नई दिल्ली।
तहलका के एडिटर तरुण तेजपाल और उन पर आरोप लगाने वाली जूनियर कॉलीग की नई
मेल्स लीक हो गई हैं। ये वे शुरुआती ई-मेल्स हैं, जिनमें दोनों उस घटना के
बारे में बात कर रहे हैं। एक ब्लॉग पर वह मेल पब्लिश की गई है, जो तरुण
तेजपाल ने पीड़ित पत्रकार को 19 नवंबर को भेजी थी। यह उस घटना के बाद की
पहली ई-मेल है।
तरुण तेजपाल ने लड़की को भेजी मेल में माफी मांगते हुए कहा कि वह घटना
हल्के-फुल्के और फ्लर्टी मूड में हुई थी और हो सकता है कि मैंने हालात को
समझने में गलती की हो। मगर 20 नवंबर को तेजपाल की इस मेल का जवाब देते हुए
लड़की ने तेजपाल को बुरी तरह से लताड़ा है।
घटना के बाद दोनों में क्या बात हुई थी, हम इसके अंश पेश कर रहे हैं।
तेजपाल की मेल और उस पर लड़की के जवाब वाली मेल में दोनों के बीच जिन
पॉइंट्स पर बात हुई, हम उन्हें एक साथ बातचीत के अंदाज में दे रहे हैं। इन
ई-मेल्स में जिन बाकी लोगों का जिक्र किया गया था, उनके नाम हटा दिए गए
हैं। पढ़ें:
उस रात हुई घटना के बारे में
तरुण तेजपाल: जहां तक उस मनहूस रात की बात है, तुम याद करो तो हम नशे में,
हंसी-मजाक और फ्लर्टी अंदाज में इच्छाओं और सेक्स के बारे में बात कर रहे
थे। हम उस तूफानी शाम को हुई मुलाकात को याद कर रहे थे, जब मैं ऑफिस में
बादलों को देख रहा था। मैं यह भी बताना चाहता हूं कि एक मौके पर तुमने कहा
था कि आप बॉस हैं। इस पर मैंने कहा कहा था कि इससे तब तो और भी अच्छी बात
है। लेकिन उसी दौरान मैंने कहा था कि इससे मेरे और तुम्हारे बीच के किसी
रिश्ते का कोई लेना-देना नहीं है।
पीड़ित लड़की: उस रात बातें न तो फ्लर्ट से भरी थीं और न नशे में की गई
थीं। आप सेक्स और इच्छाओं के बारे में बात कर रहे थे, क्योंकि आप मुझसे बात
करते वक्त अक्सर वही सब्जेक्ट चुनते हैं। अफसोस कि आपने कभी मेरे काम के
बारे में बात नहीं की। और अगर आपने उसे पढ़ने के लिए वक्त निकाला होता, तो
आपकी हिम्मत नहीं होती मेरा यौन उत्पीड़न करने की कोशिश करने की। आपको इस
बात का भी अंदाजा होता कि इस सब के बाद मैं चुप बैठने वाली नहीं हूं। उस
रात हमने किसी 'तूफानी शाम के बादलों' की चर्चा भी नहीं की थी। मैं तो आपके
साथ अपनी उस पहली स्टोरी के बारे में बात करना चाहती थी, जो एक रेप से
बचने वाली लड़की के बारे में आपके साथ लिखी थी। ##### ने मुझे आपके ऑफिस
में बुलाया। मैं अंदर गई, जहां बत्ती बंद करके काउच पर बैठे हुए थे। मैंने
लाइट ऑन करने को कहा था तो आपने मना कर दिया था। आप काउच पर लेटे रहे। मैं
आपके सामने चेयर पर बैठी रही और उस लड़की की कहानी आपको सुनाई। आपने भी उस
प्रफेशल वजह को ही याद किया था, न कि तूफान और बादलों को।
सहमति या असहमति के बारे में
तरुण तेजपाल: जब यह सब कुछ हुआ, उस दौरान मूड मस्ती और खुशमिजाजी भरा था।
मुझे एक पल के भी नहीं लगा कि तुम नाराज हो। मुझे तब तक नहीं लगा कि यह सब
