शनिवार, 5 जनवरी 2013

सपा का ऑपरेशन क्‍लीन.. मथुरा से क्‍यों ?

अभी और कई बड़े विकेट गिराने की तैयारी  
लीजेण्‍ड न्‍यूज़ विशेष
समाजवादी पार्टी ने अपने चारों युवा प्रकोष्‍ठ युवजन सभा, लोहिया वाहिनी, यूथ ब्रिगेड एवं समाजवादी छात्र सभा को अचानक भंग कर दिया। पार्टी ने इन प्रकोष्‍ठों की न सिर्फ कार्यकारिणी भंग की बल्‍कि राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष भी हटा दिये जिस कारण भीषण सर्दी के इस दौर में इन अध्‍यक्षों को पसीने आना स्‍वाभाविक है क्‍योंकि उन्‍हें मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव के अति निकट माना जाता रहा है।
माना भी क्‍यों न जाए, जब वो माननीय मुख्‍यमंत्री के साथ हैलीकॉप्‍टर से उतरते देखे जाते हैं।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने इन प्रकोष्‍ठों को भंग करते वक्‍त सिर्फ इतना कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की अनुमति से राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने युवजन सभा, लोहिया वाहिनी, यूथ ब्रिगेड एवं समाजवादी छात्र सभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणियों को अध्यक्ष सहित तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है.
उन्होंने इन प्रकोष्ठों को भंग करने का कोई कारण नहीं बताया.
जाहिर है कि ऐसी स्‍थिति में एक ओर जहां तमाम लोगों के मन में कारण जानने की उत्‍सुकता पैदा हो गई वहीं दूसरी ओर बहुतों के पेट में दर्द उठने लगा है। 
'लीजेण्‍ड न्‍यूज़' ने समाजवादी पार्टी के हित में इस उत्‍सुकता एवं पेट में उठ रही मरोड़ को दूर करने का प्रयास सपा के उच्‍च पदस्‍थ सूत्रों से प्राप्‍त जानकारी के आधार पर किया है।

