उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ”एक्शन” में हैं लेकिन
मथुरा भाजपा ”डिप्रेशन” में है। लगता है जैसे कि सूबे की सत्ता से ”वनवास”
का समय पूरा होने के बाद अब मथुरा भाजपा ”अज्ञातवास” पर है।
मथुरा में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष को एसएसपी मुकुल गुप्ता इसलिए अपने ऑफिस से दो वरिष्ठ भाजपा नेताओं के सामने गिरफ्तार करा देते हैं क्योंकि वह एसएसपी को आइना दिखाने की कोशिश करते हैं किंतु मथुरा भाजपा का कुछ पता नहीं रहता। एक कार्यकर्ता को एक दरोगा बुरी तरह पीट देता है लेकिन मथुरा की भाजपा चुप्पी साधे बैठे रहती है।
वृंदावन की महिलाओं के अश्लील फोटो सोशल साइट पर डाले जा रहे हैं और यह काम एक गिरोह द्वारा किया जा रहा है, पीड़ित महिलाएं कभी थाने के तो कभी समाज सेवकों और नेताओं के चक्कर काट रही हैं लेकिन मथुरा भाजपा निष्क्रिय है।
पीड़ित महिलाओं को पुलिस उसी तरह मीठी गोली देकर बहला रही है जिस तरह समाजवादी शासन में बहला चुकी है लेकिन मथुरा भाजपा के किसी नेता ने पुलिस से जवाब तलब करना जरूरी नहीं समझा।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष को अपने कार्यालय से पकड़वाकर उनका शांति भंग करने की धारा 151 में चालान कराने वाले एसएसपी मोहित गुप्ता इस संवेदनशील मामले में कहते हैं कि जांच चल रही है, हरकत करने वालों को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं जबकि पीड़ित महिलाओं का कहना है कि इस घ्रणित अपराध को अंजाम देने वाले वृंदावन के अंदर ही छिपे हैं।
सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय विधायक और मंत्री कहने को तो पार्टी कार्यालय पर बारी-बारी से जनशिकायतों के लिए मजमा लगाते हैं लेकिन उन जनशिकायतों का निवारण होना तो दूर, खुद विधायक और मंत्रियों की बात भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं। कभी बल्देव क्षेत्र के विधायक पूरन प्रकाश को पार्टी कार्यालय के निकट बने शौचालय का ताला तोड़ना पड़ता है तो कभी तत्कालीन डीएम का तबादला होने जैसी थोथी दलील देनी पड़ती है।
आश्चर्य की बात तो यह है कि बल्देव क्षेत्र के विधायक पूरन प्रकाश को जिस सार्वजनिक शौचालय का ताला तोड़ना पड़ा, उसकी चाभी उस नगर पालिका प्रशासन के कब्जे में थी जिस पर भाजपा नेत्री मनीषा गुप्ता काबिज हैं। विधायक पूरन प्रकाश पूर्व में पालिका प्रशासन से शौचालय का ताला खुलावाने को कह चुके थे लेकिन किसी के कान पर जूं नहीं रेंगी।
विश्व हिंदू परिषद के नेता और पूर्व आर्मी अफसर कैप्टिन हरिहर शर्मा अपने शहीद पुत्र की पत्नी के नाम जमीन को दंबंगों के अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए कभी पुलिस की तो कभी अपनी ही पार्टी के विधायकों की गणेश परिक्रमा कर रहे हैं लेकिन कहीं से राहत मिलती नजर नहीं आ रही पर मथुरा भाजपा चुप्पी साधे बैठी है।
