लोहिया को
अपना आदर्श और खुद को धरती पुत्र कहलाने वाले मुलायम सिंह के पुत्र का यह
कैसा समाजवाद है जो जनप्रतिधियों को जनता के पैसों से मौज कराने का
हिमायती है।
एक ओर जहां आम जनता महंगाई व भ्रष्टाचार से त्रस्त है और कानून-व्यवस्था की बदहाली ने उसका जीना हराम कर रखा है वहीं दूसरी ओर अखिलेश सरकार के अजीबो-गरीब फैसले ''जले पर नमक छिड़कने'' की कहावत को चरितार्थ करते नजर आते हैं।
एक ओर जहां आम जनता महंगाई व भ्रष्टाचार से त्रस्त है और कानून-व्यवस्था की बदहाली ने उसका जीना हराम कर रखा है वहीं दूसरी ओर अखिलेश सरकार के अजीबो-गरीब फैसले ''जले पर नमक छिड़कने'' की कहावत को चरितार्थ करते नजर आते हैं।