नई दिल्ली। रेलवे घूस कांड में नया खुलासा हुआ है। एक
समाचार पत्र के मुताबिक रेलवे बोर्ड के निलंबित सदस्य महेश कुमार को
चेयरमैन बनाने के लिए उनकी जन्मतिथि में बदलाव किया गया था।
समाचार पत्र के मुताबिक सरकारी रिकॉर्ड में महेश कुमार की जन्मतिथि 15 मई 1955 की जगह 15 जुलाई 1955 कर दी गई। जन्मतिथि में दो महीने के बदलाव के बाद महेश कुमार रेलवे बोर्ड के चेयरमैन पद के लिए योग्य हो जाता। गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड के मौजूदा चेयरमैन विनय मित्तल 30 जून को रिटायर होने वाले हैं।
रेलवे बोर्ड का चेयरमैन बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार की दो साल की नौकरी बची हो। यह भी जरूरी है कि उम्मीदवार के पास जनरल मैनेजर के रूप में एक साल का अनुभव हो।
महेश कुमार जनरल मैनेजर पद पर रह चुका है इसलिए एक योग्यता तो उसके पास थी लेकिन जन्मतिथि 15 मई 1955 होने के कारण वह 15 मई 2015 में रिटायर हो जाता। जन्मतिथि में बदलाव के बाद वह 15 जुलाई 2015 को रियाटर होता यानि उसके पास दो साल की नौकरी बची रहती। ऎसे में वह रेलवे बोर्ड के चेयरमैन पद के लिए योग्य हो जाता। - (एजेंसी)
समाचार पत्र के मुताबिक सरकारी रिकॉर्ड में महेश कुमार की जन्मतिथि 15 मई 1955 की जगह 15 जुलाई 1955 कर दी गई। जन्मतिथि में दो महीने के बदलाव के बाद महेश कुमार रेलवे बोर्ड के चेयरमैन पद के लिए योग्य हो जाता। गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड के मौजूदा चेयरमैन विनय मित्तल 30 जून को रिटायर होने वाले हैं।
रेलवे बोर्ड का चेयरमैन बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार की दो साल की नौकरी बची हो। यह भी जरूरी है कि उम्मीदवार के पास जनरल मैनेजर के रूप में एक साल का अनुभव हो।
महेश कुमार जनरल मैनेजर पद पर रह चुका है इसलिए एक योग्यता तो उसके पास थी लेकिन जन्मतिथि 15 मई 1955 होने के कारण वह 15 मई 2015 में रिटायर हो जाता। जन्मतिथि में बदलाव के बाद वह 15 जुलाई 2015 को रियाटर होता यानि उसके पास दो साल की नौकरी बची रहती। ऎसे में वह रेलवे बोर्ड के चेयरमैन पद के लिए योग्य हो जाता। - (एजेंसी)
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