मथुरा के एक करोड़पति सर्राफा व्यवसायी को उनकी
आशिक मिजाजी ने एक ओर जहां बड़ी आर्थिक चोट पहुंचवा दी वहीं दूसरी ओर शहरभर
में खासी चर्चा का विषय बना रखा है। समस्या यह है कि इश्क की ये कसैली दास्तां पता नहीं कब तक अफसाने बनकर सेठजी को परेशान करती रहेगी।
यह
बात अलग है कि फिलहाल सेठजी इस बात से संतुष्ट हैं कि मामला ले-देकर निपट
गया और बात पुलिस तक नहीं पहुंची। कहावत भी है कि जो पकड़ा जाए वह चोर,
बाकी सब साहूकार। वर्ना हर दूसरा नवधनाड्य व्यक्ति गोपाल काण्डा साबित
होगा। मथुरा के बारे में तो यह बात शत-प्रतिशत सही मानी जा सकती है।