चंडीगढ़ । सीबीआई के एक अधिकारी ने केन्द्रीय
प्रशासनिक प्राधिकरण में चौंकाने वाला हलफनामा दिया है। इसमें कहा गया है
कि पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल के भांजे विजय सिंगला को पहले से ही यह
जानकारी मिल गई थी कि उसके घर छापा पड़ने वाला है। यह जानकारी सीबीआई के
वरिष्ठ अधिकारी ने ही दी थी।
उस अधिकारी ने उन दो मामलों की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी जिनमें पूर्व रेल मंत्री के रिश्तेदार और करीबी शामिल है। इंस्पेक्टर बलबीर सिंह ने यह हलफनामा 15 मई को दिया था। हलफनामे में कहा गया है कि चंडीगढ़ के डीआईजी महेश अग्रवाल के पवन बंसल से करीबी रिश्ते हैं।
10 करोड़ के रेलवे घूस कांड को लेकर 3 अप्रेल को जब दिल्ली की सीबीआई टीम ने सिंगला के घर छापा मारा तब अग्रवाल ने यह जानकारी लीक कर दी थी।
बलबीर सिंह का दावा है कि भ्रष्टाचार के एक मामले में अग्रवाल ने जूनियर अधिकारियों को चंडीगढ़ के नगर निगम के संयुक्त कमिश्नर राजीव गुप्ता का फेवर करने को कहा था।
राजीव बंसल के फाइनेंस ऑडिटर का भाई और सुनील गुप्ता का करीबी है। वह कैनरा बैंक में शेयरहोल्डर निदेशक है,इसी बैंक ने बंसल की पत्नी और बेटों की कंपनी थियोन फार्मस्यूटिकल को लोन दिया था। अग्रवाल 1994 बैच के तमिलनाडु रैंक के आईपीएस अधिकारी हैं। वह बंसल के रिश्तेदार भी है। अग्रवाल 2006 में चंडीगढ़ में एसपी बनकर आए थे। बाद में उनका डीआईजी रैंक पर प्रमोशन हो गया।
भाजपा नेताओं का दावा है कि 2006 में जब बंसल मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री बने तो वह अग्रवाल को चंडीगढ़ लेकर आए गए,जहां वह सात साल रहे। बलबीर ने कहा कि उसने दबाव में आने से इंकार कर दिया और अग्रवाल के खिलाफ आवाज उठाई, जिनका भोपाल ट्रांसफर हो गया था। बलबीर ने ट्रांसफर आदेश को चुनौती दी है।
कैट ने ट्रांसफर आदेश पर रोक लगा दी। बलबीर ने दावा किया कि अग्रवाल ने ही सिंगला के परिवार को छापे की कार्यवाही के बारे में जानकारी दी थी। छापे की कार्रवाई में तीन घंटे की देरी के कारण उन्हें सबूत नष्ट करने का मौका मिल गया।(एजेंसी)
उस अधिकारी ने उन दो मामलों की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी जिनमें पूर्व रेल मंत्री के रिश्तेदार और करीबी शामिल है। इंस्पेक्टर बलबीर सिंह ने यह हलफनामा 15 मई को दिया था। हलफनामे में कहा गया है कि चंडीगढ़ के डीआईजी महेश अग्रवाल के पवन बंसल से करीबी रिश्ते हैं।
10 करोड़ के रेलवे घूस कांड को लेकर 3 अप्रेल को जब दिल्ली की सीबीआई टीम ने सिंगला के घर छापा मारा तब अग्रवाल ने यह जानकारी लीक कर दी थी।
बलबीर सिंह का दावा है कि भ्रष्टाचार के एक मामले में अग्रवाल ने जूनियर अधिकारियों को चंडीगढ़ के नगर निगम के संयुक्त कमिश्नर राजीव गुप्ता का फेवर करने को कहा था।
राजीव बंसल के फाइनेंस ऑडिटर का भाई और सुनील गुप्ता का करीबी है। वह कैनरा बैंक में शेयरहोल्डर निदेशक है,इसी बैंक ने बंसल की पत्नी और बेटों की कंपनी थियोन फार्मस्यूटिकल को लोन दिया था। अग्रवाल 1994 बैच के तमिलनाडु रैंक के आईपीएस अधिकारी हैं। वह बंसल के रिश्तेदार भी है। अग्रवाल 2006 में चंडीगढ़ में एसपी बनकर आए थे। बाद में उनका डीआईजी रैंक पर प्रमोशन हो गया।
भाजपा नेताओं का दावा है कि 2006 में जब बंसल मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री बने तो वह अग्रवाल को चंडीगढ़ लेकर आए गए,जहां वह सात साल रहे। बलबीर ने कहा कि उसने दबाव में आने से इंकार कर दिया और अग्रवाल के खिलाफ आवाज उठाई, जिनका भोपाल ट्रांसफर हो गया था। बलबीर ने ट्रांसफर आदेश को चुनौती दी है।
कैट ने ट्रांसफर आदेश पर रोक लगा दी। बलबीर ने दावा किया कि अग्रवाल ने ही सिंगला के परिवार को छापे की कार्यवाही के बारे में जानकारी दी थी। छापे की कार्रवाई में तीन घंटे की देरी के कारण उन्हें सबूत नष्ट करने का मौका मिल गया।(एजेंसी)
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