शुक्रवार, 27 सितंबर 2024

डालमिया बाग कांड के खिलाफ NGT में दो याचिकाएं दायर, सख्‍त कार्रवाई सहित CBI जांच की मांग... सुनवाई 30 को


 मथुरा। छटीकरा रोड (वृंदावन) स्‍थित डालमिया बगीचे के 300 से अधिक हरे पेड़ रातों-रात काट डालने का मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) पहुंच गया है, और अब इसे लेकर आगामी सोमवार को सुनवाई होनी है। 

गुरूकृपा तपोवन कॉलोनी नामक रियल एस्‍टेट प्रोजेक्ट खड़ा करने के उद्देश्‍य से डालमिया बगीचे के वृक्षों को काटने वालों के खिलाफ NGT में दो याचिकाएं दायर की गई हैं और इन दोनों पर सुनवाई सोमवार 30 सितंबर को होनी है। 
पहली याचिका नंबर 1191/2024 है जिसे सुप्रीम कोर्ट के वकील नरेन्‍द्र कुमार गोस्‍वामी ने दायर किया है जबकि दूसरी याचिका मधुमंगल शरण दास शुक्ल निवासी बाग बुंदेला वृंदावन ने दायर की है। 
एडवोकेट नरेन्‍द्र कुमार गोस्‍वामी ने अपनी याचिका में NGT के सामने 6 प्रमुख मांगें प्रस्‍तुत की हैं जो निम्न प्रकार हैं- 
1. ताज ट्रेपेजियम ज़ोन (TTZ) में, विशेषकर वृन्दावन के संवेदनशील क्षेत्र में अवैध वृक्ष कटाई का संज्ञान लेते हुए पर्यावरणीय संतुलन बहाल करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करें।  
2. अवैध वृक्ष कटाई और अधिकारियों की बिल्डरों और भूमि माफियाओं के साथ मिलीभगत की तत्काल जांच एक स्वतंत्र एजेंसी जैसे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा कराने का निर्देश दें।  
3. जितने पेड़ काटे गए हैं, उनकी दोगुनी संख्या में पुनः वृक्षारोपण का आदेश दें, जिसकी लगातार निगरानी वन विभाग और नागरिक समाज संगठनों द्वारा की जाए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि नए लगाए गए पेड़ पूर्ण रूप से परिपक्व हो जाएं।  
4. अवैध रूप से साफ की गई भूमि पर सभी व्यावसायिक गतिविधियों को निलंबित करें और डालमिया फार्म क्षेत्र में किसी भी नए निर्माण या भूमि उपयोग परिवर्तन पर तब तक रोक लगाएं, जब तक कि उचित पर्यावरणीय मंजूरी और अनुमतियाँ प्राप्त न हो जाएं।  
5. इस अवैध कार्य में शामिल व्यक्तियों, बिल्डरों और अधिकारियों पर भारतीय वन अधिनियम 1927, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 और अन्य प्रासंगिक कानूनों के तहत भारी जुर्माना और आपराधिक कार्रवाई लागू करें।  
6. ताज ट्रेपेजियम ज़ोन (TTZ) विनियमों और इस माननीय न्यायालय द्वारा निर्धारित पर्यावरणीय दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए  एम. सी. मेहता के आदेशों के तहत दंडात्मक कार्रवाई जारी करें।
 