भाजपा के ही फायर ब्रांड हिंदूवादी नेता और यमुना को प्रदूषण मुक्त कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट तथा एनजीटी में याचिका दाखिल करने वाले गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी को अधिकारियों से शिकायत करनी पड़ रही है कि आज भी अवैध रूप से बूचड़ खाने चल रहे हैं और अवैध बूचड़खाने चलाने वालों ने पूर्व में सील किए गए कट्टीघर की दीवार तोड़ दी है लेकिन मथुरा भाजपा के स्तर से उनका साथ देने कोई खड़ा नहीं होता।
होता है तो यह कि मीट की जिन अवैध दुकानों को बंद कराने के लिए सपा तथा उससे पहले बसपा के शासन में भी भाजपा के कुछ लोग एड़ी-चोटी का जोर लगाते रहे, उन्हें जब प्रदेश का निजाम बदलने के बाद हवा का रुख देखकर जिला प्रशासन ने बंद कराया तो भाजपा नेत्री मनीषा गुप्ता के नेतृत्व वाले नगर पालिका प्रशासन ने मानकों को ताक पर रखकर उनके लिए लाइसेंस जारी कर दिया। अब चंद भाजपाई उन लाइसेंसों को निरस्त कराने की कोशिश कर रहे हैं किंतु मथुरा भाजपा जीत की खुमारी उतारने में व्यस्त है।
योगी सरकार और उसके नुमाइंदे ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा द्वारा बार-बार कहे जाने के बावजूद बिजली विभाग गरीबों को बिना पैसे बिजली कनैक्शन देने के लिए तैयार नहीं है लेकिन मथुरा भाजपा हाथ पर हाथ रखे बैठी है।
मथुरा भाजपा की कमान संभाले बैठे चौधरी तेजवीर सिंह तीन बार सांसद रह चुके हैं, लिहाजा उनकी कार्यप्रणाली से जिले की जनता बखूबी परिचित है। मथुरा में भाजपा को ”इतिहास बनाने वालों” की सूची के वह टॉपर रहे हैं लेकिन प्रदेश भाजपा को उनमें पता नहीं ऐसा क्या नजर आ रहा है कि वह उन्हें ही खेवनहार समझे बैठी है।
सब जानते हैं कि जो चौधरी तेजवीर सिंह तीन बार की अपनी सांसदी के दौरान किसी समस्या का समाधान कराने में सफल नहीं हुए, वो जिलाध्यक्ष के रूप में ऐसा क्या कर लेंगे जिसकी जनता को भाजपा से उम्मीद की जा रही है।
प्रदेश के कबीना मंत्री और छाता क्षेत्र से विधायक लक्ष्मीनारायण चौधरी को पार्टी के जिला कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान एक फरियादी ने बताया कि उसकी पत्रावली पर एडीएम वित्त से लेकर तहसीलदार तक ने काम करने के आदेश जारी कर रखे हैं लेकिन एक लेखपाल उस पर कुंडली मारकर बैठा है।
फरियादी के अनुसार लेखपाल का कहना है कि तुमने भाजपा को वोट दिया है इसलिए अब भाजपा वालों से ही काम करा लो।
सदर तहसील के इस लेखपाल को वहां से हटाकर छाता तहसील भेजने का मौखिक आदेश मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने तत्कालीन डीएम नितिन बंसल को दिया ताकि वह निष्पक्ष काम में रुकावट न बने किंतु डीएम ने मंत्री जी का आदेश एक कान से सुना और दूसरे कान से निकाल दिया।
इसके बाद यही फरियादी प्रदेश के ऊर्जा मंत्री, सरकार के प्रवक्ता और मथुरा-वृंदावन क्षेत्र के विधायक श्रीकांत शर्मा से उनके राधा वैली स्थित मकान पर आकर मिला और अपनी व्यथा तथा प्रशासन की कथा बताई, जिस पर ऊर्जा मंत्री ने पूरी ऊर्जा से दावा किया कि 24 घंटों के अंदर समस्या का समाधान हो जाएगा। कल ऊर्जा मंत्री के दावे को 24 घंटे बीत गए लेकिन नतीजा अब भी ढाक के तीन पात है।
यह हाल तो तब है जबकि जिलाध्यक्ष चौधरी तेजवीर सिंह हर शिकायत का लेखा-जोखा रखने की बात कहते हैं और बताते हैं कि कृत कार्यवाही का ब्यौरा भी ले रहे हैं।