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार इसकी शुरूआत उस दिन हो गई थी जिस दिन अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा के कद्दावर नेता रामजीलाल सुमन ने मंच से कहा कि पार्टी में लफंगों की भरमार हो गई है और उनके कारनामों से पार्टी की छवि प्रभावित होने लगी है। अखिलेश यादव ने भी इसका जवाब मंच से यह कहकर दिया कि यदि ऐसा है तो लफंगों की छंटनी का काम भी श्री सुमन के गृह जनपद आगरा से प्रारंभ किया जायेगा।
बहरहाल, आगरा में तो कुछ नहीं हुआ लेकिन मथुरा में देवेन्‍द्र गौतम 'गुड्डू भैया' को सपा से निकाल बाहर किया जिसका संदेश यह गया कि पार्टी ने आगरा की जगह कृष्‍ण की नगरी से अपने 'ऑपरेशन क्‍लीन' का शुभारंभ किया है। इसकी पुष्‍टि और तब हो गई जब दो अन्‍य लोगों को भी पार्टी से बेदखल कर दिया गया।
देवेन्‍द्र गौतम 'गुड्डू भैया' पूर्व में बीएसपी की टिकट पर मथुरा-वृंदावन क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। यह बात अलग है कि खनन माफिया के खिलाफ कार्यवाही किये जाने पर एक प्रशासनिक अधिकारी को गुड्डू भैया द्वारा कथित रूप से थप्‍पड़ मारे जाने की गूंज सीधे बहिनजी के दरबार तक सुनाई दी लिहाजा उन्‍हें पार्टी से निकाले जाने के साथ जेल की हवा भी खानी पड़ी थी।
बताया जाता है कि अभी तमाम और ऐसे लोगों पर गाज गिरना बाकी है जो पार्टी में अपनी  पहुंच बहुत ऊपर तक रखने का दावा करते हैं।
जहां तक सवाल चारों प्रकोष्‍ठों को भंग करने का है तो उसके भी मूल में इन प्रकोष्‍ठों के पदाधिकारियों का वो आचरण बताया जाता है जिसके चलते पार्टी की छवि आमजन के बीच प्रभावित होने लगी थी और जिसकी पूर्व में जानकारी मिलने पर राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने स्‍पष्‍ट चेतावनी दी थी कि फिर कभी शिकायत मिली तो माफी की गुंजाइश खत्‍म हो जायेगी।
बताया जाता है कि रामगोपाल यादव की चेतावनी का कुछ दिन तो असर रहा लेकिन अब असर खत्‍म होने लगा था।
उन्‍हें मथुरा में सक्रिय एक प्रभावशाली नेता के बावत शिकायत मिली कि उन्‍होंने विकास प्राधिकरण की रुक्‍मणी विहार स्‍थित महत्‍वाकांछी योजना में अपने प्रभाव का इस्‍तेमाल करके न केवल अपने चहेतों को भूखण्‍ड एलॉट कराये हैं बल्‍कि खुद भी एक भूखण्‍ड लिया है।
यही नहीं, जिन चहेतों को भूखण्‍ड एलॉट कराये गये उनसे भी अच्‍छा-खासा सुविधा शुल्‍क लिया गया।
उल्‍लेखनीय है कि विकास प्राधिकरण की इस योजना में लॉटरी के माध्‍यम से प्‍लॉट एलॉट होने थे लेकिन सपा के उक्‍त प्रभावशाली नेता की रुचि के कारण इन भूखण्‍डों को गुपचुप बंदरबांट  करके उस पर विराम लगा दिया गया और आमजनता देखती रह गई।
गौरतलब है कि उक्‍त युवा नेता द्वारा अपने प्रभाव का इस्‍तेमाल कर आमजन के साथ-साथ खास लोगों से भी वसूली किये जाने की शिकायत पूर्व में रामगोपाल यादव को मिली थी, जिसके बाद उन्‍होंने कड़े कदम तो उठाये पर बाद में चेतावनी देकर माफ कर दिया।
पार्टी के सूत्रों का कहना है अब फिर उनके संज्ञान में रुक्‍मणी विहार के मामले सहित दूसरे ऐसे कई मामले आये हैं जिनसे पता लगा कि इस युवा नेता ने पहले वाली गतिविधियों को दोहराना शुरू कर दिया है और जिसके कारण कृष्‍ण की नगरी में पार्टी को लेकर अच्‍छा संकेत नहीं जा रहा।
मुख्‍यमंत्री के चाचा और सपा के राष्‍ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने जब इस बावत और तहकीकात की तो पता लगा कि युवा प्रकोष्‍ठों के अन्‍य बहुत से पदाधिकारी भी इसी प्रकार की हरकतों को अंजाम दे रहे हैं तथा वही निजी स्‍वार्थों की पूर्ति करके ऐसे तत्‍वों को संरक्षण दे रहे हैं जिनके बावत रामजीलाल सुमन जैसे वरिष्‍ठ नेता को उनके लिए 'लफंगे' शब्‍द का प्रयोग करना पड़ा।
राष्‍ट्रीय महासचिव को यह भी ज्ञात हुआ कि पार्टी के अंदर इन 'लफंगों' की एंट्री में भी इन युवा नेताओं की ही भूमिका रही है।
बस फिर क्‍या था, रामगोपाल यादव ने पार्टी की छवि को प्रभावित करने वाले इन तत्‍वों की खबर लेनी शुरू कर दी।
बताया जाता है कि रामगोपाल यादव तक इस आशय की भी शिकायतें पहुंची हैं कि पार्टी के कुछ स्‍थानीय पदाधिकारियों द्वारा मथुरा से लेकर लखनऊ तक के काम कराने का ठेका पेशगी लेकर लिया जा रहा है। इसके लिए उनके चेले रजिस्‍टर भी मेंटेन करते हैं। 
इसके अलावा ऐसी भी शिकायतें हैं कि शाम ढलते ही इन पदाधिकारियों के यहां महफिलें रंगीन होने लगती हैं और उनमें कुछ पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारी शिरकत करते हैं।
सपा के सूत्र बताते हैं कि मथुरा पर पार्टी की विशेष नजर इसलिए है क्‍योंकि आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान वह यहां हर हाल में अपना खाता खोलना चाहती है और इसके लिए कड़े से कड़ा कदम उठाने को तैयार है।
यही कारण है कि शीघ्र ही कुछ और लोगों पर गाज गिरने की खबरें लखनऊ से मिल रही हैं क्‍योंकि पार्टी तथा पार्टी के राष्‍ट्रीय महासचिव इस मुद्दे को लेकर काफी गंभीर बताये जाते हैं।
इसमें कोई दो राय भी नहीं कि यदि समाजवादी पार्टी ने समय रहते 'ऑपरेशन क्‍लीन' को अपने अंजाम तक पहुंचा दिया तो मथुरा में खाता खोलने की उसकी मंशा लोकसभा चुनावों के दौरान पूरी हो सकती है क्‍योंकि मथुरा एक लंबे समय से राजनीतिक दरिद्रता भोग रहा है।

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