सोमवार, 28 जनवरी 2013

छोटे भाई की बड़ी 'माया' पर उठे सवाल

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के छोटे भाई के कंट्रोल वाली कुछ कंपनियों ने करीब 760 करोड़ रुपए के कैश ट्रांजैक्शन किए हैं। इतनी ज्यादा रकम के स्रोत को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इकनॉमिक टाइम्स ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को फाइल किए गए डॉक्युमेंट्स की जांच की है। इससे पता चला है कि आनंद कुमार की कंट्रोलिंग वाली 7 में से सिर्फ एक कंपनी का ठोस बिजनेस है। बाकी कंपनियां 2007 में बहुजन समाजवादी पार्टी (बीएसपी) की चीफ मायावती के मुख्यमंत्री बनने के बाद बनाई गई थीं।

मंगलवार, 22 जनवरी 2013

संघ से अधिक खतरनाक है कांग्रेस:सिमी

केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान और बीजेपी के वि‍रोध और इस्‍तीफे की मांग के साथ ही एक बार फि‍र से आतंकवाद पर बहस शुरू हो गई है। गृहमंत्री ने कहा कि  कि भाजपा और आरएसएस के कैंप में हिंदू आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है। इसके बाद भाजपा की तरफ से रवि‍शंकर प्रसाद ने कहा है कि जब सिमी और इंडियन मुजाहिदीन पर प्रतिबंध लगाया गया, तब हमने कभी कहा कि यह मुस्लिम आतंकवाद है। आतंकी हमेशा आतंकी है, चाहे उसकी आस्‍था कोई भी हो। स्‍टूडेंट्स इस्‍लामि‍क मूवमेंट ऑफ इंडि‍या (सि‍मी) फि‍लहाल बैन है और इसके पूर्व अध्‍यक्ष डा. शाहि‍द बद्र फलाह अदालत में खुद पर से बैन हटाने का मुकदमा लड़ रहे हैं। आतंकवाद को लेकर कांग्रेस और भाजपा का नजरि‍या सामने आ चुका है। इस मौके पर सि‍मी का नजरि‍या खासा मौजूं है।
डा.शाहि‍द बद्र फलाही ने साफ-साफ कहा कि कांग्रेस मेरी नि‍गाह में सबसे खतरनाक है। इंतहाई दरि‍या इंसानी दुश्‍मन पार्टी है। मैं इसको आरएसएस से कई गुना ज्‍यादा खतरनाक मानता हूं। कांग्रेस का पूरा इति‍हास गवाह है। इसने जो कुछ भी हाल मुसलमानों का कि‍या है, जि‍से हम सच्‍चर कमेटी की रि‍पोर्ट के बरक्‍स देख सकते हैं। बीजेपी और कांग्रेस के बैन में इतना फर्क है कि वो लोग अगर झूठ बोलते हैं तो फंस जाते हैं। उनके झूठ का अंदाज फूहड़पन भरा होता है, पर कांग्रेस झूठ को पर (पंख) लगा देती है। कांग्रेस झूठ को इतनी खूबसूरती से प्रस्‍तुत करती है कि कि‍सी को शक तक नहीं होता।

शुक्रवार, 18 जनवरी 2013

पोर्न क्‍लिप मामला: अब फंसेंगे खबरनवीस !

इसे जल्‍दी से जल्‍दी खबरों को प्रकाशित करने का श्रेय लेने की आपाधापी कहें या सस्‍ती प्रतिस्‍पर्धा का नमूना कि सत्‍यता का पता लगाये बिना मथुरा के एक होटल में पोर्न क्‍लिप बनाये जाने का समाचार लगभग सभी बड़े अखबारों ने प्रमुखता से प्रकाशित कर दिया जबकि मथुरा के होटल में वह क्‍लिप बनी ही नहीं थी।
अखबारों ने मनगढ़ंत कहानी बनाकर यहां तक छाप दिया कि होटल संचालक व उनके भाई को नोएडा पुलिस अरेस्‍ट करके ले गई है।
अब होटल संचालक द्वारा उन सभी अखबारों को लीगल नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है जिन्‍होंने अपने अहम की तुष्‍टि के लिए न सिर्फ पत्रकारिता को कलंकित करने का काम किया बल्‍कि होटल संचालक व उनके भाई का मान-सम्‍मान प्रभावित करने की कोशिश की।
होटल संचालक के भाई भी लंबे समय से इलैक्‍ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े हैं और फिलहाल आईबीएन-7 के लिए आगरा में काम करते हैं।

शनिवार, 12 जनवरी 2013

यमुना: नदी नहीं, नाले की कहानी

(कुंभ मेला विशेष)
क्या दिल्ली में कोई ऐसी जगह है जहाँ आपको यमुना का निर्मल पानी दिखाई दे?
क्योंकि जहाँ भी आप जाएंगे, हर जगह यमुना का पानी काला ही नज़र आएगा.

