अगरतला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार
शायद देश के पहले ऎसे सीएम हैं जिनके पास न तो खुद का घर है और न ही कार।
उनका एसबीआई में खाता है जिसमें 17 सितंबर तक सिर्फ 6 हजार 500 रूपए जमा
थे। सरकार को जो सैलरी मिलती है वह भी पार्टी (सीपीआईएम)को दान कर देते
हैं। इसके बदले उन्हें हर महीने भत्ते के रूप में पांच हजार रूपए मिलते
हैं।
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गुरुवार, 11 अक्टूबर 2012
जन सत्याग्रहियों और सरकार के बीच हुआ समझौता
आगरा में जल, जंगल और जमीन को लेकर सरकार और सत्याग्रहियों के बीच
समझौता हो गया है। केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने आगरा जाकर सत्याग्रहियों के साथ समझौता किया।
जिन बातों पर समझौता हुआ है उसमें खास है
- 4-6 महीने के भीतर राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति बनेगी।
- कृषि भूमि और आवास भूमि पर अधिकार के लिए कानून बनाया जाएगा।
- जितने भी ज़मीन से जुड़े मुकदमे होते हैं उनके जल्द निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनेगी।
जिन बातों पर समझौता हुआ है उसमें खास है
- 4-6 महीने के भीतर राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति बनेगी।
- कृषि भूमि और आवास भूमि पर अधिकार के लिए कानून बनाया जाएगा।
- जितने भी ज़मीन से जुड़े मुकदमे होते हैं उनके जल्द निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनेगी।
..तो वाड्रा मामले पर इसलिए चुप हैं मोदी जी
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार गांधी परिवार पर हमला बोल
रहे हैं लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद पर लगे आरोपों पर वे
चुप हैं। ऎसे में सवाल उठता है कि आखिर मोदी चुप क्यों हैं। एक समाचार
पत्र के मुताबिक मोदी की इस चुप्पी की वजह है उनकी सरकार की ओर से डीएलएफ
को सस्ती दर पर दी गई जमीन। समाचार पत्र के मुताबिक 2007 में गुजरात सरकार
ने डीएलएफ को गांधीनगर में सस्ती रेट पर एक लाख स्कवेयर मीटर लैण्ड दी थी।
गुजरात कांग्रेस के सभी सांसदों और विधायकों ने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को जून 2011 में एक ज्ञापन सौंपा था। इसमें कहा गया था कि बिना नीलामी के डीएलएफ को जमीन दे दी गई।
गुजरात कांग्रेस के सभी सांसदों और विधायकों ने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को जून 2011 में एक ज्ञापन सौंपा था। इसमें कहा गया था कि बिना नीलामी के डीएलएफ को जमीन दे दी गई।
विकलांगों का भी पैसा डकार गए कानून मंत्री
फर्रुखाबाद से सांसद एवं देश के कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और उनकी
पत्नी लुईस खुर्शीद पर जालसाजी का बड़ा आरोप लगा है। आज तक न्यूज़ चैनल के स्टिंग आपरेशन के मुताबिक, कानून मंत्री के ट्रस्ट डॉ. जाकिर हुसैन
मेमोरियल ट्रस्ट को साल 2010 और 2011 में 1.39 करोड़ रुपए का सरकारी अनुदान
मिला, जिसे फर्जी हस्ताक्षर और मुहर के सहारे हड़प लिया गया है। केंद्र
सरकार से मिला यह अनुदान विकलांगों को ट्राई साइकिल, बैसाखी और सुनने की
मशीन मुहैया कराने के लिए था।
इस मसले पर कानून मंत्री सहित कांग्रेस का कोई पदाधिकारी सामने नहीं आ रहा है। हालांकि कानून मंत्री ने चिट्ठी लिखकर सफाई दी है।
इस मसले पर कानून मंत्री सहित कांग्रेस का कोई पदाधिकारी सामने नहीं आ रहा है। हालांकि कानून मंत्री ने चिट्ठी लिखकर सफाई दी है।
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