मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि भारत
तब अधिक गौरवशाली था जब गरीबी के बावजूद उसकी सांस्कृतिक समृद्धि का सारी
दुनिया लोहा मानती थी या आज अधिक गौरवशाली है जब उसकी गिनती विश्व के
भ्रष्टतम देशों में की जाती है ?
कुछ समय पहले तक भारत को सपेरों और साधु-सन्यासियों का देश कहा जाता था । गरीब देश कहा जाता था । नेता कहते हैं कि भारत ने बहुत तरक्की की है । अब दुनिया का कोई देश भारत को सपेरों का देश नहीं कहता ।
कुछ समय पहले तक भारत को सपेरों और साधु-सन्यासियों का देश कहा जाता था । गरीब देश कहा जाता था । नेता कहते हैं कि भारत ने बहुत तरक्की की है । अब दुनिया का कोई देश भारत को सपेरों का देश नहीं कहता ।