जिलाध्यक्ष की मानें तो जिस विभाग द्वारा काम नहीं किया जाएगा, उस विभाग की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की जाएगी।
अब जिलाध्यक्ष को कौन समझाए कि यदि योगी आदित्यनाथ को ही सारी शिकायतों का निस्तारण कराना होता तो क्यों वह अधिकारियों को कोई आदेश-निर्देश देते और क्यों यह कहते कि जनप्रतिनिधियों को जनता की शिकायतें न सिर्फ सुननी हैं बल्कि उनका निराकरण भी करना व कराना है।
योगी आदित्यनाथ के स्तर से ही सब-कुछ होगा तो संगठन की जिला कार्यकारिणी क्या करेगी, क्या वह केवल मंत्रियों के आगमन पर उनके इर्द-गिर्द खड़े होकर फोटो खिंचवाती रहेगी ताकि सनद रहे और वक्त जरूरत काम आए।
कल की ही अपनी लखनऊ मीटिंग में योगी आदित्यनाथ ने कार्यकताओं से कहा है कि मंत्रियों का स्वागत करने और उन्हें मालाएं पहनाने तक सीमित मत रहो। जनता के बीच जाकर उसकी समस्याओं का समाधान करो क्योंकि सत्ता हमें मौज करने के लिए नहीं मिली है। जनता ने भरोसा किया है अत: उसके भरोसे का मान रखो किंतु लगता है कि मथुरा भाजपा ऊंचा सुनती है। उसे लखनऊ की आवाज सुनाई नहीं देती।
यह हाल तो तब है जबकि नगर निकाय के चुनाव सिर पर हैं और भाजपा नेत्री मनीषा गुप्ता के नेतृत्व वाले नगर पालिका प्रशासन पर पौने दो करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप शासन स्तर पर तथा एनजीटी में लंबित है। आम जन तो क्या, खुद भाजपाई भी मनीषा गुप्ता के कार्यकाल से खुश नहीं हैं। चेयर पर्सन मनीषा गुप्ता पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वालों में भाजपाई ही आगे रहे हैं।
माना कि मोदी जी का मुखौटा फिलहाल जमकर बिक रहा है और उसके सामने शिकवा-शिकायतें फीकी पड़ जाती हैं किंतु नगर निकाय के बाद 2019 का लोकसभा चुनाव भी सामने है। स्वप्न सुंदरी सांसद ने तीन साल से ऊपर का समय तो यह बताकर निकाल लिया कि यूपी में भाजपा की सरकार न होने के कारण वह अपेक्षित काम नहीं कर सकीं किंतु अब यह डायलॉग काम आने वाला नहीं है। अब उन्हें भी कुछ करके दिखाना होगा वर्ना जनता उसी तरह ठेंगा दिखा देगी जिस तरह जयंत चौधरी को दिखाया था।
स्वप्न सुंदरी तो स्वप्न सुंदरी हैं, हो सकता है उन्हें आगे की जीत-हार से कोई खास फर्क न पड़े लेकिन चौधरी तेजवीर सिंह एंड पार्टी और तमाम दूसरे स्थानीय भाजपा नेता आगे आने वाले परिणामों से जरूर प्रभावित होंगे। प्रभावित तो मोदी जी और विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा भी होगी इसलिए बेहतर है कि समय रहते सच्चाई को जान लें और समझ लें कि आमजन को कथा-पटकथा से ज्यादा मतलब नहीं होता। उसे मतलब होता है तो अपने काम से। काम के लिए आराम हराम है, और यही मंत्र मोदी जी का है तथा यही योगी जी का भी।
योगी जी की तरह एक्शन में रहोगे तो रिएक्शन नहीं होगा लेकिन यदि इसी प्रकार डिप्रेशन में बने रहे जैसे कि सत्ता पर काबिज होने के लगभग डेढ़ महीने बाद तक बने हुए हो तो तय जानिए कि रिएक्शन बड़ा भी हो सकता है।
जिलाध्यक्ष तेजवीर सिंह तो जनता के एक्शन और रिएक्शन दोनों का स्वाद भली प्रकार चख चुके हैं लिहाजा उनसे उम्मीद की जाती है कि लॉलीपॉप पकड़ाने की राजनीति समय रहते त्याग देंगे अन्यथा जनता के पास भाजपा को त्यागने के बहुत मौके होंगे।
