गुरुवार, 28 नवंबर 2013

35 वर्षीय कांग्रेसी एमएलए ने किया 1.03 करोड़ का मेडिकल क्लेम

नई दिल्ली। 
आपने किसी बुजुर्ग आदमी का मेडिकल बिल लाखों में आया हो यह तो सुना होगा, मगर दिल्ली में युवा कांग्रेसी विधायक विपिन शर्मा द्वारा किए गये मेडिकल क्लेम की राशि 1.03 करोड़ है जबकि इन जनाब की उम्र महज 35 साल है। उनके द्वारा किए गए मेडिकल क्लेम का खुलासा एक आरटीआई से हुआ है।
दिल्ली में 43 एमएलए द्वारा दिए गए मेडिकल क्लेम में यह राशि सर्वाधिक है, यह क्लेम साल 2008 से अक्टूबर 2013 तक के लिए किया गया है। विपिन शर्मा के एक निर्दलीय विधायक भरत सिंह का नाम आता है जिनकी मेडिकल क्लेम की राशि 25 लाख रुपए है।
इसके बाद नाम आता है एच. एस. बाली का, इनका मेडिकल क्लेम 17 लाख रुपए है। ये साहब हाल ही में बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
-एजेंसी

सेक्स की मांग पर मिस यूनीवर्स ऑर्गनाइजेशन के खिलाफ केस

शौकिया मॉडल एश्ले ब्लेक ने मिस यूनिवर्स ऑर्गेनाइजेशन पर मुकदमा दायर किया है। एश्ले के मुताबिक डॉनल्ड ने उसके मॉडलिंग करियर को ऊंचाइयों तक पहुंचाने के एवज में ओरल सेक्स की मांग की थी। उत्तरी कैलिफोर्निया के ट्रेसी में रहने वाली 21 वर्षीय एश्ले ने बुधवार को मिस यूनिवर्स ऑर्गेनाइजेशन के खिलाफ मुकदमा दायर किया, जिसमें उसने प्रतियोगिता के दौरान स्वयं के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
एश्ले का दावा है कि मिल कैलिफोर्निया यूएसए के रिक्रूटर डोमिंगो रॉड्रिग्ज ने उसे मॉडलिंग जॉब्स और मैगजीन कवर पर छपने का लालच दिया। लेकिन उससे कार में मुलाकात के दौरान सेक्शुअल संबंध बनाने को कहा गया। एश्ले के मतुाबिक इस घटना के बाद वह इतनी ज्यादा डर गई थी कि तुरंत कार से निकलकर भाग गई।
इस घटना के बाद एश्ले ट्रेसी पुलिस डिपार्टमेंट में रॉड्रिग्ज के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने पहुंची, लेकिन पुलिस अधिकारियों द्वारा यह कहकर शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया गया क्योंकि उसपर सेक्स करने का दबाव नहीं डाला गया था।
पुलिस द्वारा शिकायत दर्ज नहीं करने से आहत एश्ले मिस यूनिवर्स ऑर्गेजनाइजेशन पर झूठा वादा करने और मॉडल को लालच देने का मुकदमा दायर करवाया है। टीएमजेड के मुताबिक एश्ले ऑर्गेनाइजेशन से मुआवजे के तौर पर 200,000 डॉलर चाहती हैं।
'जेजेबेल' के मुताबिक एश्ले ब्लेक शौकिया मॉडल और पार्ट टाइम ट्यूटर हैं। फिल्म स्टार बनने की ख्वाहिश रखने वाली एश्ले से नवंबर 2012 में मिस कैलिफोर्निया यूएसए रिक्रूटर ने मॉडलिंग के लिए संपर्क किया था। एश्ले ने रिक्रूटर की रिक्वेस्ट को स्वीकार किया और मीटिंग फिक्स कर ली।
ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म भरने के बाद उसे इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इंटरव्यू सेशल में एश्ले की मुलाकात डोमिंगो रॉड्रिग्ज से हुई। इस धोखाधड़ी के बारे में एक यू-ट्यूब वीडियो में एश्ले बताती हैं, "मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरा चयन होगा। जब उन्होंने मुझे चुना तो मुझे लगा कि मेरा सपना पूरा होने वाला है।"
प्रमोशनल वीडियो देखने और इंटरव्यू के बाद एश्ले से स्पॉंसर्स खोजने के लिए 895 डॉलर की नॉन रिफंडेबल एप्लीकेशन फीस की मांग की गई। रॉड्रिग्ज द्वारा मियामी की एक मैगजीन में कवर मॉडल बनने का लालच भी दिया गया। बाद में रॉड्रिग्ज ने मैसेज और ईमेल के जरिए एश्ले से संपर्क भी किया।
एश्ले के मुताबिक एक अधेड़ व्यक्ति द्वारा इतना इंट्रेस्ट लेने से उसे कुछ शक हुआ और उसने ऑर्गेनाइजेशन के दफ्तर जाकर उसके बारे में जानकारी जुटाई। वहां उसे मालूम चला कि रॉड्रिग्ज वहां काम करता है और कोई फ्रॉड नहीं है। एक दिन मॉडलिंग फोटो के साथ रॉड्रिग्ज ने उसे मिलने के लिए बुलाया और अपनी कार में मीटिंग फिक्स की।
एश्ले के मुताबिक रॉड्रिग्ज ने उसे बताया कि इंडस्ट्री के 90 प्रतिशत से ज्यादा मॉडल्स बिना कंप्रोमाइज के आगे नहीं बढ़े हैं। रॉड्रिग्ज ने उसे खुद को साबित करने की बात भी कही। एश्ले के असहमति जताने पर उसे कार से नीचे उतार दिया गया और अपने निर्णय पर दुबारा विचार करने को कहा गया।
-एजेंसी