दिल्ली का वज़ीराबाद बैराज एक ऐसी जगह है जहाँ पर आपको इस सवाल का जवाब शायद मिल जाएगा.
यही वो जगह है जहाँ से नदी दिल्ली में प्रवेश करती है और इसी जगह पर बना बैराज यमुना को आगे बढ़ने से रोक देता है.
वज़ीराबाद के एक तरफ यमुना का पानी एकदम साफ़ और दूसरी ओर एक दम काला है.
इसी जगह से नदी का सारा पानी उठा लिया जाता है और जल शोधन संयत्र के लिए भेज दिया जाता है ताकि दिल्ली की जनता को पीने का पानी मिल सके. बस यहीं से इस नदी की बदहाली भी शुरू हो जाती है.
नदी की बदहाली
उत्तर प्रदेश के टिहरी-गढ़वाल जिले में यमुनोत्री से निकलने वाली यमुना उत्तर प्रदेश के प्रयाग में जाकर गंगा नदी में मिल जाती है.
इस बात को मानने से कोई भी इंकार नहीं कर सकता कि यमुना भारत की सर्वाधिक प्रदूषित नदियों में से एक है.
जल-पुरुष के नाम से प्रसिद्ध रैमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित राजेंद्र सिंह कहते हैं, “ये यमुना नदी नहीं, यमुना नाले की कहानी है. जब दिल्ली में 22 किलोमीटर के सफर में ही 18 नाले मिल जाते हैं तो बाकी जगह का हाल क्या होगा. इसमें सबसे बड़ा योगदान औद्योगिक प्रदूषण का है जो साफ़ हो ही नहीं रहा.”

शनिवार, 5 जनवरी 2013

सपा का ऑपरेशन क्‍लीन.. मथुरा से क्‍यों ?

अभी और कई बड़े विकेट गिराने की तैयारी  
लीजेण्‍ड न्‍यूज़ विशेष
समाजवादी पार्टी ने अपने चारों युवा प्रकोष्‍ठ युवजन सभा, लोहिया वाहिनी, यूथ ब्रिगेड एवं समाजवादी छात्र सभा को अचानक भंग कर दिया। पार्टी ने इन प्रकोष्‍ठों की न सिर्फ कार्यकारिणी भंग की बल्‍कि राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष भी हटा दिये जिस कारण भीषण सर्दी के इस दौर में इन अध्‍यक्षों को पसीने आना स्‍वाभाविक है क्‍योंकि उन्‍हें मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव के अति निकट माना जाता रहा है।
माना भी क्‍यों न जाए, जब वो माननीय मुख्‍यमंत्री के साथ हैलीकॉप्‍टर से उतरते देखे जाते हैं।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने इन प्रकोष्‍ठों को भंग करते वक्‍त सिर्फ इतना कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की अनुमति से राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने युवजन सभा, लोहिया वाहिनी, यूथ ब्रिगेड एवं समाजवादी छात्र सभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणियों को अध्यक्ष सहित तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है.
उन्होंने इन प्रकोष्ठों को भंग करने का कोई कारण नहीं बताया.
जाहिर है कि ऐसी स्‍थिति में एक ओर जहां तमाम लोगों के मन में कारण जानने की उत्‍सुकता पैदा हो गई वहीं दूसरी ओर बहुतों के पेट में दर्द उठने लगा है। 
'लीजेण्‍ड न्‍यूज़' ने समाजवादी पार्टी के हित में इस उत्‍सुकता एवं पेट में उठ रही मरोड़ को दूर करने का प्रयास सपा के उच्‍च पदस्‍थ सूत्रों से प्राप्‍त जानकारी के आधार पर किया है।

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