-सुरेन्द्र चतुर्वेदी
मथुरा में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष को एसएसपी मुकुल गुप्ता इसलिए अपने ऑफिस से दो वरिष्ठ भाजपा नेताओं के सामने गिरफ्तार करा देते हैं क्योंकि वह एसएसपी को आइना दिखाने की कोशिश करते हैं किंतु मथुरा भाजपा का कुछ पता नहीं रहता। एक कार्यकर्ता को एक दरोगा बुरी तरह पीट देता है लेकिन मथुरा की भाजपा चुप्पी साधे बैठे रहती है।
वृंदावन की महिलाओं के अश्लील फोटो सोशल साइट पर डाले जा रहे हैं और यह काम एक गिरोह द्वारा किया जा रहा है, पीड़ित महिलाएं कभी थाने के तो कभी समाज सेवकों और नेताओं के चक्कर काट रही हैं लेकिन मथुरा भाजपा निष्क्रिय है।
पीड़ित महिलाओं को पुलिस उसी तरह मीठी गोली देकर बहला रही है जिस तरह समाजवादी शासन में बहला चुकी है लेकिन मथुरा भाजपा के किसी नेता ने पुलिस से जवाब तलब करना जरूरी नहीं समझा।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष को अपने कार्यालय से पकड़वाकर उनका शांति भंग करने की धारा 151 में चालान कराने वाले एसएसपी मोहित गुप्ता इस संवेदनशील मामले में कहते हैं कि जांच चल रही है, हरकत करने वालों को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं जबकि पीड़ित महिलाओं का कहना है कि इस घ्रणित अपराध को अंजाम देने वाले वृंदावन के अंदर ही छिपे हैं।
सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय विधायक और मंत्री कहने को तो पार्टी कार्यालय पर बारी-बारी से जनशिकायतों के लिए मजमा लगाते हैं लेकिन उन जनशिकायतों का निवारण होना तो दूर, खुद विधायक और मंत्रियों की बात भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं। कभी बल्देव क्षेत्र के विधायक पूरन प्रकाश को पार्टी कार्यालय के निकट बने शौचालय का ताला तोड़ना पड़ता है तो कभी तत्कालीन डीएम का तबादला होने जैसी थोथी दलील देनी पड़ती है।
आश्चर्य की बात तो यह है कि बल्देव क्षेत्र के विधायक पूरन प्रकाश को जिस सार्वजनिक शौचालय का ताला तोड़ना पड़ा, उसकी चाभी उस नगर पालिका प्रशासन के कब्जे में थी जिस पर भाजपा नेत्री मनीषा गुप्ता काबिज हैं। विधायक पूरन प्रकाश पूर्व में पालिका प्रशासन से शौचालय का ताला खुलावाने को कह चुके थे लेकिन किसी के कान पर जूं नहीं रेंगी।
विश्व हिंदू परिषद के नेता और पूर्व आर्मी अफसर कैप्टिन हरिहर शर्मा अपने शहीद पुत्र की पत्नी के नाम जमीन को दंबंगों के अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए कभी पुलिस की तो कभी अपनी ही पार्टी के विधायकों की गणेश परिक्रमा कर रहे हैं लेकिन कहीं से राहत मिलती नजर नहीं आ रही पर मथुरा भाजपा चुप्पी साधे बैठी है।
भाजपा के ही फायर ब्रांड हिंदूवादी नेता और यमुना को प्रदूषण मुक्त कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट तथा एनजीटी में याचिका दाखिल करने वाले गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी को अधिकारियों से शिकायत करनी पड़ रही है कि आज भी अवैध रूप से बूचड़ खाने चल रहे हैं और अवैध बूचड़खाने चलाने वालों ने पूर्व में सील किए गए कट्टीघर की दीवार तोड़ दी है लेकिन मथुरा भाजपा के स्तर से उनका साथ देने कोई खड़ा नहीं होता।
