मथुरा के एक करोड़पति सर्राफा व्यवसायी को उनकी
आशिक मिजाजी ने एक ओर जहां बड़ी आर्थिक चोट पहुंचवा दी वहीं दूसरी ओर शहरभर
में खासी चर्चा का विषय बना रखा है। समस्या यह है कि इश्क की ये कसैली दास्तां पता नहीं कब तक अफसाने बनकर सेठजी को परेशान करती रहेगी।
यह
बात अलग है कि फिलहाल सेठजी इस बात से संतुष्ट हैं कि मामला ले-देकर निपट
गया और बात पुलिस तक नहीं पहुंची। कहावत भी है कि जो पकड़ा जाए वह चोर,
बाकी सब साहूकार। वर्ना हर दूसरा नवधनाड्य व्यक्ति गोपाल काण्डा साबित
होगा। मथुरा के बारे में तो यह बात शत-प्रतिशत सही मानी जा सकती है। जिन सेठजी को अपनी आशिक मिजाजी के चलते करीब 85 लाख रुपये की चपत गत दिनों लगी है, वह भी एक लम्बे समय से इस खेल में लिप्त थे।
शहर का दिल कहलाने वाले होली गेट पर स्थित मशहूर ज्वेलरी शोरूम के मालिकानों में से एक यह सेठजी कई क्लबों से भी जुड़े हैं।
बताया जाता है कि सेठजी के जिस महिला से अंतरंग सम्बन्ध स्थापित हुए, वह महिला भी उन क्लबों की सक्रिय मेम्बर है और क्लबों के कार्यक्रम ही उन्हें नजदीक लाने में सहायक साबित हुए।
गोविंद नगर थाना क्षेत्र की निवासी उक्त महिला के पति का ताल्लुक भी सर्राफा व्यवसाय से है लिहाजा नज़दीकियों को अंतरंगता में तब्दील होते बहुत समय नहीं लगा।
ज़ाहिर है कि इश्क की गिरफ्त में आने के बाद सेठजी ने न केवल अपनी इस अधेड़ प्रेमिका पर पैसा बहाना शुरू कर दिया बल्कि उसके पति को भी अच्छी आर्थिक मदद की।
अहसानों के तले दबा हुआ महिला का पति काफी-कुछ समझने के बावजूद चुप्पी साधे रहता था इसलिए सेठजी अपनी प्रेमिका को आये दिन घुमाने ले जाते रहे। महिला को भी इस बात का अंदाज था कि उसके पति को पूरी प्रेम कहानी मालूम हो चुकी है।
संभ्रांतजनों में शुमार सेठजी के चाल-चलन में अचानक आये बदलाव को उनके परिजनों, विशेष तौर पर बड़े और छोटे भाइयों ने महसूस किया लेकिन ठोस सुबूतों के अभाववश वह कुछ कहने में असमर्थ थे।
कहा यह भी जाता है कि कुछ दिनों बाद महिला और उसके पति ने उक्त खेल के जरिये बाकायदा प्लानिंग करके इस मशहूर ज्वेलर को चूना लगाने की पूरी तैयारी कर ली । बस इंतजार था तो सही मौके का।
यह मौका बहुत जल्दी तब मिल गया जब एक दिन सेठजी अपनी इस प्रेमिका को हमेशा की तरह नेशनल हाईवे स्थित एक होटल में लेकर गये।
पति-पत्नी ने अपनी योजना में एक अन्य युवती को पैसों का लालच देकर शामिल कर लिया। योजना के मुताबिक दोनों के परिजनों को होटल में सेठजी और उनकी प्रेमिका के मौजूद होने की सूचना इस युवती ने ही दी।
बताया जाता है कि महिला ने अपनी योजना को अंजाम तक पहुंचाने के उद्देश्य से हर मुलाकात का एमएमएस तैयार कर रखा था इसलिए जैसे ही सम्बन्धों से पर्दा उठा, वह असली रूप में सामने आ गई।
चूंकि उसके पति की मूक सहमति पहले से मिल चुकी थी लिहाजा पहले तो पुलिस को बुलाने की बात की जाने लगी और फिर सौदेबाजी शुरू हो गई।
सेठजी से ही जुड़े सूत्रों का कहना है कि एक करोड़ से शुरू हुई सौदेबाजी 60 लाख पर जाकर थमी, वो भी इस शर्त के साथ कि पूर्व में महिला के पति को लगभग 25 लाख रुपयों की जो व्यावसायिक मदद की गई थी उसे भी भूलना होगा।
अब तक संभ्रांतजनों में शुमार सेठजी के पास महिला की हर बात मानने के अतिरिक्त कोई चारा नहीं था क्योंकि यदि मामला पुलिस तक पहुंचता तो सेठजी बड़ी मुसीबत में फंस जाते । सेठजी भी समझ रहे थे कि अंतरंगता किस हद तक रही है।
इस तरह अधेड़ उम्र की यह आशिक मिजाजी सेठजी को करीब 85 लाख की पड़ी।
सेठजी अब केवल इस बात से परेशान हैं कि एक तो जिन क्लबों से वह जुड़े हुए हैं, वहां चटखारे ले-लेकर इसकी चर्चा की जा रही हैं, दूसरे सर्राफा बाजार सहित रिश्तेदारों के बीच उनकी शराफत का नकाब उतर गया है।
उन्होंने अपने किसी अजीज के समक्ष दुख व्यक्त करते हुए पूछा भी है कि पैसे गये सो गये, अब ये तो बताओ कि इन चर्चाओं से पीछा कब तक छूटेगा।
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