सरकार ''लोकपाल''
की बात तो करती है पर ''जन-लोकपाल'' का जिक्र तक उसे नागवार गुजरता है
क्योंकि उसके साथ ''जन'' जो जोड़ दिया गया है।
धारावाहिक उपनिषद गंगा के 12 वें भाग में धनंजय नामक श्रेष्ठी कोटिकर्ण (करोड़पति व्यापारी) गंगा के घाट पर खड़े होकर कहता है कि कोई याचक बच गया हो तो वह भी मांग ले। है कोई और याचक यहां ?
धारावाहिक उपनिषद गंगा के 12 वें भाग में धनंजय नामक श्रेष्ठी कोटिकर्ण (करोड़पति व्यापारी) गंगा के घाट पर खड़े होकर कहता है कि कोई याचक बच गया हो तो वह भी मांग ले। है कोई और याचक यहां ?