नई दिल्ली।
पिछले साल सचिन तेंडुलकर को भारत रत्न देने से संबंधित पूरी कागजी कार्यवाही मात्र पांच घंटे में पूरी की गई थी। खास बात यह है कि सचिन के नाम की सिफारिश भी किसी ने नहीं की थी। सिर्फ राहुल गांधी के कहने पर सचिन के लिए जल्दबाजी में 'भारत रत्न' की घोषणा की गई। 14 नवंबर की दोपहर राहुल गांधी को अचानक लगा कि सचिन को लेकर देशभर में जबर्दस्त उत्साह और सकारात्मक माहौल है। वह दिन उनके आखिरी टेस्ट का पहला दिन था। राहुल ने अपना चुनावी दौरा टाल मुंबई जाकर मैच देखने का फैसला किया। इसी दौरान उन्होंने सचिन को भारत रत्न देने के बारे में पीएमओ से बात की।
14 नवंबर की दोपहर 1.35 बजे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में एक चिट्ठी तैयार हुई। चिट्ठी में खेल मंत्रालय को तत्काल सचिन तेंडुलकर का बायोडाटा भेजने के लिए कहा गया था। ‘Urgent: Out Today’ लिख कर चिट्ठी रवाना की गई और खेल मंत्रालय से कुछ ही घंटे में सचिन का बायोडाटा पीएमओ पहुंच गया। देर शाम तक प्रधानमंत्री के पास सचिन को 'भारत रत्न' देने संबंधित अंतिम नोट पहुंच गया और अगले दिन (15 नवंबर) राष्ट्रपति के पास दो लोगों (सचिन और वैज्ञानिक सीएनआर राव) को 'भारत रत्न' देने का प्रस्ताव राष्ट्रपति के दस्तखत के लिए भेज दिए गए। राष्ट्रपति ने उसी दिन दस्तखत कर दिए।
-एजेंसी
पिछले साल सचिन तेंडुलकर को भारत रत्न देने से संबंधित पूरी कागजी कार्यवाही मात्र पांच घंटे में पूरी की गई थी। खास बात यह है कि सचिन के नाम की सिफारिश भी किसी ने नहीं की थी। सिर्फ राहुल गांधी के कहने पर सचिन के लिए जल्दबाजी में 'भारत रत्न' की घोषणा की गई। 14 नवंबर की दोपहर राहुल गांधी को अचानक लगा कि सचिन को लेकर देशभर में जबर्दस्त उत्साह और सकारात्मक माहौल है। वह दिन उनके आखिरी टेस्ट का पहला दिन था। राहुल ने अपना चुनावी दौरा टाल मुंबई जाकर मैच देखने का फैसला किया। इसी दौरान उन्होंने सचिन को भारत रत्न देने के बारे में पीएमओ से बात की।
14 नवंबर की दोपहर 1.35 बजे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में एक चिट्ठी तैयार हुई। चिट्ठी में खेल मंत्रालय को तत्काल सचिन तेंडुलकर का बायोडाटा भेजने के लिए कहा गया था। ‘Urgent: Out Today’ लिख कर चिट्ठी रवाना की गई और खेल मंत्रालय से कुछ ही घंटे में सचिन का बायोडाटा पीएमओ पहुंच गया। देर शाम तक प्रधानमंत्री के पास सचिन को 'भारत रत्न' देने संबंधित अंतिम नोट पहुंच गया और अगले दिन (15 नवंबर) राष्ट्रपति के पास दो लोगों (सचिन और वैज्ञानिक सीएनआर राव) को 'भारत रत्न' देने का प्रस्ताव राष्ट्रपति के दस्तखत के लिए भेज दिए गए। राष्ट्रपति ने उसी दिन दस्तखत कर दिए।
-एजेंसी