शनिवार, 20 जुलाई 2013

रमन सिंह और उनके 4 मंत्रियों पर कांग्रेस ने गिराया CD बम

नई दिल्ली। नवंबर में होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा धमाका हुआ है। कांग्रेस ने राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ओर उनके चार वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों पर एक बैंक घोटाले के मामले में एक-एक करोड़ रुपए घूस लेने का आरोप लगाया है। यह मामला 2006 में रायपुर के इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक का है, जिसमें 23 करोड़ रुपए का बैंक घोटाला हुआ था।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और प्रदेश के कार्यक्रम समन्वयक भूपेश बघेल ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इस घोटाले के मुख्य अरोपियों में से एक बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट की सीडी जारी की है।
बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट वीडियो में उन्हें मुख्यमंत्री रमन सिंह और कैबिनेट के चार वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल, राजेश मूणत, रामविचार नेताम के अलावा तत्कालीन डीजीपी ओ पी राठौड़ को एक-एक करोड़ रुपए देने की बात कहते देखा-सुना जा सकता है।

भूपेश बघेल ने कहा है कि नक्सली हमले में मारे गए कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के बेटे दिनेश पटेल ने एक एसएमएस के जरिए कहा था कि वे सरकार के खिलाफ ऐसा एक भंडाफोड़ करने वाले हैं जिससे सरकार गिर जाएगी वे इसी सीडी की बात कर रहे थे।
उन्होंने आरोप लगाया है कि इसी की वजह से नंदकुमार पटेल और उनके बेटे दिनेश पटेल की हत्या करवा दी गई।
सीडी में बैंक प्रबंधक उमेश सिन्हा कहते हैं, "एक करोड़ रुपए रमन सिंह को दिया मुख्यमंत्री हैं उसको, एक करोड़ रुपए राम विचार नेताम को, सहकारिता मंत्री हैं उसको, एक करोड़ रुपए जो है ओपी राठौड़ जो अभी मर गया है, एक करोड़ रुपए बालकृष्ण और बृजमोहन अग्रवाल वहां का विधायक है को। एक करोड़ रुपए राजेश मूणत को दिया हूं।"
उन्हें यह कहते हुए दिखाया गया है कि वे ख़ुद मुख्यमंत्री रमन सिंह से मिले थे और उन्हें वह बैग सौंपा था, जिसके बारे में बैंक की चेयरपर्सन रीता तिवारी ने कहा था कि उसमें एक करोड़ रुपए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया है कि रीता तिवारी ने सभी राजनीतिज्ञों को पैसे भिजवाए थे।
वे सीडी में ये कहते हुए दिखते हैं कि बैंक की चेयरपर्सन रीता तिवारी ने बैंक से नौ करोड़ रुपए लिए थे। उनके अनुसार बैंक के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स के दूसरे सदस्यों ने बैंक से करोड़ों की राशि इधर उधर की और राजनीतिज्ञों को इसलिए पैसे दिए गए क्योंकि वो ही उन्हें बचा सकते थे।
कांग्रेस के प्रवक्ता शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि उनके पास इस बात के प्रमाण मौजूद हैं कि जांचकर्ताओं ने इस मामले की सीबीआई जांच की सिफ़ारिश की थी लेकिन सरकार ने इसे दबा दिया।
इस्तीफे की मांग
कांग्रेस के नेता भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों से तत्काल इस्तीफ़ा देने की मांग की है।
उनका कहना है कि यह सीडी सरकार के भ्रष्ट चेहरे को उजागर करती है और इसके बाद मुख्यमंत्री और मंत्रियों को कोई नैतिक अधिकार नहीं है कि वे पद पर बने रहें।
उन्होंने कहा कि जैसा कि जांच अधिकारियों ने कहा था इस मामले की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए।
रमन सिंह की छवि का सवाल
वर्ष 2006 में जब यह मामला उजागर हुआ था, तो इस बैंक में 23,000 खाताधारक थे।
इस मामले में एफआईआर दर्ज कर बैंक के कुछ निदेशकों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने जांच बैठाई थी।
अदालत ने मामले की जांच कर रही एजेंसियों को निर्देश दिया था कि वह बैंक के मैनेजर उमेश सिन्हा का नार्को टेस्ट करे। नियमों के मुताबिक इस टेस्ट की वीडियोग्राफी भी की गई।
कांग्रेस का आरोप है कि जब इस वीडियो के बारे में छत्तीसगढ़ सरकार को पता चला, तो उसने अदालत में सौंपने से पहले वीडियो से छेड़छाड़ की।
यह सीडी न केवल रमन सिंह बल्कि भाजपा आला कमान के लिए भी बड़ा सिरदर्द साबित हो सकती है।
शुक्रवार को नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा की जिस टीम का ऐलान किया गया, उसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर ‌पर्रिकर को भी जगह दी गई।
शिवराज सिंह चौहान और मनोहर ‌पर्रिकर के अलावा रमन सिंह की छवि अब तक ऐसे मुख्यमंत्री के रूप में पेश की जाती है, जो साफ-सुथरे अंदाज में विकास पर जोर देते हैं।
लेकिन यह नया मामला खुलने से रमन सिंह के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती हैं, क्योंकि छत्तीसगढ़ में बहुत जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में यह सीडी कांग्रेस के लिए बड़ा हथियार साबित हो सकती है।
-एजेंसी

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