सोमवार, 27 अप्रैल 2015

ठगों का गिरोह तो नहीं रीयल एस्‍टेट ग्रुप “जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स” ?

मथुरा। “जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स”  की ओर से 25 अप्रैल 2015 के दैनिक जागरण और 26 अप्रैल 2015 के हिन्‍दुस्‍तान अखबार में एक ही प्रकार के “जैकेट विज्ञापन” प्रकाशित कराये गये हैं।
मथुरा की सांसद और प्रसिद्ध अभिनेत्री हेमा मालिनी द्वारा इन दोनों तारीखों पर वृंदावन में कराये गये दो दिवसीय “मथुरा महोत्‍सव” का इन विज्ञापनों में हवाला देते हुए और वृंदावन में ही प्रस्‍तावित विश्‍व के सबसे ऊंचे मंदिर चंद्रोदय की ”प्रतिकृति” दर्शाते हुए प्रचारित किया गया है कि ”राधा-रानी ग्रीन सिटी” (राधारानी मानसरोवर मंदिर के सामने) ”छोटी सी इन्‍वेस्‍टमेंट लायेगी खुशियों की सौगात”।
”मथुरा महोत्‍सव” में पधारे हुए सभी गणमान्‍य अतिथियों, कलाकारों एवं नागरिकों का ”जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स” हार्दिक स्‍वागत करता है” जैसे शब्‍दों के साथ विज्ञापन में लाल पट्टी के ऊपर अलग से लिखा गया है- ”रु. 2.40 लाख का प्‍लॉट खरीदो और रु. 2.56 लाख का बोनस वापस पाओ यानी प्‍लॉट फ्री”।
विज्ञापन में न तो कहीं यह लिखा है कि इस प्‍लॉट का आकार क्‍या होगा यानी यह कितना बड़ा होगा और न कहीं यह लिखा है कि प्‍लॉट होगा कहां।
विज्ञापन के कोने में “T&C Apply”  अर्थात ”नियम व शर्तें लागू” जरूर लिखा है, किंतु हर फ्रॉड विज्ञापन की तरह इसमें भी नियम व शर्तों का उल्‍लेख कहीं नहीं किया गया।
इस संदर्भ में जब ”लीजेण्‍ड न्‍यूज” ने विज्ञापन के तहत दिये गये ”जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स” के मोबाइल नंबर 8445087799 पर बात की तो किन्‍हीं ”सैंगर साहब” ने फोन रिसीव किया।
सैंगर साहब द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स की स्‍कीम वाले इन सभी प्‍लॉट्स का साइज 60 वर्ग गज का है। इस हिसाब से जमीन की कीमत 4 हजार रुपए प्रति वर्ग गज हुई।
सैंगर साहब के अनुसार ”जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स” प्‍लॉट के एकमुश्‍त दो लाख चालीस हजार रुपए जमा कराने वाले व्‍यक्‍ति को प्रति माह 1500 रुपए (पंद्रह सौ रुपए) देगा। यह पैसा प्‍लॉट खरीदने वाले के बैंक अकाउंट में दो साल तक जमा कराया जायेगा। इस तरह प्‍लॉट खरीदने वाले को दो सालों में 36 हजार रुपए प्राप्‍त होंगे। इसके साथ ही जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स प्‍लॉट लेने वाले के नाम 25 महीने बाद का (पोस्‍ट डेटेड) 2, 20,000 (दो लाख बीस हजार रुपए) की रकम वाला चेक देगा।
सैंगर साहब से यह पूछे जाने पर कि 25 महीने बाद इस चेक के बैंक से पास होने की क्‍या गारंटी होगी, सैंगर साहब ने साफ कहा कि गारंटी किसी बात की नहीं है। हम तो सिर्फ मार्केटिंग के बंदे हैं। इस बारे में बात करनी है तो ”सतीश मिश्रा जी” से बात कर लीजिए, उनका नंबर विज्ञापन में “EXOTIC PROMOTERS & DEVELOPERS” के साथ लिखा है।
