अमरोहा। उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ के पुलिस
उपाधीक्षक जिया उल हक की पिछले दो मार्च को हुई हत्या को सांप्रदायिकता से
जोड़ने तथा निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह का नाम घसीटने पर
समाजशास्त्री, धर्मगुरु तथा योग से जुड़े लोगों ने सवालिया निशान लगाए हैं
और राज्य सरकार की ओर से इस तरह मुहैया कराई गई आर्थिक सहायता की आलोचना की
है।
प्रसिद्ध समाजशास्त्री डॉ. मुस्तकीम, धर्मगुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम तथा योग गुरु स्वामी कर्मवीर समेत कई विद्वानों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कड़ी निंदा की है तथा कहा है कि पुलिस बल व सरकारी मशीनरी को धार्मिक रंग से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। हालांकि कर्तव्यनिष्ठा के लिए संवैधानिक दायरे में ऐसी घटनाओं की जांच व मदद आवश्यक है।
प्रसिद्ध समाजशास्त्री डॉ. मुस्तकीम, धर्मगुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम तथा योग गुरु स्वामी कर्मवीर समेत कई विद्वानों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कड़ी निंदा की है तथा कहा है कि पुलिस बल व सरकारी मशीनरी को धार्मिक रंग से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। हालांकि कर्तव्यनिष्ठा के लिए संवैधानिक दायरे में ऐसी घटनाओं की जांच व मदद आवश्यक है।