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सोमवार, 18 नवंबर 2024
शंकर सेठ को अभी और कुछ दिन जेल में ही गुजारने होंगे, आज फिर टली सुनवाई
मथुरा। वृंदावन के डालमिया बाग कांड में फंसे शंकर सेठ को अभी और कुछ दिन जेल में ही गुजारने होंगे। जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह तरकर द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक आज कंडोलेंस होने के कारण इस मामले में अब सुनवाई के लिए अगली तारीख 21 नवंबर दे दी गई है। दरअसल, 15 नवंबर को वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश यादव 'मामा' का और आज सुबह बार एसोसिएशन मथुरा के सीनियर कर्मचारी भरत यादव का निधन हो गया था।
हालांकि बार एसोसिएशन मथुरा ने आज सुबह एक पत्र इस आशय का जारी किया था कि पिछले 10 दिनों से न्यायालयों में कोई कार्य नहीं हो पा रहा है इसलिए अधिवक्ता राकेश यादव को श्रद्धांजलि देने के लिए समस्त अधिवक्तागण दोपहर 1 बजे से न्यायिक कार्य नहीं करेंगे किंतु बार का यह निर्णय कुछ सदस्यों को अनुचित लगा लिहाजा उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया।
इन सदस्यों ने बार एसोसिएशन के WhatsApp ग्रुप पर नवनिर्वाचित अध्यक्ष तथा सचिव को संबोधित करते हुए लिखा कि आपके द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश यादव के निधन पर शोक तथा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन लंच के बाद रखे जाने की जानकारी मिली है।
मथुरा बार एसोसिएशन के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी अधिवक्ता की मृत्यु के उपरांत लंच के बाद कंडोलेंस करने का प्रस्ताव पारित किया गया हो।
बार के सम्मानित सदस्यों ने WhatsApp ग्रुप पर यह भी लिखा- चूंकि यह कतई गलत है इसलिए इसे मथुरा बार एसोसिएशन कालादिवस के रूप में दर्ज करेगी।
यही नहीं, बार के कुछ सदस्यों ने तो ग्रुप में यह तक लिख कर डाल दिया कि क्या बार के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने निवर्तमान पदाधिकारियों का अनुसरण शुरू कर दिया है या आज किसी की जमानत के लिए कोई तारीख लगी है, शायद शंकर सेठ की।
बार एसोसिएशन के WhatsApp ग्रुप पर साथियों के विरोध का सम्मान करते हुए नवनिर्वाचित सचिव की ओर से लिखा गया कि वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश यादव के निधन पर शोक एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन आज प्रात: 10 बजे ही बार के कार्यालय में किया जाएगा। साथ ही बार ने यह प्रस्ताव भी पारित किया है कि बार एसोसिएशन मथुरा के समस्त अधिवक्तागण पूरे दिन कार्य से विरत रहेंगे।
बहरहाल, शंकर सेठ के प्रयास जहां एक बार और विफल हो गए वहीं उसके चाहने वालों की उन उम्मीदों पर भी पानी फिर गया जिन्हें लेकर वह आज हर हाल में उसके बाहर निकल आने की सोचे हुए थे।
गौरतलब है कि वृंदावन के डालमिया बाग में पेड़ों को काटने, एमवीडीए की बाउंड्रीवाल क्षतिग्रस्त करने व विद्युत सप्लाई को बाधित करने के मामले में शंकर सेठ सहित 42 आरोपियों की अंतरिम जमानत एसीजेएम प्रथम सोनिका वर्मा ने पिछले महीने 23 अक्टूबर को खारिज कर दी थी। इसके बाद न्यायालय में उपस्थित शंकर सेठ समेत 31 आरोपियों को तो जेल भेज दिया गया जबकि 11 आरोपी फरार चल रहे हैं।
शंकर सेठ की दीपावली चूंकि जेल में ही बीत गई इसलिए उसे पूरी उम्मीद थी कि अब उसे न्यायालय से नियमित जमानत जरूर मिल जाएगी किंतु आज भी ऐसा नहीं हो सका और शंकर सेठ अब भी सलाखों के पीछे है।
-Legend News
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