प्‍लॉट बेचने वाले इसी विज्ञापन के दूसरे यानी नीचे वाले हिस्‍से जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स का ही एक और विज्ञापन है। इस विज्ञापन में ”मल्‍टी स्‍टोरी फ्लैट्स तथा डस्‍टर के रिबन बंधे डैमो” सहित लिखा है- 12 फ्लैट्स, 12 डस्‍टर”। ये फ्लैट्स भी डेवलेवमेंट अथॉर्टी से अप्रूव्‍ड हैं या नहीं, कहां बन रहे हैं और कितने मंजिल के बन रहे हैं, इसकी कोई जानकारी भी विज्ञापन में नहीं दी गई।
विज्ञापन के अनुसार स्‍कीम में जिन पांच भाग्‍यशाली ग्राहकों ने फ्लैट बुक किया था, उन्‍हें 26 अप्रैल को SUV डस्‍टर गाड़ियां वितरित की जानीं थीं।
भाग्‍यशाली विजेताओं के नाम लिखे हैं- मंजू चौहान, कपिल शर्मा, पंकज गौतम, मनोज कुमार तथा विजय कुमार। ये कौन हैं और कहां के हैं, इस बारे में विज्ञापन के अंदर कोई जानकारी नहीं दी गई है अलबत्‍ता ”डस्‍टर” वितरण की तारीख 26 मई 2015 की शाम साढ़े सात बजे और स्‍थान होटल शीतल रीजेंसी, मसानी रोड लिखा है।
होटल शीतल रीजेंसी पर कल देर शाम तक डस्‍टर वितरण जैसे किसी कार्यक्रम की जानकारी नहीं मिल पाई और न यह पता लगा कि भाग्‍यशाली विजेताओं को डस्‍टर वितरण किसके कर कमलों से होगा। इस बावत कोई जानकारी विज्ञापन में भी नहीं दी गई थी।
विज्ञापन में एक सूचना यह भी दी गई है कि मथुरा खंड के ”हर आत्‍म हादसाग्रस्‍त किसान परिवार को 100001 (एक लाख एक हजार) रुपए की मदद जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स की ओर से 15 मई 2015 को होटल शीतल रीजेंसी में ही शाम साढ़े सात बजे प्रदान की जायेगी।
इस मामले में भी ”जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स” की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं। सवाल इसलिए खड़े होते हैं कि आपदाग्रस्‍त और आत्‍महत्‍या करने वाले किसान परिवारों की यदि इन्‍फ्रा होम्‍स को वाकई मदद करनी है तो वह जिला प्रशासन अथवा उत्‍तर प्रदेश शासन के माध्‍यम से कर सकता था। उसके लिए स्‍वयं होटल पर बुलाकर रुपया बांटने की क्‍या आवश्‍यकता है।
दूसरा सवाल यह भी पैदा होता है कि ”जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स” कितने किसान परिवारों की मदद करने जा रहा है और क्‍या उसने शासन-प्रशासन से ऐसे किसान परिवारों की जानकारी कर ली है। क्‍या जिला प्रशासन से इस तरह पैसा बांटे जाने की इजाजत ली जा चुकी है।
क्‍योंकि विज्ञापन के जरिए ”जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स” ने जिस तरह का प्रचार किया है, उसे पढ़कर हजारों किसान पैसा लेने पहुंच सकते हैं और ऐसे में कानून-व्‍यवस्‍था बनाये रखने की समस्‍या खड़ी हो सकती है।
इस संबंध में लीजेण्‍ड न्‍यूज़ ने एडीएम प्रशासन से जानकारी की तो उनका कहना था कि किसानों को मुआवजे बांटने का जिम्‍मा एडीएम फाइनेंस देख रहे हैं इसलिए मैं इस बारे में कोई जानकारी नहीं दे सकता।
एडीएम फाइनेंस और डीएम से बात करने का काफी प्रयास किया गया किंतु उनका नंबर लगातार व्‍यस्‍त आता रहा।
जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स के बारे में जानकारी के निए गूगल का सहारा लिया तो पता लगा कि जे. एस इन्‍फ्रा नामक उत्‍तर प्रदेश के पीलीभीत जिले का एक वेलनोन रीयल एस्‍टेट ग्रुप है. इस ग्रुप के एक मालिक गंगवार का कहना है कि जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स से हमारा कोई वास्‍ता नहीं है और न मथुरा-वृंदावन में हमारा कोई कारोबार है।
