शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2013

यूपी के स्कूल में लादेन ने मांगा जॉब !

साल 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में अमरीकी हमले में दुनिया का सबसे खूंखार आतंकी और अल कायदा का सरगना ओसामा बिन लादेन मारा गया था पर विश्वास करें या नहीं लेकिन वह उन लाखों उम्मीदवारों में शामिल है जिसने यूपी के प्राइमरी स्कूल में टीचर की जॉब के लिए एप्लाई किया है।
ओसामा ने अपने पिता का नाम बिल क्लिंटन बताया है, जो अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति हैं। आगरा के ओसामा ने अकेले जॉब के लिए एप्लाई नहीं किया है। अयोध्या के राम जन्मभूमि के रहने वाले जय श्रीराम ने भी जॉब के लिए एप्लाई किया है। जय श्रीराम ने पिता का नाम दशरथ बताया है।
जय श्रीराम एग्जाम में हमेशा अव्वल आया है। उसने हर एग्जाम में 100 फीसदी अंक पाए हैं।
एक उम्मीदवार ने अपना नाम फर्जी बताया है। पिता का नाम फर्जी सिंह बताया है। एक ने अपना नाम एबीसीडीईएफजीएच बताया है। पिता का नाम एक्सवाईजेड दर्शाया है। डेली मेल के मुताबिक इन सभी के नाम शॉर्ट लिस्ट की गई उम्मीदवारों की पहली सूची में हैं।
उत्तर प्रदेश के बेसिक एजुकेशन डिपार्टमेंट के इस भर्ती अभियान पर हंसी आती है। इन सभी उम्मीदवारों ने एप्लिकेशन फॉर्म में अपना नाम, पता और पिता का नाम फर्जी लिखाया है। यह साफ है कि एप्लाई करने वाले उम्मीदवार फर्जी हैं लेकिन बेसिक एजुकेशन डिपार्टमेंट ने इन सभी को रजिस्ट्रेशन नंबर अलॉट कर दिए। यहीं नहीं, इन उम्मीदवारों के फर्जी पते पर काउंसलिंग के लिए पत्र भी भेज दिए। एप्लीकेशन की स्क्रीनिंग के दौरान 60 फीसदी उम्मीदवार फर्जी निकले।
विभाग ने 72 हजार 825 टीचरों की पोस्ट के लिए वेकेंसी निकाली। करीब 70 लाख आवेदन पत्र प्राप्त हुए। इनमें से सिर्फ 20 लाख उम्मीदवार ही सही पाए गए हैं। राज्य के बेसिक एजुकेशन स्टेट मिनिस्टर वसीम अहमद का कहना है कि विभाग गलतियों को ठीक कर लेगा। ऑनलाइन एप्लीकेशन लेने का सिस्टम और उसको सॉफ्टवेयर के जरिए शॉर्ट आउट करने का मकसद पारदर्शिता लाना है। कुछ दिक्कतें हो सकती हैं लेकिन इनको ठीक कर लिया जाएगा।
सबसे बड़ी बात यह है कि ज्यादातर उम्मीदवारों ने कक्षा दसवीं से बीएड तक 95 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि समस्या यह है कि पहले फर्जी उम्मीदवारों को कॉल किया जा सकता है और बाद में काउंसलिंग। ऎसा इसलिए है क्योंकि उनके टोटल नंबर 95 से 100 फीसदी तक दर्शाए गए हैं। यह साफ है कि ऎसे उम्मीदवारों का चयन नहीं होगा लेकिन उम्मीदवारों को शॉर्ट लिस्ट करने पर जो पैसा और संसाधन खर्च किए गए उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?
यह सबसे अच्छा होता कि विभाग ने आवेदन भरने के वक्त ही सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य कर दिया होता। बेसिक एजुकेशन डिपार्टमेंट के सचिव संजय सिन्हा ने कहा कि हम फाइनल मेरिट लिस्ट बनाने की प्रक्रिया में हैं। साफ है कि अंतिम काउंसलिंग के वक्त फर्जी उम्मीदवारों के नाम हटा दिए जाएंगे। सही उम्मीदवारों को ही मेरिट लिस्ट में लिया जाएगा और उन्हें अवसर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि टीचरों की वेकेंसी जिलेवार निकाली गई थी। 20 जिलों के लाखों उम्मीदवारों ने जॉब के लिए चयनित होने की उम्मीद से एप्लाई किया था।

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