शनिवार, 7 सितंबर 2013

84 Year old Young man

कई राज्‍यों में विधानसभा चुनाव और उसके बाद 2014 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए वोटों के सौदागर चाहे जो कहें लेकिन सच्‍चाई यही है कि तथाकथित धर्मगुरू आसाराम बापू पर लगे यौन शोषण के गंभीर आरोपों ने आम आदमी के मन में ऐसे धर्मगुरुओं को लेकर गहरा प्रश्‍नचिन्‍ह अंकित कर दिया है।
इस वीडियो में जिस शख्‍स को आप हाथी जैसी चाल चलते देख रहे हैं, वह स्‍वयंभू पांचवें जगद्गुरू कृपालु महाराज हैं और खुद इनके भक्‍तों की मानें तो इनकी उम्र फिलहाल 84 साल है।
गौरतलब है कि 60-62 साल की उम्र में जब सामान्‍यत: लोग रिटायर्ड हो जाते हैं और धर्म के अनुसार भी इस समय वानप्रस्‍थ आश्रम ग्रहण कर लिया जाता है, तब इस देश के नेता और ऐसे तथाकथित धार्मिक गुरू पहले से कहीं अधिक सक्रिय दिखाई देते हैं।
अपने दोनों ओर हाथ बांधे कतारबद्ध खड़े स्‍त्री-पुरुषों के बीच चल रहे कृपालु महाराज के धार्मिक धंधे का टर्नओवर करोड़ों नहीं, अरबों का है और इस धंधे के उत्‍तराधिकारी उनकी अपनी संतानें हैं।
द इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ डिवाइन लव तथा द यूनिवर्सल सोसायटी ऑफ स्‍प्रेचुअल लव नामक संस्‍थाओं के माध्‍यम से अपने धार्मिक कारोबार को संचालित करने वाले कृपालु महाराज भी यौन शोषण के आरोपों में कई बार देश-विदेश की जेलों के मेहमान रहे हैं।
बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि कृपालु महाराज को सर्वप्रथम यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार कराने का श्रेय उन्‍हीं डॉ. नरेन्‍द्र दाभोलकर को जाता है जिनकी पिछले दिनों हत्‍या कर दी गई। दाभोलकर द्वारा स्‍थापित संस्‍था 'अंध श्रृद्धा निर्मूलन समिति' ने ही नागपुर की दो लड़कियों के साथ कृपालु द्वारा दुष्‍कृत्‍य किये जाने का मामला उठाया था।
वीडियो में कृपालु महाराज का गुणगान करने वाली आवाज़ से लेकर उनके सामने जमीन पर बैठकर कृपा प्राप्‍त करने वाला व्‍यक्‍ति कोई और नहीं, इनके पेशेवर तौर-तरीकों का माध्‍यम है ताकि तमाम दूसरे लोगों को प्रभावित व आकर्षित किया जा सके।
सुंदर महिलाओं के जिस समूह को आप इस वीडियो में कृपालु महाराज की आरती उतारते देख रहे हैं, यह दरअसल इनकी वो एग्‍जीक्‍यूटिव्‍स हैं जो इनके लिए धनी-मानी मुर्गे फंसाती हैं और उसके एवज में पहले से तय अपना हैंडसम कमीशन तथा सुख-सुविधाएं हासिल करती हैं। यही महिलाएं महाराज जी की दैहिक एवं भौतिक तापों का निवारण उनकी इच्‍छानुसार करने का इंतजाम भी करती हैं।
चूंकि कृपालु महाराज की कृपापात्र बनने के लिए उनकी अपनी कुछ शर्तें है, और यह उन शर्तों को पूरा करने के बाद ही इस मुकाम तक पहुंचती हैं लिहाजा महाराजजी की जरूरतों को यह उनके एक इशारे से समझ जाती हैं।
बच्‍चों को लेकर वात्‍सल्‍य का भाव प्रदर्शित करने वाले कृपालु की वास्‍तविक सोच का अंदाज आप इस वीडियो के उस हिस्‍से से लगा सकते हैं, जहां कृपालु महाराज खुद तो कीमती स्‍पोर्ट शू में चल रहे हैं और उनके कृपापात्र बच्‍चे नंगे पैर हैं।
बीमारों की सेवा-सुश्रूषा का नाटक करते दिखाई देने वाले कृपालु महाराज ने मनगढ़ स्‍थित अपने आश्रम का भारी-भरकम गेट गिर जाने के कारण हुई दर्जनों मौतों पर बमुश्‍किल इतना भर कहा था कि ये तो ईश्‍वर की मर्जी थी। इसमें मैं क्‍या कर सकता हूं।
कड़वा सच तो यह है कि कदम-कदम पर धर्म का सौदा करने वाले कृपालु महाराज और इनके जैसे तमाम तथाकथित धर्मगुरू न केवल देश के आर्थिक अपराधी हैं बल्‍कि सामाजिक अपराधी भी हैं।
देश भारी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है और देशवासी सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती जा रही महंगाई से त्रस्‍त हैं लेकिन एक ओर धर्म के सौदागर ऐसे तथाकथित धर्मगुरू तथा दूसरी ओर इनके संरक्षणदाता वोटों के सौदागरों पर किसी प्रकार का कोई दुष्‍प्रभाव नहीं पड़ रहा क्‍योंकि इनकी आमदनी निष्‍प्रभावी है।
ऐसे में क्‍या यह सवाल पैदा नहीं होता कि आखिर इनकी आमदनी के वो कौन से स्‍त्रोत हैं, जो कभी नहीं सूखते। जिन पर कभी मंदी की मार नहीं पड़ती और जिनके खजाने का कभी कोई आंकलन नहीं कराया जाता जबकि इनकी शारीरिक, मानसिक तथा तथाकथित बौद्धिक ऊर्जा का राज यही अकूत संपदा है।
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