होता है तो यह कि मीट की जिन अवैध दुकानों को बंद कराने के लिए सपा तथा उससे पहले बसपा के शासन में भी भाजपा के कुछ लोग एड़ी-चोटी का जोर लगाते रहे, उन्हें जब प्रदेश का निजाम बदलने के बाद हवा का रुख देखकर जिला प्रशासन ने बंद कराया तो भाजपा नेत्री मनीषा गुप्ता के नेतृत्व वाले नगर पालिका प्रशासन ने मानकों को ताक पर रखकर उनके लिए लाइसेंस जारी कर दिया। अब चंद भाजपाई उन लाइसेंसों को निरस्त कराने की कोशिश कर रहे हैं किंतु मथुरा भाजपा जीत की खुमारी उतारने में व्यस्त है।
योगी सरकार और उसके नुमाइंदे ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा द्वारा बार-बार कहे जाने के बावजूद बिजली विभाग गरीबों को बिना पैसे बिजली कनैक्शन देने के लिए तैयार नहीं है लेकिन मथुरा भाजपा हाथ पर हाथ रखे बैठी है।
मथुरा भाजपा की कमान संभाले बैठे चौधरी तेजवीर सिंह तीन बार सांसद रह चुके हैं, लिहाजा उनकी कार्यप्रणाली से जिले की जनता बखूबी परिचित है। मथुरा में भाजपा को ”इतिहास बनाने वालों” की सूची के वह टॉपर रहे हैं लेकिन प्रदेश भाजपा को उनमें पता नहीं ऐसा क्या नजर आ रहा है कि वह उन्हें ही खेवनहार समझे बैठी है।
सब जानते हैं कि जो चौधरी तेजवीर सिंह तीन बार की अपनी सांसदी के दौरान किसी समस्या का समाधान कराने में सफल नहीं हुए, वो जिलाध्यक्ष के रूप में ऐसा क्या कर लेंगे जिसकी जनता को भाजपा से उम्मीद की जा रही है।
प्रदेश के कबीना मंत्री और छाता क्षेत्र से विधायक लक्ष्मीनारायण चौधरी को पार्टी के जिला कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान एक फरियादी ने बताया कि उसकी पत्रावली पर एडीएम वित्त से लेकर तहसीलदार तक ने काम करने के आदेश जारी कर रखे हैं लेकिन एक लेखपाल उस पर कुंडली मारकर बैठा है।
फरियादी के अनुसार लेखपाल का कहना है कि तुमने भाजपा को वोट दिया है इसलिए अब भाजपा वालों से ही काम करा लो।
सदर तहसील के इस लेखपाल को वहां से हटाकर छाता तहसील भेजने का मौखिक आदेश मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने तत्कालीन डीएम नितिन बंसल को दिया ताकि वह निष्पक्ष काम में रुकावट न बने किंतु डीएम ने मंत्री जी का आदेश एक कान से सुना और दूसरे कान से निकाल दिया।
इसके बाद यही फरियादी प्रदेश के ऊर्जा मंत्री, सरकार के प्रवक्ता और मथुरा-वृंदावन क्षेत्र के विधायक श्रीकांत शर्मा से उनके राधा वैली स्थित मकान पर आकर मिला और अपनी व्यथा तथा प्रशासन की कथा बताई, जिस पर ऊर्जा मंत्री ने पूरी ऊर्जा से दावा किया कि 24 घंटों के अंदर समस्या का समाधान हो जाएगा। कल ऊर्जा मंत्री के दावे को 24 घंटे बीत गए लेकिन नतीजा अब भी ढाक के तीन पात है।
यह हाल तो तब है जबकि जिलाध्यक्ष चौधरी तेजवीर सिंह हर शिकायत का लेखा-जोखा रखने की बात कहते हैं और बताते हैं कि कृत कार्यवाही का ब्यौरा भी ले रहे हैं।
जिलाध्यक्ष की मानें तो जिस विभाग द्वारा काम नहीं किया जाएगा, उस विभाग की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की जाएगी।
