बुधवार, 24 अक्तूबर 2018

यदि आप इस फेस्टिव सीजन में मथुरा से Hyundai की कार खरीदना चाहते हैं तो पहले यह ख़बर पढ़ लें

जी हां! यदि आप इस फेस्‍टिव सीजन यानी में मथुरा से Hyundai की कोई कार खरीदना चाहते हैं तो यह ख़बर आपके लिए ही है।
कहीं ऐसा न हो कि आप बड़े उत्‍साह से अपने अरमानों की गाड़ी घर लेकर आएं और पता चले कि गाड़ी तो घर पहुंच गई किंतु एजेंसी ‘सड़क’ पर आ चुकी है।
दरअसल, मथुरा जनपद में Hyundai कारों के एकमात्र डीलर आगरा निवासी राजीव रतन और ऋषि रतन ने कार निर्माता कंपनी को धोखे में रखकर Shiel Hyundai का सौदा किसी अन्‍य व्‍यक्‍ति के नाम कर दिया है जो कंपनी की शर्तों के मुताबिक पूरी तरह अवैध है।
बताया जाता है कि फिलहाल डीलरशिप को छिपाए रखने की वजह भी यही है कि कंपनी की आंखों में धूल झोंककर फेस्‍टिव सीजन का भरपूर लाभ उठा लिया जाए।
यही कारण है कि Shiel Hyundai में कार्यरत स्‍टाफ को भी यह कहकर गुमराह किया जा रहा है कि कंपनी की सहमति से डीलरशिप का सौदा हुआ है जबकि कोई भी मल्‍टी नेशनल कार कंपनी अपने डीलर को ऐसा करने की इजाजत कभी नहीं देती।
गौरतलब है कि फेस्‍टिव सीजन में लगभग सभी कार कंपनियां अपने उत्‍पादों पर अच्‍छी-खासी छूट देती हैं और इसका लाभ ग्राहक के साथ-साथ डीलर को भी प्राप्‍त होता है।
डीलर को इन अवसरों पर कंपनी जो टारगेट देती है, उस टारगेट को अचीव करने का बोनस भी निर्धारित होता है, और यह बोनस डीलर के खाते में जाता है।
कंपनी द्वारा दी जाने वाली छूटों में नकद डिस्‍काउंट के अलावा फ्री सर्विस की संख्‍या, गारंटी अथवा वारंटी की मियाद बढ़ा देना आदि भी शामिल होता है।
इन हालातों में अगर आपने किसी ऐसे डीलर से अपने सपनों की कार खरीदी होगी जिसके अपने भविष्‍य पर ही प्रश्‍नचिन्‍ह लगा हो तो आपको सर्विस से लेकर मेंटीनेंस तक में भारी असुविधा होने की पूरी संभवाना है।
वजह एकदम साफ है। प्रथम तो कंपनी कब और किसे डीलर बनाती है, यह उसका अपना निर्णय है। दूसरे जिसे भी वह डीलर बनाती है, जरूरी नहीं कि वह उस गाड़ी पर फेस्‍टिव सीजन में मिली छूट को गंभीरता से ले जिसे उसने अपने स्‍तर से बेचा ही नहीं है और जिसका लाभ उससे पहले वाला डीलर उठा चुका है।
हालांकि कंपनी की शर्तों के मुताबिक प्रत्‍येक डीलर पूर्व में कंपनी द्वारा ग्राहक को दी गई सुविधाएं पूरी करने के लिए बाध्‍य है किंतु हकीकत में ऐसा होता नहीं है। यहां तक कि एक शहर का डीलर दूसरे शहर से खरीदी गई अपनी ही कंपनी की गाड़ी के ग्राहक को सुविधाएं मुहैया कराने में विशेष रुचि नहीं लेता।
डीलर्स की इस हरकत से सभी कार मालिक भली-भांति परिचित होते हैं इसलिए अधिकांश लोग जहां रहते हैं वहीं से कार खरीदने को प्राथमिकता देते हैं।