तुम्हारी सहमति से नहीं हुआ, जब तक अगली रात #### ने मुझे नहीं बताया। मैं
शॉक में था और पूरी तरह से हिल गया था। ऐसा इसलिए, क्योंकि तुम्हें लगा था
कि मैंने तुम्हारे साथ जबर्दस्ती की है (जो कि मेरा इरादा नहीं था)। मैं
शॉक में था क्योंकि मैंने अपनी बेटी की करीबी दोस्त के साथ गैरजिम्मेदाराना
और बेवकूफी भरा कुछ किया था। उस वक्त मैं बहुत शर्मिंदा हुआ और अब भी
शर्मिंदा हूं। (जो बात सच नहीं है वह ये कि मैंने कभी धमकी का एक शब्द नहीं
कहा।)'
पीड़ित लड़की: मेरी अहमति इससे जाहिर होती है: जैसे ही आपने मुझ पर हाथ
रखा, मैंने आपको रुकने के लिए कहा था। मैंने हर उस शख्स और उसूल की दुहाई
दी, जो हमारे लिए अहमियत रखते थे (आपकी बेटी, पत्नी, शोमा, मेरे पापा)।
मैंने यह भी कहा कि आप मेरे एम्प्लॉयर हैं। लेकिन आप सुन नहीं रहे थे। आप
रुके नहीं और मेरा उत्पीड़न करते रहे। अगली रात भी आपने ऐसा ही किया। तहलका
की एडिट मीटिंग्स में हमने उन पुरुषों की बात की है जो दरिंदे बन जाते
हैं। आपने भी अपनी स्टोरीज़ में इसका जिक्र किया है। क्या यही है उस सब की
हकीकत, न को न नहीं समझना?
आपने सिर्फ मुझे #### को इस घटना के बारे में बताने पर न सिर्फ डांटा था,
बल्कि अगली सुबह टेक्स्ट मेसेज भी भेजा था जिसमें लिखा था, 'मुझे यकीन नहीं
हो रहा कि तुमने उसे इतनी मामूली बात बता दीं।' 'तरुण, मुझे भरोसा नहीं
होता कि तुम अपनी बेटी की दोस्त और उसकी उम्र की एम्प्लॉयी का उत्पीड़न के
बारे में सोच भी सकते हो। क्या यह मामूली बात थी?
घटना के बारे में माफीनामा
तरुण तेजपाल: तुमने साफ कर दिया है कि मुझे समझने में ही गलती हुई। मैं
तुम्हें आ रहे गुस्से और तुम्हें पहुंची ठेस को समझा हूं और इसपर कोई बात
नहीं करूंगा। यह मेरी जिंदगी का सबसे बुरा पल है। जो कुछ हंसी-मजाक में हो
रहा था, नहीं पता था कि उसका नतीजा इतना बुरा रहेगा। मुझे माफ कर दो और इसे
भूल जाओ। मैं तुम्हारी मां से मिलूंगा और उनसे माफी मांगूंगाI तुम चाहोगी
तो #### से भी माफी मांगने को तैयार हूं। मैं चाहता हूं कि तुम पहले की तरह
ही तहलका के लिए काम करो और शोमा को रिपोर्ट करती रहो। तहलका और शोमा ने
तुम्हें कभी निराश नहीं किया है। मेरी सजा मुझे मिल गई है और शायद मेरी
जिंदगी के आखिरी दिन तक मुझे मिलती रहेगी।
पीड़ित लड़की: आपकी #### से माफी मांगने की इच्छा रखने से लग रहा है कि आप
मुझे उसकी प्रॉपर्टी समझते हैं और खुद को उसके प्रति जवाबदेह मानते हैं।
इससे तो आपकी उस पुरुषवादी सोच की बू आ रही है, जिसमें यह माना जाता है कि
महिलाओं के शरीर पर पुरुषों का अधिकार है।
अगर आपको किसी से माफी मांगनी है, तो तहलका के उन कर्मचारियों से मांगिए,
जिनके दिलों में आपने अपना सम्मान गिरा दिया है। प्लीज, आगे से मुझसे
पर्सनल मेल करने की कोशिश मत करना। आपने यह अधिकार उसी वक्त खो दिया था, जब
आपने मेरे विश्वास और शरीर पर हमला किया।