गूगल पर jsinfrahomes.com को खोलने पर एक Enquiry Form खुलता है जिसके नीचे दिल्‍ली का एक डॉट नंबर तथा एक मोबाइल नंबर लिखा है। इसके अलावा कोई जानकारी नहीं दी गई है।
इन नंबरों पर बात करने से ज्ञात हुआ कि उनका भी मथुरा-वृंदावन में न तो कोई प्रोजेक्‍ट है और न इस नाम से उन्‍होंने वहां के या कहीं के भी किसी व्‍यक्‍ति को काम करने के लिए अधिकृत किया हुआ है। इस जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स से बात करने वाले संदीप नामक व्‍यक्‍ति ने कहा कि हम पूरे मामले की जानकारी करके पुलिस को सूचित करते हैं ताकि कोई हमारी फर्म या हमारे नाम का दुरुपयोग न कर सके।
”जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स” के दैनिक जागरण तथा हिन्‍दुस्‍तान अखबारों में छपे विज्ञापन के अंदर एक्‍सुक्‍लूसिव मार्केटेड बाय- एग्‍जोटिक प्रमोटर्स एंड डेवलेपर्स कृष्‍णा 2/B- 103-104 Omaxe Eternity, Chatikra Vrindavan Road, Vrindavan (UP)।
इस प्रमोटर्स के बारे में भी केवल ”क्‍वेरी फार्म” और एक मोबाइल नंबर लिखा है। साथ ही यह भी लिखा है-
Useful information
1- Avoid scams by acting locally or paying with PayPal
2- Never pay with Western Union, Moneygram or other anonymous payment services
3- Don’t buy or sell outside of your country. Don’t accept cashier cheques from outside your country
4-This site is never involved in any transaction, and does not handle payments, shipping, guarantee transactions, provide escrow services, or offer “buyer protection” or “seller certification”
यह कुछ इसी तरह है जिस तरह अखबार मालिक अपने यहां छपने वाले विज्ञापनों से पल्‍ला झाड़ने के लिए अखबार के किसी कोने में एक छोटी सी जरूरी सूचना छाप देते हैं कि विज्ञापन के सत्‍य-असत्‍य होने की हम कोई गारंटी नहीं देते। किसी भी प्रकार के लेन-देन से पहले स्‍वयं अपने स्‍तर से पूरी जानकारी कर लें।
आश्‍चर्य की बात यह है कि छोटी-छोटी बातों पर नजर रखने का दावा करने वाला जिला प्रशासन इतने गंभीर मामले में विज्ञापन छपने के बावजूद तमाशबीन बना हुआ है। मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण चुप्‍पी साधे बैठा है जबकि करोड़ों रुपए ठगने का प्‍लॉट विज्ञापनों में प्रलोभन के माध्‍यम से न केवल खड़ा कर लिया गया है बल्‍कि अनेक लोगों को ठगा भी जा चुका है। ऐसी सूचनाएं सामने आ रही हैं।
हो सकता है कि जब तक पुलिस, प्रशासन तथा मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण इस मामले पर ध्‍यान दें तब तक ”जे. एस. इन्‍फ्रा होम्‍स” करोड़ों रुपए की ठगाई करके निकल जाए और लालच में आकर इन्‍हें पैसा देने वालों के पास रिपोर्ट दर्ज कराने के अतिरिक्‍त कुछ हाथ में न रह जाए।
तब पैसा जमा करने वाले तो अपने साथ हुई ठगी का रोना रोयेंगे और पुलिस-प्रशासन सांप के निकल जाने पर लकीर पीटने की कहावत को चरितार्थ करता रहेगा।
-लीजेण्‍ड न्‍यूज़ विशेष

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