संत जयकृष्ण दास के नेतृत्व में यमुना को मुक्त कराने के लिए
मथुरा-वृंदावन से 01 मार्च को शुरू हुई पदयात्रा जैसे-जैसे दिल्ली के
नजदीक पहुंच रही है, वैसे-वैसे केन्द्र सरकार के नुमाइंदों की भी सक्रियता
बढ़ने लगी है।
यमुना रक्षक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत जयकृष्ण दास एवं उपाध्यक्ष एडवोकेट राकेश यादव ने 'लीजेण्ड न्यूज़' को बताया कि आज यमुना रक्षक दल की कोर कमेटी पर्यावरण और जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों ने पड़ाव स्थल पलवल (हरियाणा) के पृथला में मुलाकात की।
राकेश यादव के अनुसार पर्यावरण मंत्रालय से आये एडिशनल सेक्रेट्री शशि शेखर, डायरेक्टर सेंथिल तथा डिप्टी डायरेक्टर संजय सिंह और जल संसाधन मंत्रालय के कमिश्नर एम के माथुर ने यमुना रक्षक दल के लोगों से पूछा कि उनकी प्रमुख मांगें क्या-क्या हैं।
यमुना रक्षक दल ने इन अधिकारियों को बताया कि प्रथम तो यमुना को हथिनी कुंड से मुक्त करके निर्बाध रूप से यमुना में पानी छोड़ा जाए और दूसरे दिल्ली में यमुना के दोनों ओर नाले बनवाकर उनका पानी ट्रीट किया जाए तथा उस पानी को फिर नहरों में डाला जाए ताकि यमुना प्रदूषण मुक्त रहे, साथ ही नहरों के माध्यम से किसानों को पर्याप्त पानी मिल सके।
राकेश यादव ने बताया कि यमुना रक्षक दल ने इन अधिकारियों के सामने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है और बता दिया है कि इससे कम पर पदयात्रा न तो स्थगित की जायेगी और ना ही कोई समझौता मान्य होगा।
उन्होंने बताया कि ये अधिकारी अब सक्षम लोगों से बात करके जवाब देंगे लेकिन पदयात्रा किसी का इंतजार नहीं करेगी। वह निर्धारित तिथि को अपना लक्ष्य पूरा करने दिल्ली पहुंचेगी।
यमुना रक्षक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत जयकृष्ण दास एवं उपाध्यक्ष एडवोकेट राकेश यादव ने 'लीजेण्ड न्यूज़' को बताया कि आज यमुना रक्षक दल की कोर कमेटी पर्यावरण और जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों ने पड़ाव स्थल पलवल (हरियाणा) के पृथला में मुलाकात की।
राकेश यादव के अनुसार पर्यावरण मंत्रालय से आये एडिशनल सेक्रेट्री शशि शेखर, डायरेक्टर सेंथिल तथा डिप्टी डायरेक्टर संजय सिंह और जल संसाधन मंत्रालय के कमिश्नर एम के माथुर ने यमुना रक्षक दल के लोगों से पूछा कि उनकी प्रमुख मांगें क्या-क्या हैं।
यमुना रक्षक दल ने इन अधिकारियों को बताया कि प्रथम तो यमुना को हथिनी कुंड से मुक्त करके निर्बाध रूप से यमुना में पानी छोड़ा जाए और दूसरे दिल्ली में यमुना के दोनों ओर नाले बनवाकर उनका पानी ट्रीट किया जाए तथा उस पानी को फिर नहरों में डाला जाए ताकि यमुना प्रदूषण मुक्त रहे, साथ ही नहरों के माध्यम से किसानों को पर्याप्त पानी मिल सके।
राकेश यादव ने बताया कि यमुना रक्षक दल ने इन अधिकारियों के सामने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है और बता दिया है कि इससे कम पर पदयात्रा न तो स्थगित की जायेगी और ना ही कोई समझौता मान्य होगा।
उन्होंने बताया कि ये अधिकारी अब सक्षम लोगों से बात करके जवाब देंगे लेकिन पदयात्रा किसी का इंतजार नहीं करेगी। वह निर्धारित तिथि को अपना लक्ष्य पूरा करने दिल्ली पहुंचेगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया बताते चलें कि ये पोस्ट कैसी लगी ?