इन्वेस्टिगेटिंग जर्नलिज्म के नाम पर..


इन्वेस्टिगेटिंग जर्नलिज्म के नाम पर अपनी दुकान चलाने वाले तरूण तेजपाल के पुराने पाप अब धीरे धीरे सामने आ रहे हैं। एक समाचार चैनल के मुताबिक तेजपाल और उसकी पत्नी गीतान बत्रा ने उत्तराखण्ड के नैनीताल में बड़े पैमाने पर जमीन और प्रोपर्टी मेे निवेश कर रखा है।
गेथिया गांव में तेजपाल ने टू चिमनी नाम से एक रिसार्ट खरीद रखा है। तेजपाल फैमिली के पास जो प्रोपर्टी है उनमें से इसकी कीमत सबसे ज्यादा है। बताया जा रहा है कि तेजपाल का रिसार्ट बिना लाइसेंस के चल रहा है। रिसार्ट नैनीताल से चालीस किलोमीटर दूर है।
रिसार्ट की कहानी 1999 में शुरू हुई। पहले तेजपाल ने इस जमीन पर रिहायशी मकान बनाया था। बाद में इसे रिसार्ट का रूप दिया गया। 2009 में तेजपाल ने पर्यटन विभाग से पेईंग गेस्ट रखने के लिए लाइसेंस लिया लेकिन तीन साल बाद यानि 2012 में लाइसेंस लैप्स हो गया। अब तक उसका नवीनीकरण नहीं कराया गया है।
तेजपाल उत्तराखण्ड में कई अन्य प्रोपर्टी का भी मालिक है। नैनीताल के जिला प्रशासन ने तेजपाल के पास जमीनों के रिकॉर्ड खंगालने शुरू कर दिए हैं। नैनीताल के डिस्ट्रिक्ट लैण्ड रिकॉर्ड के मुताबिक तेजपाल के पास 14 नाली(एक नाली 240 स्कवायर यार्ड की होती है) लैण्ड है।
तेजपाल की पत्नी के नाम गेथिया में 5 नाली है। उत्तराखण्ड सरकार के लैण्ड एक्ट के मुताबिक बाहरी लोग 250 स्कवायर यार्ड से ज्यादा जमीन नहीं खरीद सकते। तेजपाल ने यह कहते हुए एक्ट से छूट चाही थी कि उसने 2003 से पहले जमीन खरीदी थी और लैण्ड एक्ट 2003 में लागू हुआ था।
-एजेंसी