अधिवक्ता नरेन्‍द्र कुमार गोस्‍वामी ने अपनी याचिका में कहा है कि अनेक कानूनों और संवैधानिक उल्‍लंघनों के अलावा भी उपरोक्त प्रकरण ने विश्वभर के सनातनियों के हृदय में गंभीर घाव कर दिया है। पीपल,बरगद, नीम, कदंब आदि प्रजाति वाले वृक्षों को भी नहीं बक्शा गया जबकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गोपियाँ और ऋषि मुनि वृन्दावन के वृक्षों का रूप धारण कर इस पावन भूमि पर तपस्या में रत हैं। 
भूमाफिया ने निजी स्‍वार्थ के लिए तपस्या में रत राधे-राधे बोलते हजारों वृक्ष रुपी साधु संतों और गोपियों का सामूहिक वध करके वृन्दावन की समस्त स्‍प्रिचुअल इकोलॉजी को भी खंडित किया है। 
याचिकाकर्ता एडवोकेट ने इस बात का भी स्‍पष्‍ट उल्‍लेख किया है कि मथुरा के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण, नगर निगम तथा वन विभाग के लोगों की बिना मिलीभगत के ये कार्य असंभव है। 
दूसरी याचिका संख्‍या 1192/2024 है जो मधुमंगल शरण दास शुक्ल की ओर से दायर की गई है, उसमें NGT से 11 मांगें की गई हैं जिनमें प्रमुख हैं- 
1. वृंदावन एवं संपूर्ण ब्रजभूमि की वन संपदा को और क्षति न पहुंचे इसके लिए अंतरिम आदेश दिए जाएं जिससे अवैध वृक्ष कटान को तुरंत रोका जा सके। 
2. मथुरा के जिलाधिकारी, एसएसपी, डीएफओ समेत बाकी संबंधित अधिकारियों को आदेशित किया जाए कि वो डालमिया बगीचे में सैकड़ों हरे वृक्ष कटवाने में संलिप्‍त भूमाफिया तथा उनके सहयोगियों को उनकी अवैध गतिविधियों से तत्काल रोकें ताकि वृंदावन की वन संपदा को और क्षति न पहुंचे। 
3. 19 सितंबर 2024 की रात डालमिया बगीचे से सैकड़ों हरे वृक्षों की भारी मशीनरी द्वारा अवैध कटाई की विस्‍तृत जांच के आदेश दिए जाएं क्‍योंकि भूमाफिया का यह कृत्य इलाहाबाद हाईकोर्ट की जनहित याचिका संख्‍या 36311/2010 के तहत दिए गए आदेश-निर्देशों का घोर उल्‍लंघन है। 
4. NGT चाहे तो वह इस पूरे प्रकरण की CBI अथवा SIT के द्वारा एक स्‍वतंत्र जांच कराए और इसमें लिप्‍त भूमाफिया, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों समेत राजनेताओं की भूमिका को भी शामिल किया जाए। 
5. NGT चाहे तो इसके लिए एक एक्‍सपर्ट कमेटी गठित कर सकती है जिसमें पर्यावरणविद, वनस्‍पति विज्ञानी, वन विभाग के उच्च अधिकारी तथा ताज ट्रेपेजियम जोन अथॉरिटी, पर्यावरण मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी जांच करके डालमिया बगीचे में हुए वृक्षों के कटान की विस्तृत रिपोर्ट पेश कर सकें। 
6. इस कृत्य में शामिल लोगों को क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजा अदा करने के लिए आदेशित किया जाए। 
7. डालमिया बगीचे के वृक्षों की हत्या करने वालों को कम से कम तीन गुना वन संपदा के जीर्णोद्धार का आदेश दिया जाए। 
8. इसके अलावा वन जीव संरक्षण क्षेत्र विकसित करने का तत्‍काल आदेश दिया जाए जिससे वन्य जीवों की रक्षा संभव हो सके। 
9. डालमिया बगीचे को नष्‍ट करने वालों के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम 1980, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 तथा इलाहाबाद उच्च न्‍यायालय के 2010 में दिए गए आदेशों के तहत आपराधिक केस दर्ज हो। 
10. वृंदावन के लिए एक दीर्घकालिक पारिस्‍थितिक संरक्षण योजना बनाई जाए और वृंदावन पारिस्‍थितिक धरोहर बोर्ड स्‍थापित किया जाए। 
11. इस अवैध कृत्य में शामिल सभी पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ न्‍यायालय की अवमानना के तहत कार्रवाई की जाए, साथ ही ताज ट्रेपेजियम जोन के अंतर्गत एक सर्विलांस तथा मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया जाए ताकि वृंदावन जैसे इकोलॉजिकल संवेदनशील क्षेत्रों के पर्यावरण को और क्षति न पहुंचे।
NGT से यह भी मांग की गई है कि यदि वो चाहे तो मिट्टी के अवैध खनन तथा वन संपदा की निगरानी के लिए ड्रोन या रिमोट मॉनिटरिंग तकनीक का इस्‍तेमाल करने के आदेश दे सकती है। 
याचिकाकर्ताओं ने सभी सनातनियों, पर्यावरण प्रेमियों, मीडिया तथा अधिवक्ता समाज से भी निवेदन किया है कि वह इस धर्मयुद्ध में अपने-अपने स्तर से सहयोग करें जिससे धर्मनगरी में अधर्म करने वालों को उनके कर्मों का फल समय रहते मिल सके और ब्रजभूमि अपनी पहचान खोने से बच जाए। 

-सुरेन्‍द्र चतुर्वेदी
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