सामान्‍य तौर पर मथुरा जैसे धार्मिक जनपद में लोग धनतेरस और दीवाली पर नई कार अपने घर लाना चाहते हैं और इसके लिए पहले से तैयारी भी करते हैं। जिन्‍हें फाइनेंस कराना होता है वह फाइनेंस कराकर रखते हैं और जिन्‍हें एक्‍सचेंज ऑफर के तहत शेष धनराशि नकद देकर कार लानी होती है, वह भी पूरी तैयारी रखते हैं।
मन पसंद कार के लिए लोग डीलर के पास एडवांस पैसा पहुंचा देते हैं ताकि उन्‍हें पूर्व निधारित समय पर गाड़ी की डिलीवरी मिल सके।
ऐसे में एक स्‍वाभाविक सवाल यह पैदा होता है कि एडवांस पेमेंट, अच्‍छा लाभ और आफ्टर सेल भी विभिन्‍न माध्‍यमों से कमाई का जरिया लगातार बने रहने के बावजूद मथुरा की डीलरशिप क्‍यों खतरे में पड़ गई।
इस संबंध में जानकारी की तो पता लगा कि ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में किसी भी डीलर के सामने आर्थिक तंगी के हालात सिर्फ तब खड़े होते हैं जब वह उस डीलरशिप से हो रही आमदनी का पैसा दूसरे कारोबार में लगाने लगता है। जैसे कि दूसरी कंपनी की डीलरशिप में या फिर जमीनें आदि को खरीदने में।
उल्‍लेखनीय है कि मथुरा में Hyundai कारों के डीलर राजीव रतन व उनके पुत्र ऋषि रतन पर आगरा में एक अन्‍य कार कंपनी की भी डीलरशिप है और इन्‍होंने जमीन आदि में भी पैसा लगाया हुआ है। इसके अलावा पड़ोसी जनपद हाथरस में भी Hyundai की डीलरशिप इन्‍हीं के पास है।
इतना सब होते हुए मथुरा में Hyundai की डीलरशिप से किसी प्रकार का आर्थिक नुकसान मिलने की संभावना नहीं बनती लिहाजा यह अनुमान लगाना आसान है कि पैसा गया कहां होगा।
मथुरा में एक मशहूर दुपहिया वाहन के डीलर ने कुछ समय पूर्व ऐसा ही कारनामा किया था और अपने स्‍तर से सौदा करके करोड़ों रुपए ले लिए थे। कंपनी को जब डीलर के कारनामे का पता लगा तो उसने डीलरशिप टर्मिनेट करके नया डीलर बना लिया लेकिन जिसने पहली डीलरशिप में पैसे लगाए थे, वह फंस गया।
प्रत्‍येक व्‍यक्‍ति का पहला सपना भले ही अपना एक घर बनाना होता है परंतु उसका दूसरा सपना एक चार पहिया वाहन भी लेना होता है। चार पहिया वाहनों में मारुति और Hyundai ऐसी कंपनियां हैं जिनकी सर्वाधिक कारें सड़क पर दौड़ती देखी जा सकती हैं।
फेस्‍टिव सीजन में तो इन कंपनी की कारों के लिए लगभग मारामारी जैसी स्‍थिति पैदा हो जाती है क्‍योंकि सभी को अपनी पसंद का कलर और मॉडल एक निर्धारित तिथि या दिन चाहिए होता है।
अभी धनतेरस में 12 और दीपावली में 14 दिन शेष हैं। यदि आप मथुरा से Hyundai की गाड़ी लेने का मन बना रहे हों तो पहले अच्‍छी तरह यह पता कर लें कि कहीं आपको आफ्टर सेल सर्विस के लिए दूसरी जगहों पर भटकना न पड़े और आप अपनी गाड़ी का भरपूर लुत्‍फ उठा सकें।
-सुरेन्‍द्र चतुर्वेदी
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