बुधवार, 7 नवंबर 2012

मिसाइल और टैंक देश को सुरक्षा नहीं दे सकते: इफ्तिखार चौधरी

पाकिस्तान में सेना और अदालत के बीच चल रहे टकराव के बीच मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी ने मंगलवार को कहा कि मिसाइलें और टैंक देश में स्थिरता और सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकते और जजों को राज्यों में कानून की सर्वोच्चता सुनिश्चित करनी चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश का यह बयान सेना प्रमुख अशफाक कयानी की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें अशफाक कयानी ने सुप्रीम कोर्ट को कड़े शब्दों में चेताया हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट देश की सेना को कमजोर करने की कोशिश न करे।
नेशनल मैनेजमेंट कॉलेज के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए चौधरी ने कहा कि अब वह समय नहीं रहा जब देश की स्थिरता और सुरक्षा के लिए मिसाइलों और टैंकों की संख्या को महत्वपूर्ण माना जाता था।
उन्होंने कहा कि संविधान के संरक्षक और रक्षक के रूप में सुप्रीम कोर्ट के जजों को संस्थाओं और प्राधिकारों पर संविधान की श्रेष्ठता बनाए रखने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
उल्लेखनीय है कि सेना प्रमुख अशफाक कयानी ने कल सुप्रीम कोर्ट को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा था कि वह सेना को कमजोर करने की कोशिश न करे। यदि वह ऐसा करता है तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। पिछले महीने मुख्य न्यायाधीश चौधरी ने कहा था कि सेना देश की राजनीति में हस्तक्षेप करना बंद करे। इसके पहले पाकिस्तान की सियासत और सुप्रीम कोर्ट में तनातनी का माहौल था। इसी माहौल में पाक के पूर्व प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी को इस्तीफा देना पड़ा था।
पाकिस्तान की सत्ता 65 साल के इतिहास में आधे से ज्यादा समय सेना के हाथ में ही रही है। समय-समय पर अदालत, सेना और राजनीति में खतरनाक टकराव होते रहता है।

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