सोमवार, 4 फ़रवरी 2013

ताज साहित्य उत्सव में मैस्‍से ने कहा शोभा डे को पोर्न लेखिका


रेजिनाल्‍ड मैस्‍से 
शोभा डे
ताजसाहित्य उत्सव में मशहूर एनआरआई लेखक रेजिनाल्‍ड मैस्‍से ने लेखिका शोभा डे के बारे में विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि शोभा डे खूबसूरत हैं, स्‍टाइलिश कपड़े पहनती हैं, लेकिन गंभीर लेखक नहीं हैं। वह सॉफ्ट पोर्नोग्राफी लिखती हैं। उनके लेखन में साहित्‍यिक बातें नहीं होती।
मैस्से के लिए उत्सव के समापन के बाद भी सेंट जोंस कॉलेज में विशेष व्‍याख्‍यान आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि स्‍टाइल और लुक का लाभ लेना शोभा डे की कला है। सॉफ्ट पोर्नोग्राफी किसी तरह का साहित्‍य नहीं हो सकता है। यदि आयोजन समिति के लोग यदि उनके संपर्क में हों, तो मेरा यह संदेश जरूर पहुंचा दें।
उन्होंने कहा कि भारतीय लेखकों में अहंकार समाया हुआ है। वे मजदूर की तरह लेखक हैं। इसलिए, लेखकों को अपने बौद्धिक संपदा अधिकार के संरक्षण के लिए ट्रेड यूनियन बनाना चाहिए। कविता और दर्शन (फिलॉसफी) अलग-अलग चीजें हैं। कविता में फिलॉसफी शामिल करना बेहद गलत है।
उन्‍होंने अरविंदो घोष का उदाहरण देते हुए कहा कि घोष की कविताएं इसी वजह से क्‍लिस्‍ट हैं। सबसे अच्‍छी कविताएं वही होती हैं, जो लोगों तक आसानी समझ में आ सके।
उनकी नजरों में सबसे बेहतर कवि रॉबर्ट फॉस्‍टो हैं। जवाहर लाल नेहरू ने आखिरी दिनों में उन्‍हीं की कविता गुनगुनाई थी। कविता और कहानियों में सामान्‍य शब्‍द उपयोग करने से संगीत एक ध्‍वनि महसूस होती है।
उन्होंने भारतीय संस्‍कृति, कला आदि पर लिखी किताबों के बारे में बताया। वह आगरा के सेंट जोंस कॉलेज से पढ़े थे और बाद में फ्रांस चले गए थे। अब वे लंदन में रह रहे हैं। कार्यक्रम में राजीव खंडेलवाल की काव्‍य पुस्‍तक का विमोचन किया गया। ताज साहित्‍य उत्‍सव के आयोजक बृज खंडेलवाल, हरविजय सिंह वाहिया ने साहित्‍य समारोह को सफल बताया। गौरतलब है कि दो दिन पहले ताज साहित्‍य उत्‍सव में लेखिका शोभा डे ने राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी पर टिप्‍पणी की थी। उन्‍होंने कहा कि राहुल गांधी भइया ही रह गए और मोदी से देश में चीन जैसी तानाशाही का खतरा है।
युवाओं और छात्रों को रेजिनाल्‍ड ने नेहरू की किताब ‘भारत एक खोज’ जरूर पढ़ने को कहा। इससे भारत के इतिहास और वर्तमान को समझने में सहायता मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि अंग्रेजी अब भारतीय भाषा बन गई है। अंग्रेजी में सैंकड़ों शब्‍द हिन्‍दी, तमिल, कन्‍नड़ गुजराती आदि भारतीय भाषाओं से ही लिए गए हैं। यहां तक कि कैश शब्‍द तमिल है, बंग्‍ला और टमैटो हिन्‍दी शब्‍द हैं। भारतीय संविधान किसी भी भारतीय भाषा में नहीं लिखी गई, बल्कि अंग्रेजी में। महान दलित डॉ. अम्‍बेडकर ने यह महान कार्य किया। अब साहित्‍य अकादमी ने लेखकर रस्किन बांड को पुरस्‍कार देकर अंग्रेजी को भी भारतीय भाषा मान लिया है।
युवाओं और छात्रों को रेजिनाल्‍ड ने नेहरू की किताब ‘भारत एक खोज’ जरूर पढ़ने को कहा। इससे भारत के इतिहास और वर्तमान को समझने में सहायता मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि अंग्रेजी अब भारतीय भाषा बन गई है। अंग्रेजी में सैंकड़ों शब्‍द हिन्‍दी, तमिल, कन्‍नड़ गुजराती आदि भारतीय भाषाओं से ही लिए गए हैं। यहां तक कि कैश शब्‍द तमिल है, बंग्‍ला और टमैटो हिन्‍दी शब्‍द हैं। भारतीय संविधान किसी भी भारतीय भाषा में नहीं लिखी गई, बल्कि अंग्रेजी में। महान दलित डॉ. अम्‍बेडकर ने यह महान कार्य किया। अब साहित्‍य अकादमी ने लेखकर रस्किन बांड को पुरस्‍कार देकर अंग्रेजी को भी भारतीय भाषा मान लिया है।

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