शुक्रवार, 21 जून 2013

कुछ समय बाद ....स्‍वर्ग वापस चली जायेंगी गंगा

लुप्‍त हो जायेंगे केदारनाथ और बद्रीनाथ
भविष्य में गंगा नदी पुन: स्वर्ग चली जाएगी फिर गंगा किनारे बसे तीर्थस्थलों का कोई महत्व नहीं रहेगा। वे नाममात्र के तीर्थ स्थल होंगे। केदारनाथ को जहां भगवान शंकर का आराम करने का स्थान माना गया है वहीं बद्रीनाथ को सृष्टि का आठवां वैकुंठ कहा गया है, जहां भगवान विष्णु 6 माह निद्रा में रहते हैं और 6 माह जागते हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब गंगा नदी धरती पर अवतरित हुई, तो यह 12 धाराओं में बंट गई। इस स्थान पर मौजूद धारा अलकनंदा के नाम से विख्यात हुई और यह स्थान बद्रीनाथ, भगवान विष्णु का वास बना। अलकनंदा की सहचरणी नदी मंदाकिनी नदी के किनारे केदार घाटी है, जहां बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक सबसे महत्वपूर्ण केदारेश्वर है। यह संपूर्ण इलाका रुद्रप्रयाग जिले का हिस्सा है। रुद्रप्रयाग में भगवान रुद्र का अवतार हुआ था।
केदार घाटी में दो पहाड़ हैं- नर और नारायण पर्वत। पुराणों अनुसार गंगा स्वर्ग की नदी है और इस नदी को किसी भी प्रकार से प्रदूषित करने और इसके स्वाभाविक रूप से छेड़खानी करने का परिणाम होगा संपूर्ण जंबूखंड का विनाश और गंगा का पुन: स्वर्ग में चले जाना।

खिलाड़ियों को सट्टेबाजों ने फ्लैट भी दिए: ललित

LONDON. इंडियन प्रीमियर लीग के पूर्व आयुक्त ललित मोदी ने सनसनीखेज दावा किया कि चेन्नई सुपरकिंग्स के तीन खिलाड़ियों के रीयल स्टेट के बड़े व्यवसायी के साथ संबंध हैं जो सट्टेबाज भी है। उन्होंने कहा कि इस व्यवसायी के गुरुनाथ मयप्पन और अन्य फ्रेंचाइजी मालिकों के साथ भी करीबी संबंध हैं।
मोदी ने ट्वीट के जरिये दावा किया कि रीयल एस्टेट व्यवसायी ने 2010 में आईपीएल फ्रेंचाइजी हासिल करने की कोशिश भी की थी लेकिन उन्होंने स्वीकृति नहीं दी। इसने सुपरकिंग्स के खिलाड़ियों को फ्लैट भी दिए हैं।
लंदन में रह रहे मोदी ने ट्वीट किया कि विश्वस्त सूत्रों से अभी अभी सूचना मिली कि चेन्नई सुपरकिंग्स के तीन खिलाड़ियों को नाइट क्लब के मालिक, रीयल एस्टेट व्यवसायी के साथ देखा गया था।

अथ श्री कांग्रेस कथा ! लोगों को मरते छोड़ विदेश जा रहे हैं CM बहुगुणा

उत्तराखण्ड भयंकर विभीषिका से जूझ रहा है। बादल फटने के बाद आई बाढ़ से सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है।
इसे उत्तराखण्ड के इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी बताया जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने इसे हिमालयी सुनामी करार दिया है लेकिन वह बाढ़ में फंसे हजारों लोगों को भगवान भरोसे छोड़कर विदेश दौरे पर जाने जाने की प्लानिंग कर रहे हैं।
बहुगुणा जब गुरूवार को राहत कार्यो का जायजा लेने जोशीमठ पहुंचे तो नाराज लोगों ने उन्हें घेर लिया। लोगों ने बहुगुणा के खिलाफ नारेबाजी की।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। बहुगुणा ने लोगों को पूरी मदद का भरोसा दिलाया और अपने हेलीकॉप्टर में बैठ कर रवाना हो गए।
एक समाचार पत्र के मुताबिक मुख्यमंत्री अपनी पत्नी और कुछ अधिकारियों के साथ अगले हफ्ते स्विट्जरलैण्ड जा सकते हैं।
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