अब जिलाध्यक्ष को कौन समझाए कि यदि योगी आदित्यनाथ को ही सारी शिकायतों का निस्तारण कराना होता तो क्यों वह अधिकारियों को कोई आदेश-निर्देश देते और क्यों यह कहते कि जनप्रतिनिधियों को जनता की शिकायतें न सिर्फ सुननी हैं बल्कि उनका निराकरण भी करना व कराना है।
योगी आदित्यनाथ के स्तर से ही सब-कुछ होगा तो संगठन की जिला कार्यकारिणी क्या करेगी, क्या वह केवल मंत्रियों के आगमन पर उनके इर्द-गिर्द खड़े होकर फोटो खिंचवाती रहेगी ताकि सनद रहे और वक्त जरूरत काम आए।
कल की ही अपनी लखनऊ मीटिंग में योगी आदित्यनाथ ने कार्यकताओं से कहा है कि मंत्रियों का स्वागत करने और उन्हें मालाएं पहनाने तक सीमित मत रहो। जनता के बीच जाकर उसकी समस्याओं का समाधान करो क्योंकि सत्ता हमें मौज करने के लिए नहीं मिली है। जनता ने भरोसा किया है अत: उसके भरोसे का मान रखो किंतु लगता है कि मथुरा भाजपा ऊंचा सुनती है। उसे लखनऊ की आवाज सुनाई नहीं देती।
यह हाल तो तब है जबकि नगर निकाय के चुनाव सिर पर हैं और भाजपा नेत्री मनीषा गुप्ता के नेतृत्व वाले नगर पालिका प्रशासन पर पौने दो करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप शासन स्तर पर तथा एनजीटी में लंबित है। आम जन तो क्या, खुद भाजपाई भी मनीषा गुप्ता के कार्यकाल से खुश नहीं हैं। चेयर पर्सन मनीषा गुप्ता पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वालों में भाजपाई ही आगे रहे हैं।
माना कि मोदी जी का मुखौटा फिलहाल जमकर बिक रहा है और उसके सामने शिकवा-शिकायतें फीकी पड़ जाती हैं किंतु नगर निकाय के बाद 2019 का लोकसभा चुनाव भी सामने है। स्वप्न सुंदरी सांसद ने तीन साल से ऊपर का समय तो यह बताकर निकाल लिया कि यूपी में भाजपा की सरकार न होने के कारण वह अपेक्षित काम नहीं कर सकीं किंतु अब यह डायलॉग काम आने वाला नहीं है। अब उन्हें भी कुछ करके दिखाना होगा वर्ना जनता उसी तरह ठेंगा दिखा देगी जिस तरह जयंत चौधरी को दिखाया था।
स्वप्न सुंदरी तो स्वप्न सुंदरी हैं, हो सकता है उन्हें आगे की जीत-हार से कोई खास फर्क न पड़े लेकिन चौधरी तेजवीर सिंह एंड पार्टी और तमाम दूसरे स्थानीय भाजपा नेता आगे आने वाले परिणामों से जरूर प्रभावित होंगे। प्रभावित तो मोदी जी और विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा भी होगी इसलिए बेहतर है कि समय रहते सच्चाई को जान लें और समझ लें कि आमजन को कथा-पटकथा से ज्यादा मतलब नहीं होता। उसे मतलब होता है तो अपने काम से। काम के लिए आराम हराम है, और यही मंत्र मोदी जी का है तथा यही योगी जी का भी।
योगी जी की तरह एक्शन में रहोगे तो रिएक्शन नहीं होगा लेकिन यदि इसी प्रकार डिप्रेशन में बने रहे जैसे कि सत्ता पर काबिज होने के लगभग डेढ़ महीने बाद तक बने हुए हो तो तय जानिए कि रिएक्शन बड़ा भी हो सकता है।
जिलाध्यक्ष तेजवीर सिंह तो जनता के एक्शन और रिएक्शन दोनों का स्वाद भली प्रकार चख चुके हैं लिहाजा उनसे उम्मीद की जाती है कि लॉलीपॉप पकड़ाने की राजनीति समय रहते त्याग देंगे अन्यथा जनता के पास भाजपा को त्यागने के बहुत मौके होंगे।
-सुरेन्द्र चतुर्वेदी