तरुण तेजपाल के नए ई-मेल्‍स ने किया उन्‍हें और बेनकाब

नई दिल्‍ली। 
तहलका के एडिटर तरुण तेजपाल और उन पर आरोप लगाने वाली जूनियर कॉलीग की नई मेल्स लीक हो गई हैं। ये वे शुरुआती ई-मेल्स हैं, जिनमें दोनों उस घटना के बारे में बात कर रहे हैं। एक ब्लॉग पर वह मेल पब्लिश की गई है, जो तरुण तेजपाल ने पीड़ित पत्रकार को 19 नवंबर को भेजी थी। यह उस घटना के बाद की पहली ई-मेल है।
तरुण तेजपाल ने लड़की को भेजी मेल में माफी मांगते हुए कहा कि वह घटना हल्के-फुल्के और फ्लर्टी मूड में हुई थी और हो सकता है कि मैंने हालात को समझने में गलती की हो। मगर 20 नवंबर को तेजपाल की इस मेल का जवाब देते हुए लड़की ने तेजपाल को बुरी तरह से लताड़ा है।
घटना के बाद दोनों में क्या बात हुई थी, हम इसके अंश पेश कर रहे हैं। तेजपाल की मेल और उस पर लड़की के जवाब वाली मेल में दोनों के बीच जिन पॉइंट्स पर बात हुई, हम उन्हें एक साथ बातचीत के अंदाज में दे रहे हैं। इन ई-मेल्स में जिन बाकी लोगों का जिक्र किया गया था, उनके नाम हटा दिए गए हैं। पढ़ें:
उस रात हुई घटना के बारे में
तरुण तेजपाल: जहां तक उस मनहूस रात की बात है, तुम याद करो तो हम नशे में, हंसी-मजाक और फ्लर्टी अंदाज में इच्छाओं और सेक्स के बारे में बात कर रहे थे। हम उस तूफानी शाम को हुई मुलाकात को याद कर रहे थे, जब मैं ऑफिस में बादलों को देख रहा था। मैं यह भी बताना चाहता हूं कि एक मौके पर तुमने कहा था कि आप बॉस हैं। इस पर मैंने कहा कहा था कि इससे तब तो और भी अच्छी बात है। लेकिन उसी दौरान मैंने कहा था कि इससे मेरे और तुम्हारे बीच के किसी रिश्ते का कोई लेना-देना नहीं है।
पीड़ित लड़की: उस रात बातें न तो फ्लर्ट से भरी थीं और न नशे में की गई थीं। आप सेक्स और इच्छाओं के बारे में बात कर रहे थे, क्योंकि आप मुझसे बात करते वक्त अक्सर वही सब्जेक्ट चुनते हैं। अफसोस कि आपने कभी मेरे काम के बारे में बात नहीं की। और अगर आपने उसे पढ़ने के लिए वक्त निकाला होता, तो आपकी हिम्मत नहीं होती मेरा यौन उत्पीड़न करने की कोशिश करने की। आपको इस बात का भी अंदाजा होता कि इस सब के बाद मैं चुप बैठने वाली नहीं हूं। उस रात हमने किसी 'तूफानी शाम के बादलों' की चर्चा भी नहीं की थी। मैं तो आपके साथ अपनी उस पहली स्टोरी के बारे में बात करना चाहती थी, जो एक रेप से बचने वाली लड़की के बारे में आपके साथ लिखी थी। ##### ने मुझे आपके ऑफिस में बुलाया। मैं अंदर गई, जहां बत्ती बंद करके काउच पर बैठे हुए थे। मैंने लाइट ऑन करने को कहा था तो आपने मना कर दिया था। आप काउच पर लेटे रहे। मैं आपके सामने चेयर पर बैठी रही और उस लड़की की कहानी आपको सुनाई। आपने भी उस प्रफेशल वजह को ही याद किया था, न कि तूफान और बादलों को।
सहमति या असहमति के बारे में
तरुण तेजपाल: जब यह सब कुछ हुआ, उस दौरान मूड मस्ती और खुशमिजाजी भरा था। मुझे एक पल के भी नहीं लगा कि तुम नाराज हो। मुझे तब तक नहीं लगा कि यह सब तुम्हारी सहमति से नहीं हुआ, जब तक अगली रात #### ने मुझे नहीं बताया। मैं शॉक में था और पूरी तरह से हिल गया था। ऐसा इसलिए, क्योंकि तुम्हें लगा था कि मैंने तुम्हारे साथ जबर्दस्ती की है (जो कि मेरा इरादा नहीं था)। मैं शॉक में था क्योंकि मैंने अपनी बेटी की करीबी दोस्त के साथ गैरजिम्मेदाराना और बेवकूफी भरा कुछ किया था। उस वक्त मैं बहुत शर्मिंदा हुआ और अब भी शर्मिंदा हूं। (जो बात सच नहीं है वह ये कि मैंने कभी धमकी का एक शब्द नहीं कहा।)'
पीड़ित लड़की: मेरी अहमति इससे जाहिर होती है: जैसे ही आपने मुझ पर हाथ रखा, मैंने आपको रुकने के लिए कहा था। मैंने हर उस शख्स और उसूल की दुहाई दी, जो हमारे लिए अहमियत रखते थे (आपकी बेटी, पत्नी, शोमा, मेरे पापा)। मैंने यह भी कहा कि आप मेरे एम्प्लॉयर हैं। लेकिन आप सुन नहीं रहे थे। आप रुके नहीं और मेरा उत्पीड़न करते रहे। अगली रात भी आपने ऐसा ही किया। तहलका की एडिट मीटिंग्स में हमने उन पुरुषों की बात की है जो दरिंदे बन जाते हैं। आपने भी अपनी स्टोरीज़ में इसका जिक्र किया है। क्या यही है उस सब की हकीकत, न को न नहीं समझना?
आपने सिर्फ मुझे #### को इस घटना के बारे में बताने पर न सिर्फ डांटा था, बल्कि अगली सुबह टेक्स्ट मेसेज भी भेजा था जिसमें लिखा था, 'मुझे यकीन नहीं हो रहा कि तुमने उसे इतनी मामूली बात बता दीं।' 'तरुण, मुझे भरोसा नहीं होता कि तुम अपनी बेटी की दोस्त और उसकी उम्र की एम्प्लॉयी का उत्पीड़न के बारे में सोच भी सकते हो। क्या यह मामूली बात थी?
घटना के बारे में माफीनामा
तरुण तेजपाल: तुमने साफ कर दिया है कि मुझे समझने में ही गलती हुई। मैं तुम्हें आ रहे गुस्से और तुम्हें पहुंची ठेस को समझा हूं और इसपर कोई बात नहीं करूंगा। यह मेरी जिंदगी का सबसे बुरा पल है। जो कुछ हंसी-मजाक में हो रहा था, नहीं पता था कि उसका नतीजा इतना बुरा रहेगा। मुझे माफ कर दो और इसे भूल जाओ। मैं तुम्हारी मां से मिलूंगा और उनसे माफी मांगूंगाI तुम चाहोगी तो #### से भी माफी मांगने को तैयार हूं। मैं चाहता हूं कि तुम पहले की तरह ही तहलका के लिए काम करो और शोमा को रिपोर्ट करती रहो। तहलका और शोमा ने तुम्हें कभी निराश नहीं किया है। मेरी सजा मुझे मिल गई है और शायद मेरी जिंदगी के आखिरी दिन तक मुझे मिलती रहेगी।
पीड़ित लड़की: आपकी #### से माफी मांगने की इच्छा रखने से लग रहा है कि आप मुझे उसकी प्रॉपर्टी समझते हैं और खुद को उसके प्रति जवाबदेह मानते हैं। इससे तो आपकी उस पुरुषवादी सोच की बू आ रही है, जिसमें यह माना जाता है कि महिलाओं के शरीर पर पुरुषों का अधिकार है।
अगर आपको किसी से माफी मांगनी है, तो तहलका के उन कर्मचारियों से मांगिए, जिनके दिलों में आपने अपना सम्मान गिरा दिया है। प्लीज, आगे से मुझसे पर्सनल मेल करने की कोशिश मत करना। आपने यह अधिकार उसी वक्त खो दिया था, जब आपने मेरे विश्वास और शरीर पर हमला किया।

