया गया।
गौरतलब है लीजेण्‍ड न्‍यूज़ द्वारा कल्‍पतरू ग्रुप और उसके चेयरमैन जयकृष्‍ण राणा के काले धंधे की जानकारी अक्‍टूबर 2015 में तभी देना शुरू कर दिया था जब ग्रुप द्वारा अपनी आड़ के लिए शुरू किया गया ”कल्‍पतरू एक्‍सप्रेस” नामक दैनिक अखबार अचानक बंद हो गया और उसमें कार्यरत सैंकड़ों कर्मचारी रातों-रात सड़क पर आ गए। अखबार के इन कर्मचारियों को उनका कई-कई महीनों से बकाया वेतन तक नहीं दिया गया। काफी शोर-शराबा होने के बाद कुछ कर्मचारियों को पोस्‍ट डेटेड चेक पकड़ा दिए गए किंतु इनमें से भी अधिकांश चेक बाउंस हो गए। परेशान अखबार कर्मियों ने आगरा पुलिस की शरण ली और तब कहीं जाकर केवल उन कर्मचारियों को पैसा दिया गया जो पुलिस तक अपनी शिकायत लेकर पहुंचे थे।
कंपनी के सूत्रों की मानें तो अभय सिंह अकेला ऐसा कर्मचारी नहीं है जो एक लंबे समय से पैसे की वापसी कराने को चुरमुरा ऑफिस चक्‍कर लगा रहा था। अभय सिंह जैसे तमाम अन्‍य कर्मचारी कल्‍पतरू ग्रुप के चुरमुरा स्‍थित ऑफिस पर चक्‍कर लगाते और स्‍थाई तौर पर डेरा जमाए बैठे देखे जा सकते हैं क्‍योंकि उनके लिए अब पैसा वापसी उनके जीवन-मरण का प्रश्‍न बन चुका है लेकिन जयकृष्‍ण राणा कानून से मिल रही ढील का लाभ उठाकर कहीं मौज कर रहा है।
यहां यह जान लेना जरूरी है कि कल्‍पतरू ग्रुप के चेयरमैन जयकृष्‍ण राणा ने कल्‍पतरू एक्‍सप्रेस नामक अखबार से लेकर कल्‍पतरू मॉटेल्‍स लिमिटेड, वृंदावन सीक्‍यूरिटीज लिमिटेड, कल्‍पतरू इंश्‍योरेंस कार्पोरेशन लिमिटेड, कल्‍पतरू डेरी प्रोडक्‍ट प्राइवेट लिमिटेड, कल्‍पतरू मेगामार्ट लिमिटेड, कल्‍पतरू इन्‍फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, कल्‍पतरू फूड प्रोडक्‍ट प्राइवेट लिमिटेड, कल्‍पतरू लैदर प्रोडक्‍ट प्राइवेट लिमिटेड तथा कल्‍पतरू एग्री इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड जैसी लगभग एक दर्जन कंपनियों का जाल लोगों को फंसाने के लिए फैला रखा है। अभय सिंह जैसे एजेंट्स के माध्‍यम से जयकृष्‍ण राणा अपनी इन कंपनियों के लिए निवेश की आड़ लोगों से पैसा हड़पता रहा है।
जयकृष्‍ण राणा और उसकी कल्‍पतरू ग्रुप ऑफ कंपनीज पर सीक्‍यूरिटीज एंड एक्‍सचेंच बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) द्वारा भी शिकंजा कसा जा चुका है किंतु हर आर्थिक अपराधी की तरह वह अब तक सेबी की आंखों में धूल झोंक कर अपने गोरखधंधे को अंजाम देता रहा है।
यह भी पता लगा है कि जयकृष्‍ण राणा के जाल में केवल उसके अपने कंपनी एजेंट तथा अफसर व निदेशक ही नहीं, कई बैंकें भी फंसी हुई हैं किंतु अब तक जयकृष्‍ण राणा सबको चकमा देने में सफल रहा है।
हाल ही में लिकर किंग के नाम से मशहूर विजय माल्‍या द्वारा देश की विभिन्‍न बैंकों को 9 हजार करोड़ रुपए का चूना लगाकर देश से भाग जाने के बाद हालांकि सरकार ऐसे अपराधियों के प्रति सख्‍त व सतर्क तो हुई है किंतु फिर भी जयकृष्‍ण राणा जैसे अपराधी उसकी पकड़ से दूर हैं और उसके आसरे रोजी-रोटी कमाने वाले लोग करोड़ों रुपए फंस जाने की वजह से जान दे रहे हैं।
जाहिर है कि अब भी यदि कल्‍पतरू ग्रुप और उसके चेयरमैन जयकृष्‍ण राणा पर कानून का शिकंजा सही तरह से नहीं कसा गया तो पता नहीं कितने और अभय सिंह अपनी जान देने पर मजबूर होंगे और कितने निवेशक अपनी मेहनत की कमाई वापस लेने के लिए अभय सिंह जैसों को तलाशते देखे जायेंगे।
-लीजेंड न्‍यूज़

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