जोधपुर। अपने ही अनुयायी की नाबालिग बेटी से यौन शोषण मामले में अरेस्ट
विवादित धर्मगुरु आसाराम बापू कानून से बचने के लिए तमाम तरकीबों का
इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने रविवार को जांच अधिकारियों से कहा कि वह
नपुंसक हैं। ऐसे में इस तरह का अपराध करने में वह समर्थ ही नहीं हैं। 72
वर्षीय आसाराम के इस दावे की पोल तब खुल गई जब 'पोटेंसी टेस्ट' (मर्दानगी
जांच) पॉजिटिव निकला। मतलब आसाराम की कामुकता पूरी तरह से ऐक्टिव है।
पुलिस का कहना है कि टेस्ट के पॉजिटिव रिजल्ट से उन्हें इस केस में काफी मजबूत मेडिकल सबूत मिला है। जोधपुर के पुलिस कमिश्नर बिजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि डॉक्टर्स की एक टीम को राजस्थान के पुलिस हेडक्वॉर्टर में बुलाया गया था। यहीं पर आसाराम का 'पोटेंसी टेस्ट' लिया गया। कमिश्नर का कहना है कि इस 'पोटेंसी टेस्ट' से यह कन्फर्म हो गया हैकि आसाराम 16 साल की उस लड़की के साथ यौन शोषण और रेप जैसा अपराध करने लायक हैं। वहीं दूसरे सीनियर पुलिस ऑफिसर का कहना है कि यह टेस्ट एक नॉर्मल प्रक्रिया का हिस्सा है। किसी भी रेप केस में आरोपी का 'पोटेंसी टेस्ट' इसलिए लिया जाता है ताकि यह साबित हो सके कि वह रेप करने के काबिल है या नहीं।
पुलिस का कहना है कि टेस्ट के पॉजिटिव रिजल्ट से उन्हें इस केस में काफी मजबूत मेडिकल सबूत मिला है। जोधपुर के पुलिस कमिश्नर बिजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि डॉक्टर्स की एक टीम को राजस्थान के पुलिस हेडक्वॉर्टर में बुलाया गया था। यहीं पर आसाराम का 'पोटेंसी टेस्ट' लिया गया। कमिश्नर का कहना है कि इस 'पोटेंसी टेस्ट' से यह कन्फर्म हो गया हैकि आसाराम 16 साल की उस लड़की के साथ यौन शोषण और रेप जैसा अपराध करने लायक हैं। वहीं दूसरे सीनियर पुलिस ऑफिसर का कहना है कि यह टेस्ट एक नॉर्मल प्रक्रिया का हिस्सा है। किसी भी रेप केस में आरोपी का 'पोटेंसी टेस्ट' इसलिए लिया जाता है ताकि यह साबित हो सके कि वह रेप करने के काबिल है या नहीं।