सोमवार, 18 अप्रैल 2011

यूपी के प्रमुख सचिव से अली के रिश्ते














देश में टैक्स चोरी के सबसे बड़े आरोपी हसन अली के रिश्ते उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के प्रमुख सचिव विजय शंकर पांडे से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) विजय शंकर को अगले कुछ दिनों में पूछताछ के लिए जल्द ही बुला सकता है।
विजय शंकर पांडे मायावती के पसंदीदा अफसरों में से एक माने जाते हैं। 1979 बैच के यूपी कैडर के अधिकारी विजय शंकर पांडे इस समय प्रमुख सचिव (सूचना) के पद पर हैं।
दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय ने पुडुचेरी के लेफ्टिनेंट गर्वनर इकबाल सिंह को समन भेज दिया है। ईडी ने बिहार से कांग्रेसी नेता अमलेंदु पांडे से 14 अप्रैल को पूछताछ करने के बाद विजय शंकर और इकबाल से पूछताछ करने का फैसला किया है। हसन अली के सहयोगी अमलेंदु ने पूछताछ में बताया था कि वह विजय शंकर और इकबाल सिंह के संपर्क में था।
शुक्रवार को ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री के दफ्तर से जांच में बाधा डालने की कोशिश की जा रही है। अमलेंदू पांडे पर पटना से फर्जी काग़ज़ात के आधार पर हसन अली के लिए पासपोर्ट तैयार कराने का आरोप है।
ईडी ने अमलेंदू पांडे से सिंगापुर में हसन अली द्वारा किए गए वित्तीय लेनदेन और पासपोर्ट के बारे में पूछताछ की थी। पूछताछ के दौरान अमलेंदू पांडे ने बताया था कि हसन अली को पासपोर्ट दिलवाने में काशीनाथ और पुड्डुचेरी के उपराज्यपाल इकबाल सिंह की अहम भूमिका रही है।
गौरतलब है कि हसन अली के पासपोर्ट के संबंध में सीबीआई ने कुछ जानकारी पटना पुलिस से मांगी थी। निदेशालय ने कोर्ट को बताया था हसन ने अपने स्विस बैंक खाते से सात लाख डॉलर ब्रिटेन स्थानांतरित करने की बात कबूल कर ली है। सरकारी वकील नितिन पांडे ने दलील दी कि हसन से पूछताछ अभी पूरी नहीं हो पाई है लिहाजा रिमांड बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन इस बारे में वे कोई भी सबूत पेश नहीं कर सके। हसन अली, अमलेंदू पांडे और काशीनाथ तापुरिया 1997 में यूनाइटेड बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड में खाता खुलवाने के लिए सिंगापुर गए थे।
हसन अली और उसके साथियों से 71,845 करोड़ रुपये आयकर के अलावा 2 लाख 15 हजार करोड़ रुपये का जुर्माना भी वसूला जा सकता है। जुर्माने की यह राशि 2011-12 केंद्रीय बजट में रक्षा सेवाओं के लिए हुए आवंटन (करीब 1 लाख 64 हजार 415 करोड़ रुपये) से कहीं अधिक होगी। जनवरी 2007 में हसन अली के ठिकानों पर मारे गए छापों में स्विट्जरलैंड के यूबीएस बैंक में 8 अरब डॉलर (करीब 36 हजार करोड़ रुपये) काले धन के रूप में जमा करने के सुबूत मिले थे। आयकर विभाग और सीएजी के आकलन के मुताबिक हसन अली और उसके साथियों पर 71,845 करोड़ रुपये टैक्स के तौर पर बकाया है। विभाग ने आयकर की यह राशि एसेसमेंट इयर 2007-08 से छह साल पहले यानी 2001-02 से आंकी है। तापुरिया की न्यायिक हिरासत बढ़ाकर 29 अप्रैल कर दी गई है। वहीं, हसन अली खान ने बॉम्बे हाई कोर्ट में जमानत की अर्जी दी है, जिस पर कोर्ट 20 अप्रैल को सुनवाई करेगा।
-एजेंसी

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