सोमवार, 9 सितंबर 2013

दंगे तो होंगे ही.. कोई रोक भी नहीं सकता

(लीजेण्‍ड न्‍यूज़ विशेष)
केंद्र सरकार की ताजा रिपोर्ट के अनुसार अखिलेश राज में अब तक सांप्रदायिक दंगों की 104 घटनाएं हो चुकी हैं। मुज़फ्फरनगर के दंगे में आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 26 लोग मारे जा चुके हैं जबकि प्रत्‍यक्षदर्शी बताते हैं कि यह संख्‍या सैकड़ों में है।
राज्‍यपाल बी. एल. जोशी ने मुज़फ्फरनगर के दंगों को लेकर केंद्र सरकार को जो रिपोर्ट भेजी है, वह कहती है कि इन दंगों के लिए पूरी तरह राज्‍य सरकार जिम्‍मेदार है।
जो भी हो, लेकिन यहां विचारणीय प्रश्‍न यह है कि एक ऐसे दौर में जब आम आदमी के लिए अपनी जरूरतें पूरी करना भी कठिन होता जा रहा है, तब लोग एक-दूसरे का खून बहाने पर इतनी जल्‍दी आमादा क्‍यों रहे हैं ?
यहां यह बताने की कोई जरूरत नहीं रह जाती कि हर दंगे का शिकार आम आदमी ही होता है, खास लोग कभी किसी दंगे की चपेट में नहीं आते और देश के वर्तमान लोकतंत्र की परिभाषा भी शायद यही है।

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