'द्रोहकाल का पथिक' ने हंगामा मचाया

पूर्व सांसद राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव ने एक सनसनीखेज बयान देकर सियासी हलकों में तूफान खड़ा कर दिया है। पप्पू यादव ने यह तमाम खुलासे अपनी किताब `द्रोहकाल का पथिक` किया है। पप्पू यादव ने अपनी इस किताब में दावा किया है कि वर्ष 2008 के विश्वास मत से पहले यूपीए और एनडीए ने उनसे संपर्क साधा था। दोनों पार्टियां (कांग्रेस और बीजेपी) ने सांसदों को 40-40 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी। पप्पू के दावे के मुताबिक जुलाई 2008 में विश्वास मत के दौरान भी कांग्रेस और बीजेपी ने सांसदों के समर्थन के लिए 40 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी।
पप्पू के मुताबिक वर्ष 2001 में एनडीए सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इंडियन फेडरल डेमोक्रेटिक पार्टी के तीन सांसदों को एनडीए का हिस्सा बनने के लिए पैसा दिया था।
पप्पू यादव के अनुसार सांसदों की कीमत को लेकर सौदेबाजी हुई थी। सांसद अनवारुल हक को एक एसेंट कार के साथ 1 करोड़ रुपये भी मिला। नागमणि को भी तत्काल 1 करोड़ रुपये दिए गए थे और बाद में राज्यमंत्री का पद देने का भरोसा दिलाया गया था। पप्पू के मुताबिक ये सौदेबाजी बीजेपी के यशवंत सिन्हा ने खुद की थी। हालांकि इस मसले पर यशवंत सिन्हा ने पप्पू यादव के इन दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है और उन्होंने कहा कि इस मामले पर टिप्पणी की जरूरत नहीं है। 
-एजेंसी
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